मध्य प्रदेश का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान किस क्षेत्र मे आता हैं? | Madhya Pradesh ka sabse adhik varsha

मध्य प्रदेश का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान किस क्षेत्र मे आता हैं? | Madhya Pradesh ka sabse adhik varsha

मध्य प्रदेश का सबसे अधिक वर्षा वाला स्थान किस क्षेत्र मे आता हैं? | Madhya Pradesh ka sabse adhik varsha

  1. रीवा-पन्ना पठार
  2. मध्य भारत का पठार
  3. नर्मदा सोन घाटी
  4. सतपुड़ा मैकल श्रेणी

उत्तर- सतपुड़ा मैकल श्रेणी

सतपुड़ा मैकल श्रेणी का परिचय

  1. सतपुड़ा मैकल श्रेणी एक पर्वत माला हैं, जो की मध्य प्रदेश के दक्षिण मे स्थित हैं। नर्मदा नदी और तप्ति नदी के बीच मे मौजूद राजपिपला, महादेव पहाड़ी और मैकल श्रेणी को ही सतपुड़ा श्रेणी के नाम से जाना जाता हैं, यह पश्चिम से पूर्व दिशा तक स्थित हैं। सतपुड़ा श्रेणी पूर्व मे छोटा नागपुर पठार तक फैला हुआ हैं।
  2. सतपुड़ा श्रेणी नर्मदा घाटी के दक्षिण में पूर्व से पश्चिम तक फैली हुई एक घाटी है और पूर्व दिशा में इसकी अंतिम सीमा मैकल पर्वत है। सतपुड़ा श्रेणी नर्मदा बेसिन और ताप्ती बेसिन को विभाजित करता है। सतपुरा श्रेणी में स्थित पहाड़ियों की औसत ऊंचाई 400 से लेकर 600 मीटर तक है।
  3. कालीभीत पहाड़ियों की ऊंचाई 678 मीटर है इस पहाड़ी का अधिकांश भाग बैतूल पठार में स्थित है। इस पहाड़ी के पूर्व में छिंदवाड़ा एवं सिवनी के पठार हैं।
  4. खंडवा में सतपुड़ा श्रेणी के बड़वानी पहाड़ियां है इनकी ऊंचाई 641 मीटर है। सतपुड़ा श्रेणी में बिजलगढ़ पहाड़िया भी स्थित है जिनकी ऊंचाई 449 मीटर है। बिजलगढ़ पहाड़ियां छिंदवाड़ा में स्थित हैं।
  5. बैतूल के पंचमढ़ी के पश्चिम में धूपगढ़ शिखर की ऊंचाई 1350 मीटर है जोकि महादेव पहाड़ियों की सबसे ऊंची चोटी है। सतपुड़ा पर्वत क्षेत्र के अधिकांश क्षेत्र में लाल व पीली मिट्टी पाई जाती है इनमें उर्वरता बहुत ही कम होती है। सतपुड़ा पर्वत क्षेत्र में अधिकतम क्षेत्र पहाड़ी होने की वजह से यहां पर सघन वनो की उपलब्धता हैं।
  6. सतपुड़ा पर्वत क्षेत्र विंध्याचल के समानांतर ही फैला हुआ है। सतपुड़ा पर्वत क्षेत्र में कल से प्रारंभ होकर पश्चिम तक जाता है इसकी लंबाई 900 किलोमीटर है तथा चौड़ाई डेढ़ 100 किलोमीटर से अधिक है। मैकल पर्वत सतपुड़ा क्षेत्र और विंध्याचल क्षेत्र को जोड़ता है।
  7. सतपुड़ा पर्वत क्षेत्र घने वनों से घिरा हुआ है इसलिए यहां पर अनेक प्रकार की जनजातीय समूहों का निवास स्थल भी रहा है। निमाड़ झाबुआ सेंधवा भीकनगांव आदि में भील भिलाला बारेला पारेलिया आदि जनजातियां रहती हैं यह सभी भील समूह की है। छिंदवाड़ा सिवनी मंडला और बैतूल में गोंड भुजिया बिंझवार धनवार कोरकू इत्यादि जनजातियां भी रहती हैं
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