हिन्दी कहानी- बूढ़ी काकी और शरारती लड़के (Hindi Story by Ajeet Sir)

हिन्दी कहानी- बूढ़ी काकी और शरारती लड़के (Hindi Story by Ajeet Sir)

रामपुर नैकिन नामका एक कस्बा था, वही पर एक अँग्रेजी स्कूल थी। जैसा की भारत की कई अँग्रेजी स्कूल बच्चो के अंदर भारतीयता को खत्म कर के बच्चो को लालची, घमंडी एवं स्वार्थी बनाना चाहती हैं ठीक वैसे ही इस स्कूल मे भी बच्चो को ऐसे ही बनाता जा रहा था। इस लिए बच्चो के अंदर संवेदनाये न के बराबर हो गई थी। और वो हिन्दू धर्म के अपमान करने लगे थे, हिन्दू धर्म को झूठा कहने लगे थे। सभी लड़के मस्तिखोर और दूसरों को परेशान करने वाले हो गए थे।

स्कूल के पास ही एक बूढ़ी काकी भाजी बेचा करती थी। स्कूल की आधी छुट्टी होते ही ये लड़के भाजीवली उस बूढ़ी काकी का सामान चोरी करके यहाँ वहाँ फेक दिया करते। बूढ़ी काकी बहुत परेशान रहती थी।

लड़को को नैतिक शिक्षा या दया का कोई ज्ञान नहीं था, क्योंकि घर मे सीखने वाले माता-पिता नौकरी मे मस्त हैं। और स्कूल उनके अंग्रेज़ बनाने मे लगा हुआ हैं। तो इस तरह से बच्चो को नैतिक शिक्षा कोई देने वाला नहीं था। इस लिए लड़के शरारत के नाम पर भाजिवाली का आर्थिक नुकसान करते रहते, बेचारी बूढ़ी काकी खूब दुखी होती और स्कूल के प्रिंसिपल टोनी से शिकायत करती, टोनी उसकी शिकायत पर ध्यान नहीं देता और काकी से कह देता की बच्चे हैं शरारत तो उनका काम ही हैं।

यह सब देख बच्चो की और हिम्मत बढ़ जाती, वो लड़के और ज्यादा भाजीवली काकी को परेशान करने लगते। काकी जहां पर भाजी बेचा करती थी वही पर हनुमान जी का एक मंदिर था, हनुमान जी बच्चो की यह राक्षसी शैतानी देखा करते थे।

See also  Hindi Kahani - बीरु किसान और हथिनी

हनुमान जी ने तय किया की इन बच्चो को सबक सिखाएँगे। अब रोज हनुमान जी बंदर बन जाया करते और जब भी ये शरारती बच्चे स्कूल के बाहर दिखते तो बंदर बने हनुमान जी बच्चो को परेशान करने लगे, कभी बच्चो का लंच लेकर भाग जाते तो कभी बस्ता लेकर पेड़ मे चढ़ जाते। कभी उन बच्चो के बाल खीचते तो कभी कान पकड़ कर खीचते। बच्चे परेशान हो गए थे।

अब वो स्कूल की कक्षा से बाहर ही नहीं आ पाते थे, बस से निकल कर सीधे कक्षा मे घुस जाया करते थे। बच्चे अब बंदर को लेकर आतंकित हो चुके थे। और उन्हे अब भाजीवाली काकी का दर्द समझ मे आने लगा था। तभी उनके एक साथी जिसके मम्मी-पापा धार्मिक थे, उसने कहा की यह सब इसलिए हो रहा हैं क्योंकि हम सब भाजीवाली काकी को परेसान करते थे। सभी को उसकी बातों पर विश्वास हो गया, वो सभी काकी के पास गए और उनसे माफी मागी, जो भी उन्होने आज तक उनके साथ बर्ताव किया था।

उस दिन के बाद उन लड़को को किसी ने परेशान नहीं किया। वो सभी भगवान की पुजा भी करने लगे और उस अँग्रेजी स्कूल को छोड़ कर सरस्वती स्कूल मे प्रवेश ले लिया। और बड़े होकर सभी बड़ी बड़ी कंपनियो मे अधिकारी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *