Akbar aur Birbal – जल्दी बुला लाओ

Akbar aur Birbal – जल्दी बुला लाओ

एक दिन अनपढ़ राजा अकबर सुबह-सुबह उठते ही दाढ़ी को खुजलाते -खुजलाते कहने लगे, अरे कोई मेरी बात सुनो?” अकबर की आवाज सुनते ही एक सेवक आ कर बोला जी हुजूर कहिए। सेवक से अकबर ने कहा तुम उसे तुरंत मेरे सामने पेस करो। सेवक सोच मे पड़ गया की हुजूर ने तो उसका नाम बताया नहीं। लेकिन वह एक सेवक था उसके इतनी ताकत कहा की वह बादशाह से पुछ सके कि किसे बुलाना हैं।

सेवक परेशान था आखिर किसे बुलाना है। वह दूसरे सेवक से यह बात कही, दूसरा सेवक भी परेशान हो गया ,दूसरे ने और बाकी सेवको को बताया, यह बात महल मे कार्य करने वाले सभी सेवक जान गए। सभी आपस मे बात करने लगे कि क्या किया जाय? आखिर किसे बुलाना है? सभी घबरा गए।

सुबह-सुबह का समय था। इसलिए सभी मंत्री टहलने को निकले हुए थे। सब मंत्रियो मे बीरबल भी थे। सेवकों को परेशान देख कर सभी मंत्रियो ने सोचा कि क्या एसी बात हो गई जिसके कारण राजा के नीजी सेवक इतने परेशान है। पर बीरबल तो बहुत ही चलाक थे, वे समझ गए कि अवश्य अकबर ने ही इन्हे परेशान करने का कोई कारनामा सोचा होगा।

फिर बीरबल ने सेवकों से उनकी समस्या जाननी चाही, “क्या बात है? तुम सब इतने क्यो परेशान हो?” बीरबल के पूछने पर एक सेवन उनके सामने हांथ जोड़ कर अपनी समस्या बताई और अपनी रक्षा कि गुहार लगाने लगा- “हमे तो मालूम ही नहीं कि किसे हुजूर ने बुलाने को कहा हैं। अब जब हम जानते ही नहीं कि किसे बुलाना है तो हुजूर के सामने किसै पेस करू, अब हम क्या करे, हमे बहुत डर लग रहा हैं।”

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बीरबल ने सेवक को कहा तुम चिंता मत करो हम तुम्हे कुछ नहीं होने देगे। अब ये बताओ जब बादशाह तुम्हें उसे जल्दी बुला लाओ बोले थे। उस वक्त बादशाह की चाल कैसी थी?” सभी सेवकों ने उस सेवक को बुलाकर कर बीरबल के सामने पेस किया जिसे अकबर ने कहा था। उस सेवक के आने पर बीरबल ने उससे पूछा- जब तुम हुजूर के सामने पेश हुए थे। तो बादशाह क्या कर रहे थे?

सेवक ने बताया की कुछ नहीं बस पलग मे बैठ कर दाढ़ी को सहला रहे थे। बीरबल तो दिमागदार थे ही उन्हे समझ आ गया की किसे बुलाना है। उन्होने ने उस सेवक को कहा की तुम नाई को बुला लाओ।”

अब सेवक नाई को बुला लाया और बादशाह के आगे पेश किया। राजा दंग रह गया, अकबर सोचने लगा यह क्या हो गया, मेरे बिना बताए इसे कैसे पता चल गया की नई को बुला कर लाना हैं?”

बादशाह सोच मे पड़ गया फिर सोचा उस सेवक से ही जान लेता हूँ की उसे कैसे पता चला की नाई को ही लाना था। सेवक को बुला कर अकबर ने पूछा क्यो तुम इसे कैसे ले कर आए किसी ने तुम्हें इसे लाने को कहा या अपने मन से लाए हो ?”

सेवक डर गया, पर बताना भी जरूरी था। उसने कहा , “हुजूर बीरबल ने कहा था, !” बादशाह बीरबल के ऊपर प्रसन्न हो गए।