बादशाह अकबर के मन मे कई दिनों से एक बात चल रही थी कि किस नदी का पानी सबसे अच्छा है।इसी बात की जानकारी लेने के लिए उसने दरबार मे सभी मात्रियों को बुलाकर कर पूछा” कि चलिए आप सभी बताइये कि कौन सी नदी का पानी सबसे अच्छा है?”
सारे मात्रियों ने एक स्वर मे उत्तर दिया कि हुजूर “गंगा जी का पानी सबसे स्वच्छ होता है”
किन्तु जवाब देने वाले मात्रियों मे बीरबल नहीं थे वह चुप चाप बैठे हुये थे। बीरबल को एसे बैठे देख कर अकबर बोला “बीरबल सभी मात्रियों ने जबाब दिया पर तुमने कुछ नहीं कहा क्यों ?”
अकबर के कहने पर बीरबल ने कहा , “जहाँपना यमुना नदी का पानी सबसे अच्छा माना जाता है”
अकबर का उत्तर सुन कर बादशाह को बहुत अचम्भा हुआ, उसने बीरबल को थोड़ी देर तक देखता रहा फिर बोला , “बीरबल तुम ऐसे कैसे कह सकते हो तुम सब हिन्दू लोग तो गंगा नदी को ही सबसे अच्छा मानते हो। और तुम्हारे धर्मग्रंथो में गंगा नदी के पानी को सबसे शुद्ध व पवित्र माना गया है “परन्तु तुम तो कुछ और ही कह रहे हो तुम तो यमुना नदी को सबसे अच्छा मानते हो कारण,
बीरबल ने कहा, “हुजूर मै भला पानी की तुलना अमृत के साथ कैसे कर सकता हूँ। गंगा में बहने वाला पानी केवल पानी नही बल्कि अमृत है, इसीलिए मैंने कहा था कि पानी यमुना का सबसे अच्छा है” बादशाह और सभी दरबारी निरुत्तर हो गए और उन्हें मानना पड़ा कि बीरबल सही कह रहे है