ज्ञानवर्धक कहानी – गधे से बहस न करे

Hindi Story – गधे से बहस न करे (ज्ञानवर्धक कहानी)

Hindi Story – एक बार एक जंगल में गधे औऱ बाघ के बीच जबरदस्त बहस छिड़ गई।गधे ने बाघ से ढेंचू ढेंचू करते हुए कहा, भाई, तुम्हें क्या पता है कि घास नीले रंग की होती है??

बाघ ने कहा नहीं भाई,तुम्हें पता नहीं हैं, घास का रंग हरा होता है! गधे ने बार बार अपनी बात दुहराई लेकिन बाघ अपने बात पर अड़ा रहा।

दोनों के बीच चर्चा तेज हो गई। चर्चा विवाद औऱ मारपीट का रूप ले ही रही थी कि किसी ने सुझाया, क्यों ना जंगल के राजा शेर से निर्णय करवें।

दोनों ही अपने-अपने तर्को पर दृढ़ता से अड़े थे !इस विवाद को समाप्त करने के लिए दोनों जंगल के राजा शेर के पास गए !

पशु साम्राज्य के बीच में सिंहासन पर राजा शेर बैठा था !

बाघ के कुछ कहने से पहले ही गधा बहुत जोर जोर से चिल्लाने लगा, महाराज, घास नीला है ना?

शेर ने कहा, हाँ! घास नीली है, तुम बिलकुल सही हो।

गधा बोला- लेकिन ये बाघ नहीं मान रहा है महाराज, उसे इसकी कठोर सजा दी जाए।

राजा ने घोषणा की बाघ को एक साल की जेल होगी। राजा का फैसला गधे ने सुना और वह पूरे जंगल में खुशी से झूमते हुए सबसे कहते फिरे कि बाघ को एक साल की जेल की सजा सुनाई गई है ! !

बाघ शेर के पास आया और पूछा – क्यों महाराज, घास हरी है, क्या यह सही नहीं है??

शेर ने कहा- हाँ!! घास हरी है, इसमें कोई शक नहीं, मगर महामूर्ख बाघ, तुमको ये सज़ा, उस मूर्ख,गँवार गधे के साथ बहस करने के लिये दी गई हैं, तुम जैसे बहादुर और बुद्धिमान जानवर ने एक गधे से घंटों बहस की और निर्णय कराने मेरे पास चले आये यही तुम्हारा सबसे बड़ा अपराध है औऱ यह अपराध क्षमा योग्य नहीं है, इसलिए तुम्हें इसकी सजा जरूर मिलेगी…

See also  दक्षिण भारत की लोकप्रिय हिन्दी कहानियाँ - सुनहरा पंख | Hindi Story - Golden Wings

कहानी का सार= गधों से बहस ना करें ! गधों के जोर जोर से ढेंचू ढेंचू करने के बावजूद भी शांति से अपने दिमाग का उपयोग करें औऱ क़भी उतेजीत न हों।