pushyamitra shunga in hindi

पुष्पमित्र सुंग कौन था? | pushyamitra shunga in hindi (Best Article 2022)

पुष्यमित्र शुंग ने मौर्य सम्राट वृहद्रथ की हत्या क्यो की?

Pushyamitra Shunga in Hindi : पुष्प मित्र शुंग “शुंग वंश” का संस्थापक था। शुंग वंश की स्थापना 189 ईशा पूर्व हुई थी। अशोक की मृत्यु के बाद मगध के मौर्य साम्राज्य का कुछ वर्षो मे ही पतन हो गया। आगे के मौर्य सम्राट अयोग्य सिद्ध हुये, जिसकी वजह से मौर्य साम्राज्य कमजोर होता गया। मौर्य सम्राट “वृहद्रथ” का सेनापति पुष्यमित्र शुंग था। उसने कमजोर सम्राट को हटा कर सत्ता पर अपना अधिकार कर लिया। ग्रीक सेना भारतवर्ष पर हमला करने वाली थी, लेकिन वृहद्रथ ने किसी भी प्रकार की राष्ट्र सुरक्षा के लिए रुचि नहीं दिखाई। वृहद्रथ युद्ध नीति पर विश्वास नहीं करता था। इसलिए पुष्यमित्र शुंग (pushyamitra shunga in hindi) ने अपने स्तर पर कार्य करने लगा। गुप्तचरों ने बताया की ग्रीक सेना बौद्ध भिक्षु के रूप मे मठो मे छिपे हुये हैं। पुष्यमित्र शुंग ने वृहद्रथ से मठो की तलाशी के लिए अनुमति मांगी पर सम्राट ने मानकर दिया। पुष्यमित्र राष्ट्र के लिए कुछ भी करने को तैयार था। पुष्यमित्र शुंग ने मठो मे छिपे हुये ग्रीक सेनिकों की तलाशी लेने लगा और संघर्ष होने पर शत्रु सैनिको को मृत्यु दंड दिया जा रहा था। जब यह बात वृहद्रथ को पता चली तो वह पुष्यमित्र शुंग से नाराज हो गया, और पुष्यमित्र शुंग से भिड़ गया। एक तरफ दुश्मन देश राष्ट्र पर हमला करने को तैयार हैं और दूसरी तरह राष्ट्र का सम्राट अपने ही सेनापति का विरोध कर रहा हैं। जनता के बीच वृहद्रथ की लोकप्रियता गिरती जा रही थी। अंततः सम्राट और पुष्यमित्र शुंग के बीच संघर्ष हुआ, जिसमे पुष्यमित्र शुंग की जीत हुई। सम्राट की मृत्यु के बाद पुष्यमित्र शुंग को राष्ट्र का सम्राट घोषित कर दिया गया। इस प्रकार मौर्य वंश का पतन हो गया और शुंग वंश की स्थापना 189 ईशापूर्व मे हुई थी। शुंग वंश का शासन 189 ईशा पूर्व से लेकर 75 ईसवी तक रहा हैं। संस्कृत भाषा के लिए यह युग बहुत ही महत्वपूर्ण था।

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पुष्यमित्र शुंग कौन था? (pushyamitra shunga in hindi)

पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण कुल मे जन्म लेकिन कर्म से क्षत्रिय था। पुष्यमित्र शुंग का गोत्र भारद्वाज था। पुष्यमित्र शुंग अंतिम मौर्य सम्राट का सेनापति था। पुष्यमित्र शुंग ने तत्कालीन सम्राट को मारकर सत्ता पर अधिकार कर लिया था।

पुष्यमित्र शुंग के शासन काल की प्रमुख घटनाए क्या था?

ग्रीक आक्रमणकारियों का दमन : पुष्यमित्र शुंग के शासन का सबसे चुनौतीपूर्ण और भारत राष्ट्र के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम था यूनान आक्रमणकारियो को हराकर उनकी वापस हमला करने की इच्छाशक्ति को चूर चूर कर देना। ग्रीक सेना हमला करते हुये अयोध्या और चीतौरगढ़ तक आ चुकी थी, पुष्यमित्र और उसके पौत्र वसुमित्र ने ग्रीक आक्रमणकारियों को युद्ध मे पराजित किया तथा उनके हारी हुई सेना का जब तक पीछा किया जब तक ग्रीक सेना भारत की उत्तर पश्चिम सीमा से बाहर नहीं चले गए। इस युद्ध के साथ पुष्यमित्र पूरे भारत मे सम्मान की दृष्टि से देखा जाने लगा। पुष्यमित्र शुंग ने दो बार अश्व यज्ञ कराये थे।

पुष्यमित्र शुंग और बौद्ध : अगर राजा ब्राह्मण हैं तो इसका यह मतलब नहीं हैं की वह कट्टरपंथी ही हो, लेकिन अंग्रेज़ इतिहासकारो ने और बाद मे उनके दिखाये पाठ पर चले भारतीय वामपंथी इतिहासकारो ने भ्रम फैलाया की पुष्यमित्र शुंग एक कट्टरवादी ब्राह्मण था, जिसने कई बौद्धों की हत्या कारवाई। लेकिन यह एक भ्रम हैं, तथा भारत के लोगो के बीच भेद डालने के लिए सोची समझी साजिश मात्र हैं। मार्क्सवादी विचधारा के लोग हिन्दू विरोधी होते हैं। और इस लिए वामपंथी समाज के हर वर्ग को आपस मे लड़ाना चाहते हैं, और इसकी शुरुआत उन्होने ब्राह्मण से की हैं। (pushyamitra shunga in hindi)

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बौद्ध धर्म का विस्तार अशोक के शासन काल मे बहुत तेजी से हो रहा था। यह रफ्तार पुष्यमित्र शुंग के आने का बाद थम गई। इसलिए कुछ बौद्ध संत पुष्यमित्र के खिलाफ हो गए। पुष्यमित्र शुंग ने केवल ग्रीक सेनिकों को मारा था जो की बौद्ध वेषभूषा मे थे। इसके अलावा उपुष्यमित्र शुंग ने किसी भी प्रकार की कोई हत्याए नहीं कराई थी।

साहित्य : पुष्यमित्र शुंग के शासन मे आने के बाद वैदिक धर्म फिर से जीवित हो गया था। जिसकी वजह से साहित्य जगत मे बड़े परिवर्तन हुये। पतंजलि और पाणिनी शुंग वंश के थे।

पुष्यमित्र शुंग का उत्तराधिकारी कौन था? (pushyamitra shunga in hindi)

पुष्यमित्र की मृत्यु 148 ई.पू. मे हो गई थी। पुष्यमित्र शुंग की मृत्यु के बाद उसक बेटा अग्निमित्र शुंग भारत राष्ट्र का सम्राट बना। अग्निमित्र शुंग विदिशा का उप-राजा था। अग्निमित्र ने 8 वर्षो तक शासन किया था। अग्निमित्र शुंग वंश का दूसरा राजा था, अग्निमित्र के बाद वसुज्येष्ठ शुंग वंश का तीसरा राजा बना।

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