गरुड़ पुराण के चौथे अध्याय में नरक जाने वाले पाप कर्मों की सूची बताई गई है। भगवान विष्णु के वाहन गरुड़ जी ने भगवान विष्णु से पूछते हैं कि ऐसे कौन से कर्म है जिसको करने के बाद मनुष्य को नर्क में जाना पड़ता है। तब भगवान विष्णु इस प्रश्न का उत्तर देते हैं और उन सभी कर्मों की सूची बताते हैं जिनको करने से मनुष्य को नरक की यातना सहनी पड़ती है। नीचे भगवान विष्णु के द्वारा बताए गए सभी पाप कर्मों की सूची को सूचीबद्ध किया गया है-
- अगर कोई व्यक्ति ब्राह्मण की हत्या करता है तब उसे नर्क भोगना पड़ता है। किसी प्रकार का मदिरा या नशीले पदार्थ का सेवन करने वाले व्यक्ति को भी नरक की यातना सहनी पड़ती है।
- गाय की हत्या और छोटे-छोटे शिशुओं एवं बालको की हत्या करने वाले व्यक्ति को भी नरक की यात्रा करनी पड़ती है।
- जो व्यक्ति गर्भपात करते हैं या फिर गुप्त रूप से पाप करते हैं ऐसे लोगों को भी भारी कष्ट होता है और उन्हें भी नर्क की सबसे कठोर यात्रा करनी पड़ती है।
- गुरु के धन का हरण करने वाले व्यक्ति को तथा देवता और ब्राह्मण के धन का भी हरण करने वाले व्यक्ति को नरक की यात्रा करनी पड़ती है।
- किसी को धोखा देने पर या किसी को धोखे से जहर देकर मार डालने पर भी नरक यात्रा का विधान है।
- अगर कोई व्यक्ति किसी दुखी व्यक्ति को देखकर प्रसन्न होता है और किसी प्रसन्न व्यक्ति को देखकर दुखी होता है तब ऐसे स्थिति में भी वह व्यक्ति नर्क का भागी होता है।
- बुरे व्यक्ति के साथ प्रेम का व्यवहार रखने वाला और सत्संग से दूर रहने वाला व्यक्ति तथा तीर्थ, सज्जन, सत्कर्म और गुरुजनों की निंदा करने वाला व्यक्ति भी नरक का भागी होता है।
- जो व्यक्ति घमंडी होता है अपने को दूसरे से श्रेष्ठ समझता है, ऐसे व्यक्ति मूर्ख होते हैं और मूर्ख हमेशा ही नरक का भागी होता है।
- जो लोग घर, गांव और जंगल में आग लगाते हैं, ऐसे लोगों को यमदूत अग्निकुंड में पकाते हैं।
- जो व्यक्ति प्यासे को पानी नहीं पिलाता, उसे यमदूत उबले हुए तेल पीने के लिए देते हैं।
- सामाजिक कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाला, सामाजिक कार्य को करनेवाले के ऊपर हंसने वाला, ये सभी नरक के भागी होते है।