नदी का पर्यायवाची शब्द | Nadi ka Paryayvachi Shabd

नदी का पर्यायवाची शब्द | Nadi ka Paryayvachi Shabd

नदी के पर्यायवाची शब्द

हिंदी में नदी के अनेक पर्यायवाची शब्द हैं जिनहे नीचे दर्शाया गया हैं-

  1. सरिता
  2. नद
  3. सिंधु
  4. नदीनी
  5. अवनी
  6. जलमार्ग
  7. तरंगिणी
  8. तटिनी
  9. वाहिनी
  10. शैवालिनी

नदी का महत्व

नदियाँ जीवनदायिनी हैं। नदियां अनेक प्रकार से हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं। नदियाँ सिंचाई, पेयजल, घरेलू उपयोग और औद्योगिक कार्यों के लिए पानी का मुख्य स्रोत हैं। नदियाँ अनेक प्रकार के जलीय जीवों का घर हैं, जिनमें मछलियाँ, पक्षी और वनस्पतियाँ शामिल हैं। ये जीव नदी के पारिस्थितिकी तंत्र का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और खाद्य श्रृंखला में योगदान करते हैं। नदियाँ भूजल को रिचार्ज करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जब नदी का पानी जमीन में रिसता है, तो यह भूजल स्तर को बढ़ाता है।

नदी नहीं होगी तो क्या होगा?

नदियाँ नहीं होंगी तो पृथ्वी पर जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। नदियों का हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है। अगर नदियाँ समाप्त हो जाएँ तो पृथ्वी के मौसम में अनेक बदलाव आएंगे। नदियाँ क्षेत्र में वर्षा का मुख्य स्रोत होती हैं। इनके न होने से वर्षा में कमी आएगी, जिससे सूखे की स्थिति पैदा हो सकती है। नदियाँ वाष्पीकरण के माध्यम से हवा में नमी छोड़ती हैं, जो तापमान को कम करने में मदद करती हैं। नदियों के न होने से तापमान में वृद्धि होगी, जिससे तापमान बढ़ेगा और वातावरण गरम होता जाएगा। इसके साथ ही नदियाँ कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित करने में भी मदद करती हैं, कार्बन डाई ऑक्साइड ग्रीनहाउस गैस है और जलवायु को गरम करने मे मुख्य भूमिका निभाता हैं। इनके न होने से ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन बढ़ेगा, जिससे जलवायु परिवर्तन तेज होगा। नदियाँ सिंचाई के लिए पानी का मुख्य स्रोत हैं। इनके न होने से कृषि उत्पादन में कमी आएगी, जिससे खाद्य सुरक्षा खतरे में पड़ जाएगी। लोगो को भोजन और अन्य की समस्या और कमी का सामना करना पड़ेगा।

See also  BCA क्या हैं और BCA की योग्यता तथा टॉप विश्वविद्यालय

नदियों को कैसे सुरक्षित करे –

  1. नदी के किनारे स्वच्छता अभियान में भाग लें। नदियों और जल प्रदूषण के बारे में जानकारी फैलाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करें।
  2. नदियों की रक्षा के लिए मजबूत कानूनों और नीतियों की मांग करें। नदियों की रक्षा के लिए सामाजिक और पर्यावरणीय संगठनों के साथ मिलकर काम करें।
  3. लोगों को नदियों के महत्व और उन्हें बचाने के तरीकों के बारे में शिक्षित करें।
  4. नदियों का अति दोहन और उत्खनन को रोकना जरूरी हैं। उत्खनन नदी के प्राकृतिक प्रवाह में बाधा डालता है, जिससे नदी के किनारे के पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान होता है।

भारत की सबसे लंबी नदी का नाम क्या है?

गंगा भारत की सबसे लंबी नदी है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 2525 किलोमीटर है। यह उत्तराखंड के गंगोत्री ग्लेशियर से निकलती है और कई राज्यों से होकर बहते हुए अंत में बंगाल की खाड़ी में मिल जाती है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि सिंधु और ब्रह्मपुत्र नदियां, जो भारत से भी होकर बहती हैं, कुल लंबाई में गंगा से अधिक लंबी हैं। लेकिन, यदि हम केवल भारत के अंदर बहने वाली दूरी पर विचार करें, तो गंगा ही सबसे लंबी नदी है। गंगा नदी को भारत में सबसे पवित्र नदी माना जाता है और हिन्दू धर्म में इसका अत्यधिक महत्व है।

भारत की सबसे छोटी नदी का नाम क्या है?

अरवरी नदी को सबसे छोटी नदी माना जाता है। यह नदी भारत के पश्चिमी राज्य राजस्थान में स्थित है और इसकी लंबाई लगभग 90 किलोमीटर की मानी जाती है। अरवरी नदी अरावली पर्वतमा से निकलती है, इसी लिए इस नदी को अरवरी नदी के नाम से जानते हैं। यह नदी राजस्थान के अलवर जिले से होकर गुजरात में कच्छ तक बहती है। यह नदी 1985 में पूरी तरह से सूख गई थी, लेकिन स्थानीय लोगों के प्रयासों से 1996 में इसे पुनर्जीवित कर दिया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *