किराए का वो घर, जहां कोई आहट भी रहती थी (Bhoot ki Kahani)

किराए का वो घर, जहां कोई आहट भी रहती थी (Bhoot ki Kahani)

मित्रो यह मेरी कहानी हैं, मेरा नाम दीपक हैं, मेरी उम्र 25 वर्ष हैं। आज जो स्टोरी मैं आपको सुनने जा रहा हूँ, वो मेरे साथ घटी एक सच्ची घटना हैं। बिना बात को यहाँ वहाँ घुमाए मैं सीधे कहानी पर आ जाता हूँ।

हम लोग पहले छोटे घर मे रहते थे, लेकिन मेरी शादी के बाद सभी के लिए घर छोटा महसूस होने लगा, और जल्दी ही छोटे भाई की भी शादी होने वाली थी। इस लिए  हम लोग एक बड़े घर की तलास मे थे। इसलिए हमने एक एजेंट को घर खोजने के लिए कहा। कुछ दिन बाद उसने एक घर बताया। वह घर मेरे परिवार के लिए बहुत सही लग रहा था। इसलिए मुझे वह घर पसंद आ गया। मैंने जल्दबाजी में उस घर के लिए एडवांस भी दे दिया | और हम सब उस घर में जल्दी ही शिफ्ट हो गए।

घर मे शिफ्ट होने के बाद पहले दिन ही मेरी पत्नी किचन मे कुछ कम कर रही थी, तभी उसके सामने से एक औरत गुजरी,  उसने सोचा की शायद मम्मी जी होंगी, परंतु थोड़ी देर बाद ही ममी का फ़ोन आया तो पत्नी ने सोचा की मम्मी तो अभी ठीक मेरे सामने से होते हुये छत पर गयी है तो फ़ोन किस लिए किया होगा।

इस प्रकार की बात सोच कर पत्नी ने फोन नहीं उठाया, और मम्मी से मिलने के लिए सीधे छट मे चली गई और छत पर जा कर उसने देखा की मम्मी तो छत नहीं थी। उसे थोड़ा तजुब हुआ वह तुरंत छत से नीचे आई, और मम्मी को फोन लगाया, यह पता करने के लिए की मम्मी कहाँ हैं, उन्हे तो छत मे होना चाहिए। 

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मम्मी ने पत्नी का फोन उठाया तो पत्नी ने उनसे अपनी शंका पुछी तो मम्मी ने कहा कि मै तो सुबह ही तुझे बताये बिना मार्केट आ गई थी। घर मे कुछ समान कम था वही लेने चली आई थी।

मम्मी की ये सब बाते सुनकर, मेरी पत्नी का दिल धक धक करने लगा और वो सकते मे आ गई। उसने जिस हाथ मे फोन पकड़ा हुआ था वह हाथ कांपने लगा। शाम होने के बाद जब मै दफ्तर से घर आया तो मुझे मेरी पत्नी ने दिन मे घटी सारी घटना मुझे बताया।

मैंने उसकी बात को हल्के मे लेते हुये उससे कहा कि ये सब तुम्हारा सिर्फ वहम है। दुसरे दिन मम्मी रसोई में सब्जी साफ़ कर रही थी तो पीछे से किसी ने मम्मी के बालो को खीचा तो मम्मी ने तुरंत घूमकर देखा तो वहाँ पर कोई नहीं था।

इस घटना के बाद मम्मी भी बुरी तरह घबरा गयी, परंतु उन्होंने इस घटना के बारे मे किसी से कुछ नहीं कहा। तीसरे दिन मेरी पत्नी की माँ यानि की मेरी सासू माँ का फ़ोन आया, उन्होने बताया की मेरे ससुर जी की तबीयत बहुत खराब है, दफ्तर से मुझे छुट्टी नहीं मिल पाई क्योंकि विदेश से कोई महत्वपूर्ण व्यक्ति आए हुये थे, और उनकी देखभाल का जिम्मा मुझे मिला हुआ था। इस लिए मैंने अपनी पत्नी को स्टेशन छोड आया, वह अब अकेले ही अपने मायके जा रही थी।

वापस आने के बाद, रात को जब मैं अपने कमरे में सोने की कोसिस रहा था, लेकिन मुझे नींद नहीं आ रही थी। तो मैंने सोचा कुछ देर छत मे टहल लेता हूँ, यह सोच कर मैं उठाने की कोसिस करने लगा पर मै उठ नहीं पा रहा था। ऐसा लग रहा था की जैसे किसी रूहानी ताकत ने मुझे रोक रखा हो। बड़े परसो के बाद ही मैं उठ पाया। अगले दिन ही मैंने जब माँ को ये सारी बात बताई तो माँ ने तुरंत गर बदले के लिए कहा, और हमने उसी दिन उस घर को बादल दिया। जाते जाते हमने पड़ोसी से उस घर के बारे मे पता किया। 

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पड़ोसी ने बताया की एक पूरा परिवार इस घर मे रहस्यमय तरीके से खत्म हो गया था, उसके बाद यहाँ कोई नहीं रहता था, रात को कई बार अजीबो गरीब आवाज़े उस घर से आती थी, इसलिए कई सालो से इस घर मे कोई रहने ही नहीं आया।

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