हरदा जिला का परिचय
हरदा जिला को 1988 में होशंगाबाद जिले से अलग करके नया जिला बनाया गया था। हरदा को हृदयनगर के नाम से भी जाना जाता हैं, क्योंकि यह भारत के बीचों बीच स्थित हैं। हरदा के उत्तर मे सिवनी जिला स्थित हैं। हरदा क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का दूसरा सबसे छोटा जिला हैं। हरदा नर्मदापुरम संभाग के अंतर्गत आता है। हरदा का क्षेत्रफल 2644 किलोमीटर का हैं और 2011 की जनगणना के अनुसार हरदा जिले की आबादी 570465 हैं। भारत के महानतम स्वतन्त्रता सेनानियों में से एक गुरु राधा किशन जी का जन्म हरदा में ही हुआ था। गुरु राधा किशन देश की स्वतन्त्रता के साथ साथ गरीब और निसहाय लोगो के लिए भी आवाज उठाया करते थे। अगर हम हरदा की आबादी की तुलना की देश के साथ करे तो हरदा की बराबरी बहामास नामके देश के साथ की जा सकती हैं। क्योंकि हरदा की आबादी और बहामास की आबादी मे कुछ खास फर्क नहीं हैं। हरदा का लिंगानुपात 1000 पुरुषो में 932 महिलाएं हैं। हरदा की 74.04% आबादी साक्षर हैं।
हरदा के निकट हंडिया नामका एक स्थान हैं, मुगल काल में यह काफी विकसित था। ब्रिटिश काल में हरदा को विकास के मुख्य धारा से जोड़ने के लिए कुलहरदा और महमूदाबाद को मिला कर हरदा की स्थापना की गई। अंग्रेज़ो ने 18 मई 1867 मे हरदा नगरपालिका की स्थापना की थी।
ब्रिटीशो के द्वारा हरदा मे रेल लाइन को बिछाने के बाद हरदा के विकास मे तेजी आई। कई ब्रिटिश अधिकारी हरदा में न्यायाधीश और प्रशशानिक अधिकारी के रूप मे अपनी सेवाए दी थी।। हरदा मे भाषा की अगर बात करे तो यहाँ पर मलावी और निवाड़ी दोनों भाषा का मिश्रण इस्तेमाल किया जाता हैं। हालांकि हरदा की मुख्य भाषा भूआनी हैं। हरदा जिले का बिहोला गाँव मुगल काल मे राजस्व संग्रहण का केंद्र था।
हरदा की भौंगोलिक स्थिति
ऐसा माना जाता हैं की हरदा भारत के एक डैम मध्य मे स्थित हैं इसलिए हरदा के लोग इसे हृदयनगरी के नाम से भी पुकारा करते हैं। हरदा के उत्तर मे सीहोर जिला स्थित हैं, तथा हरदा के पूर्व में सिवनी जिला स्थित हैं। हरदा के दक्षिण में खंडवा और बैतूल जिले स्थित हैं। हरदा के पश्चिम मे खंडवा मौजूद हैं। हरदा के उत्तर-पश्चिम मे देवास जिला स्थित हैं। हरदा का कुल क्षेत्रफल 2644.32 वर्ग किमी का हैं। इस क्षेत्रफल में 780.92 वर्ग क्षेत्र में जंगल हैं। इस जिले में तीन तहसील खिरकिया, हरदा और तिमरनी है। 2011 कि जनगणना के अनुसार हरदा कि 44.26% आबादी ट्राइब्स हैं। हरदा में सतपुरा और विंध्या पर्वत श्रिंखला के साथ-साथ नर्मदा वैली भी हैं।
हरदा का मौसम
हरदा कि जलवायु गरम है। जो कि वर्षा और मौसम के अनुसार बदलती रहती हैं। हरदा में मुख्य रूप से तीन मौसम हैं। ठंड का मौसम नवंबर के पहले हफ्ते से लेकर मध्य फरवरी तक रहता हैं। गर्मी का मौसम मार्च के महीने से प्रारम्भ होता हैं और जून के आखरी हफ्ते तक रहता हैं। हरदा का सबसे गरम महिना मई का होता हैं। हरदा मे जून के आखरी हफ़्तों में मानसून आ जाता हैं, जो कि सितंबर तक कमजोर होने लगता हैं। इसके बाद नवंबर से लेकर मई के महीने तक वर्षा नहीं होती हैं। लेकिन समुद्र में किसी चक्रवात या फिर समुद्री उथल-पुथल कि वजह से दिसंबर और जनवरी में हल्की फुलकी बारिश होती हैं। हरदा में औसत वर्षा 1470.22 एमएम होती हैं। सबसे ज्यादा वर्षा जुलाई और अगस्त के महीनो में ही गिरता हैं। हरदा में अधिकतम गर्मी 44.4 डिग्री दर्ज कि गई हैं। जबकि ठंड के महीने मे औसत तापमान 18 डिग्री का होता हैं। हरदा में सबसे ज्यादा ठंड जनवरी के महीने में पड़ती हैं।
हरदा जिले के गांव
हरदा के अंतर्गत तीन जनपद पंचायत आती हैं। हरदा जनपद पंचायत, इस जनपद पंचायत के अंतर्गत 73 गाँव आते हैं। दूसरा जनपद पंचायत खिरकिया हैं, इस जनपद पंचायत के अंतर्गत 67 गाँव आते हैं। तीसरी जनपद पंचायत टिमरनि जनपद पंचायत हैं, इस जनपद पंचायत के अंतर्गत 73 गाँव आते हैं। हरदा में कुल 213 गाँव हैं।
हरदा के पर्यटन स्थल
- रिद्धेश्वर मंदिर – हंडिया तहसील
- नर्मदा घाट – हंडिया तहसील
- शिव मंदिर – चरुआ गाँव
- महाभारत काल चक्रव्यू – चरुआ गाँव
- नर्मदा घाट – छीपानेर गाँव
- सिद्धि विनायक मंदिर – हरदा तहसील
- लक्ष्मी नारायण, बड़ा मंदिर – हरदा तहसील
- कला कृति और बड़ा छोटा मठ – गोंडागाँव गाँव
- कान्हा बाबा मंदिर – सोदलपुर गाँव
- राम जानकी मंदिर और गौमुख – भादुगाँव गाँव
- शिव लिंग और साई मंदिर – सिराली तहसील
- ऐतिहासिक तोप खाना, मंदिर और नदी – मकडाई गांव