पेलोपोनेशियन गृहयुद्ध
यह युद्ध प्राचीन ग्रीक में वर्ष 431- 404 बीसी के दौरान लड़ा गया था। इस युद्ध को एथेंस और स्पार्टा के बीच लड़ा गया था। बहुत लंबे समय तक इस युद्ध का कोई परिणाम नहीं निकला। इसके बाद पर्शियन साम्राज्य भी इस युद्ध में शामिल हो गया था। पर्शियन सेना ने इस युद्ध मे स्पार्टा का साथ दिया था। पर्शियन के इस युद्ध में शामिल होने से स्पार्टा की ताकत और बढ़ गई और स्पार्टा ने यह युद्ध जीत लिया। इस युद्ध मे लगभग 18 हजार सैनिको ने अपनी प्राणो की आहुति दी थी। इस युद्ध मे दो गठबंधन आपस में लड़ रहे थे। डेनियल लीग गठबंधन का नेतृत्व एथेंस के द्वारा किया गया था जबकि पेलोपोनेशियन लीग का नेतृत्व स्पार्टा के द्वारा किया जा रहा था।
प्राचीन ग्रीस में स्पार्टा और एथेंस दोनों शक्तिशाली राज्य थे। इस युद्ध के बाद सततका स्थानांतरण हो गया और एथेंस के हाथ से सत्ता निकाल कर स्पार्टा के हाथो मे आ गई। शुरुआती समय में यह युद्ध न होकर सिर्फ एथेंस और स्पार्टा के बीच झगड़ा था। लेकिन स्पार्टा के एक सहयोगी क्षेत्र कोरिन्थ ने एथेंस पर आक्रमण कर दिया। इसके बाद एथेंस ने भी कोरसीर क्षेत्र के आसपास कूरिन्थ के हितो को नुकसान पहुँचाने लगा। इसके बाद स्पार्टा भी इस संघर्ष मे शामिल हो गया। स्पार्टा की सेनाओं ने एथेंस के अधिकार क्षेत्रो में छप्पमार आक्रमण किया। लेकिन एथेंस के पास स्थित एटिका नामके स्थान पर स्पार्टा के हमलो से एथेंस परेशान हो रहा था। स्पार्टा एथेंस के काफी नजदीक आ कर हमले कर रहा था। एथेंस के लोगो ने समुद्री बन्दरगाहसे लेकर एथेंस शहर तक दीवार बनाई हुयी थी। इन दीवारों की वजह से एथेंस स्पार्टा के सीधे हमलो से बच रहा था। एथेंस ने भी नौसेना के माध्यम से अपनी सेना को स्पार्टा के बस्तियों में आक्रमण करने के लिए भेजा। एथेंस के कई नेता चाहते थे की एथेंस स्पार्टा के साथ सीधे सीधे युद्ध करने से बचे। इसलिए एथेंस भी स्पार्टा के खिलाफ छापा मार युद्ध में शामिल हो गया था। यह युद्ध कई वर्षो तक चला इसलिए स्पार्टा ने एथेंस से युद्ध समाप्त करके शांति को स्थापित करने की बातचीत की पेशकश की और एथेंस ने भी इस पेशकश को स्वीकार्य कर लिया। इस समझौते में अगले 50 वर्षो तक एक दूसरे की रक्षा करने का निर्णय लिया गया। लेकिन यह संधि बहुत दिनो तक नहीं चली और मात्र 6 वर्षो में यह संधि टूट गई।
एथेंस ने स्पार्टा के सहयोगी क्षेत्र सिसिली प्पर आक्रमण कर दिया। जिसके बाद एथेंस और स्पार्टा के बीच फिर से दुश्मनी प्रारम्भ हो गया। स्पार्टा ने भी जवाबी कार्यवाही का निर्णय लिया। यह युद्ध लगभग दशको तक चला। इसके बाद सपर्टा जर्नल लिसेंडर ने एगोस्पोटामि में एथेंस की सेना को हरा दिया था।
पेलोपोनेशियन युद्ध के बाद
इस युद्ध के समाप्त होने के बाद एथेंस की शक्तियों मे बड़े बदलाव आए, युद्ध से पहले तक एथेंस यूनान की सबसे बड़ी शक्ति थी लेकिन जब युद्ध समाप्त हुआ था तो यूनान की शक्ति का केंद्र एथेंस से बदल कर स्पार्टा हो गया था। एथेंस हार के बाद स्पार्टा के सामने समर्पण कर चुका था। अब एथेंस पर स्पार्टा का अधिकार था। स्पार्टा अब ग्रीक की सबसे बड़ी शक्ति के रूप मे उभरा। लेकिन 40 वर्ष बाद स्पार्टा के ही सहयोगी थेब्स द्वारा स्पार्टा को पराजित कर दिया गया था। जिस युद्ध मे स्पार्टा थेब्स से पराजित हुआ था उस युद्ध को लेक्ट्रा की लड़ाई के नाम से जाना जाता हैं। इस हार के कुछ वर्ष बाद स्पार्टा और एथेंस के बीच की दुश्मनी समाप्त हो गई और यूनान मे एक नई शक्ति का उदय हुआ और एथेंस और स्पार्टा को पीछे छोड़ते हुये मैसेडोनिया यूनान का शक्तिशाली राज्य बन गया। मेसेडोनिया के राजा फ्लिप द्वितीय ने स्पार्टा को छोड़ कर पूरे ग्रीक को एक देश के रूप मे स्थापित किया था। फिलिप के बाद उसके बेटे अलेक्ज़ेंडर यानि की सिकंदर वहाँ का राजा बना जिसे विश्व विजेता के नाम से भी जाना जाता हैं।