ज्ञानवर्धक कहानी -दूसरों की समस्या को अपनी समस्या मानना चहिये

ज्ञानवर्धक कहानी -दूसरों की समस्या को अपनी समस्या मानना चहिये

एक किराना व्यापारी के घर में एक चूहा बिल बनाकर रहता था | वहाँ उसे खाने-पीने की पूरी मौज थी | उसके दिन वहाँ मजे से गुजर रहे थे |एक दिन चूहे ने देखा कि व्यापारी और उसकी पत्नी अपने झोले से कुछ निकाल रहे हैं | वह उत्सुकता वश छिपकर उन्हें देखने लगा |

व्यापारी ने अपने झोले से चूहेदानी निकाली ये देखकर चूहे को बहुत दुःख हुआ और उसे खतरा भी महसूस हुआ |वह भागकर घर के पीछे वाले किचन गार्डन में गया और जाकर कबूतर को सारी बात बता दी कि घर में चूहेदानी आ गई हैं |

कबूतर ने उसकी मजाक उड़ाते हुए कहा, ‘ मुझे क्या ? मुझे कौन सा इसमें फसना हैं ? यह कहकर कबूतर अपने काम में मस्त हो गया |

निराश होकर चूहा यह सब बताने के लिए मुर्गे के पास गया |मुर्गे ने भी उसकी मजाक उड़ाया कि मुझे क्या इसमें फसना हैं और न ही मेरे लिए यह कोई समस्या हैं और मुर्गा भी अपने काम में मस्त हो गया |

दोनों से हताश होकर चूहा बकरे के पास बहुत उम्मीद लेकर गया और उसने सारा वृतांत बकरे को बता दिया पर बकरे ने भी उसकी किसी बात पर ध्यान नहीं दिया बल्कि उसकी खिल्ली उड़ाई |यह सब सहन कर चूहा बहुत दुखी हुआ, पर वह सावधान हो गया कि उसे इस समस्या से खुद ही बाहर निकलना हैं |

वह एक अँधेरी रात थी कि अचानक ही चूहेदानी की खटाक की आवाज आई, चूँकि चूहा तो सावधान था वह तो उसमें फसा नही पर उसमें एक सांप फस गया |रात के अंधेरे में व्यापारी की पत्नी ने सोचा कि चूहा उसमें फंस गया है उसने जैसे ही चूहेदानी खोली सांप ने उसे डस लिया |

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घर में हाहाकार मच गया तुरंत ही वैध को बुलाया गया | वैध ने चीरा लगाकर सांप का जहर निकाल दिया और कुछ देसी दवाइयां खाने के लिए दी| वैध ने व्यापारी को कहा की पत्नी को शीघ्र ठीक करने के लिए उसे कबूतर का सूप पिलाना होगा |

अब व्यापारी ने कबूतर को पकड़ कर उसे काट कर सूप बनाने के लिए उसे उबाल दिया | जब व्यापारी के रिश्तेदारों को सांप काटने की खबर मिली तो वे सब मिलने के लिए आ गये |व्यापारी ने उनके भोजन के प्रबंध के लिए मुर्गे को काट दिया | कुछ समय बाद व्यापारी की पत्नी ठीक हो गई |

व्यापारी बहुत खुश हुआ इस ख़ुशी में उसने अपने शुभचिंतकों को एक दावत दी, जिसमें बकरे को काटा गया |जब ये सब घटित हो रहा था चूहा घर छोड़कर बहुत दूर जा चुका था |

शिक्षा :– dosto कोई अपनी समस्या लेकर आपके पास आये तो उसका परिहास न उड़ाकर उसकी बात ध्यान से सुने और हो सके तो उस समस्या का मिलकर हल निकालने का प्रयास करे |हो सकता हैं कल आप भी इस समस्या से घिर जाये |