Hindi Story – सिकंदर और ईरान की जीत (Hindi Kahani- Sikandar ki Iraan Jeet)

Hindi Story – सिकंदर और ईरान की जीत (Hindi Kahani- Sikandar ki Iraan Jeet)

सिकंदर ने ईरान के राजा दारा को पराजित कर दिया इसके बाद सिकंदर को विश्वविजेता कहा जाने लगा। विजय के उपरांत सिकंदर जब अपने राज्य मे वापस आया तो इस विजय से उसके राज्ये के लोग बहुत उत्साहित थे, सिकंदर की प्रजा ने उसका भव्य स्वागत किया गया।

मिलो दूर तक सिकंदर के राज्य के निवासी, उसके स्वागत में सर झुका कर उसका अभिवादन करने के लिए खड़े हुए थे। मार्ग में दूसरी ओर से सिकंदर ने कुछ फकीरों को सामने से आते हुए देखा। सिकंदर को लगा कि वह फकीर भी झुक कर उसका स्वागत करेंगे और उसकी इस विजय पर उसकी प्रशंसा करेंगे।

लेकिन किसी भी फकीर ने सिकंदर को देखा तक नहीं, सिकंदर को देख कर बहुत बुरा लगा, अपनी ऐसी अवमानना देख, सिकंदर क्रोधित हो गया।

उसने अपने सैनिकों को आदेश दिया की वो लोग जाकर फकीरो को पकड़ कर सिकंदर के सामने पेश करे। सैनिको ने वैसा ही किया और फकीरो को पकड़ कर सिकंदर के सामने पेश किया गया। सिकंदर ने फकीरों से पूछा -“क्या तुम लोग जानते हो कि मैं विश्वविजेता सिकंदर हूं, मेरा अपमान करने का दुस्साहस तुमने कैसे किया?”

उत्तर में एक फकीरो ने बोला कि – हे सिकंदर! जिस वैभव पर तुम इतना अभिमान कर रहे हो, यह तुम्हारा अहंकार हैं। यह अहंकार तुम्हारे सिर पर सवार है, वह अहंकार हमारे चरणों का गुलाम है, हमारे गुलाम के गुलाम हो तुम। उसके बाद भी तुम हमारी बराबरी की बात कैसे कर सकते हो? यह कैसी प्रभुता है,”

उनका उत्तर सुनकर सिकंदर को महसूस हो गया की वह राज्यो पर विजय प्राप्त कर सकता है। परंतु जब तक अहंकार पर विजय प्राप्त नहीं करेगा, जब तक सम्पूर्ण  विजेता नहीं कहा जा सकता है। और अंत मे भारत के पोरस ने उसे हारा दिया, जिसके बाद उसका अहंकार टूट गया, और जब किसी और के माध्यम से अहंकार टूटता हैं तो इंसान भी टूट जाता हैं, और इसी गम मे सिकंदर मर गया।

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