मध्यप्रदेश के प्रतीक चिन्ह | Madhya Pradesh Ke Pratik Chinh | MP Ke Pratik Chinh

मध्यप्रदेश के प्रतीक चिन्ह | Madhya Pradesh Ke Pratik Chinh | MP Ke Pratik Chinh

1 नवंबर 1981 को मध्यप्रदेश के गठन के 25 वर्ष होने की खुशी में मध्यप्रदेश में राज्य प्रतीकों के नामों की घोषणा की थी। मध्य प्रदेश के राजकीय चिन्ह एवं प्रतीकों से संबंधित प्रश्न परीक्षा में पूछे जाते हैं इस लेख के माध्यम से आज हम मध्यप्रदेश के प्रतीक चिन्ह के बारे में जानेंगे।

मध्य प्रदेश के प्रतीक और चिन्ह की सूची | MP Ke Pratik Chinh

राजकीय पुष्प

मध्य प्रदेश का राजकीय पुष्प लिली है यह शीतोष्ण एवं उपोष्ण जलवायु वाले क्षेत्र में होता है। इसका उपयोग औषधि के रूप में भी किया जाता है।

राजकीय नृत्य

मध्यप्रदेश का राजकीय नृत्य राई है यह मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड से संबंधित है। इस नेत्र की विशेषता यह है कि यह नृत्य श्रृंगार और सौरव को मिलाकर प्रकट किया जाता है। यानी इस नृत्य में शौर्य को भी दिखाया जाता है और सौंदर्य को भी दिखाया जाता है। इस नृत्य में बेढनी और विदूषक दो मुक्त पात्र होते हैं।  मध्यप्रदेश का राजकीय नृत्य राई गांव के क्षेत्रों में किया जाता है यह आमतौर पर जन्म और विवाह जैसे अवसरों में किया जाता है। इस नाच में जो मुख्य नर्तकी होती है उसे बेड़नी कहते हैं।

राजकीय पक्षी

मध्यप्रदेश का राजकीय पक्षी दूधराज है इसे शाह बुलबुल के नाम से भी जाना जाता है। यह मध्य प्रदेश के उत्तर पश्चिम भाग में मुख्य रूप से पाया जाता है।

राजकीय खेल

मध्य प्रदेश का राजकीय खेल मलखंब है मलखंब को मध्य प्रदेश का राजकीय खेल 9 अप्रैल 2013 को घोषित किया गया था। मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले में मलखंब अकादमी की स्थापना की गई है। मलखंब के खेल में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रतिभागी को मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से प्रभाष जोशी सम्मान दिया जाता है।

See also  मध्य प्रदेश के संभाग और जिले

राजकीय नाट्य

मध्यप्रदेश का राजकीय नाट्य माचा है। माचा का प्रचलन मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र से है। इस नाटक के माध्यम से पौराणिक गाथाओं और सांस्कृति को वर्णित किया जाता है। मध्य प्रदेश के राजकीय नाट्य माचा को संस्कृत शब्द मंच से लिया गया है। इस नाटक की प्रस्तुति खुले और ऊंचे मंच से की जाती है। माचा में ढोलक और सारंगी सबसे महत्वपूर्ण वाद्य यंत्र होता है। इस नाट्य का जन्म उज्जैन में हुआ था। यह नाट्य पूरे मालवा में लोकप्रिय है।

राजकीय मछली

मध्यप्रदेश की राजकीय मछली महाशीर प्रजाति की मछली है। यह मध्यप्रदेश में मुख्य रूप से नर्मदा नदी में पाई जाती है। मध्य प्रदेश सरकार ने 2011 में महाशीर मछली को मध्यप्रदेश की राजकीय मछली घोषित की गई थी।

राज्य पशु

मध्य प्रदेश का राज्य पशु बारहसिंघा है। यह पशु ब्रैडली प्रजाति से संबंधित है। मध्यप्रदेश में यह मुख्य रूप से कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान मंडला में पाया जाता है। बारहसिंघा को दलदल का हिरण भी कहा जाता है। मध्य प्रदेश में 1 नवंबर 1981 को बारहसिंघा को राजकीय पशु का दर्जा दिया था।

राजकीय वृक्ष

मध्यप्रदेश का राजकीय वृक्ष बरगद का पेड़ है। इस पेड़ के कई भाग औषधि निर्माण और आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। मध्यप्रदेश में बरगद का धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। यह लगभग पूरे मध्य भारत में पाया जाता है। बरगद को मध्य प्रदेश के राजकीय चिन्ह में भी शामिल किया गया है।

राजकीय नदी

मध्यप्रदेश की राजकीय नदी नर्मदा है इसका उद्गम अनूपपुर जिले के अमरकंटक से हुआ है। नर्मदा मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी नदी और भारत की पांचवीं सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा की कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है नर्मदा को मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहा जाता है। यह नदी गुजरात के खंभात की खाड़ी में जाकर गिरती है। मध्यप्रदेश में इसकी लंबाई 1077 किलोमीटर है।

See also  मध्य प्रदेश का सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला कौनसा हैं?

राजकीय फल

मध्यप्रदेश का राजकीय फल आम है इसकी प्रजाति मैंजीकेर इंडिका हैं। मध्यप्रदेश के जबलपुर को आम का जिला नाम से भी जाना जाता है मध्यप्रदेश के जबलपुर रीवा कटनी सतना और बालाघाट में आम की सबसे ज्यादा पैदावार होती है। मध्यप्रदेश में नूरजहां आम के आम की किस्म पाई जाती है इस किस्म के आम का वजन लगभग 4 किलोग्राम का होता है। यह आम मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के कट्ठीवाड़ा नाम के स्थान पर पाया जाता है।

राजकीय गान

मध्यप्रदेश का राजकीय गान मेरा मध्यप्रदेश है इस गान के लेखक महेश श्रीवास्तव जी हैं तथा इस गांव को संगीत दिया है शान जी ने और संगीतकार आदेश श्रीवास्तव जी हैं। 2010 में मध्यप्रदेश शासन ने मेरा मध्य प्रदेश को राजकीय गान के रूप में स्वीकारा था।

राजकीय फसल

मध्यप्रदेश का राजकीय फसल सोयाबीन है मध्य प्रदेश को सोया स्टेट के नाम से भी जाना जाता है। मध्य प्रदेश में सोयाबीन का उत्पादन देश के दूसरे राज्यों की तुलना में सबसे अधिक होता है। मध्यप्रदेश के इंदौर में राष्ट्रीय सोयाबीन अनुसंधान केंद्र भी स्थापित है।

मध्य प्रदेश का राज्य चिन्ह

मध्यप्रदेश शासन में मध्यप्रदेश की स्थापना के बाद मध्यप्रदेश के लिए राजकीय चिन्ह को बनाने का निर्णय लिया और बन जाने के बाद उसे अपनाया। भारत के राष्ट्रीय चिन्ह और मध्यप्रदेश के स्थानीय विशेषताओं को मिलाकर मध्य प्रदेश के राजकीय चिन्ह का निर्माण किया गया है। मध्य प्रदेश के राजकीय चिन्ह में एक गोल आकृति के बाहर 24 स्तूप की आकृति को बनाया गया है। इसके बाद गोल आकृति है चौकी लगातार विकास और तरक्की का घोतक है। इस गोल आकृति के अंदर मध्य प्रदेश शासन और सत्यमेव जयते उकेरा गया है इसके साथ ही गेहूं और धान की बालियां भी दर्शाई गई है। गोल आकृति के केंद्र में अशोक स्तंभ के शेर की आकृति है और उसके पीछे राजकीय वृक्ष बरगद को दिखाया गया है। नीचे दिए चित्र में आप मध्य प्रदेश के राजकीय चिन्ह को दे सकते हैं।

See also  परशुराम की प्रतीक्षा के रचनाकार कौन है? | parshuram ke pratiksha ke rachnakar kaun hai

One comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *