कहानी लिखने के नियम क्या है,  विषय का चयन करें,  कहानी की रूपरेखा बनाएं,  शुरू से ही पाठकों को आकर्षित और बांधकर रखें,  प्रासंगिक पात्रों का निर्माण करें,  कहानी में रोमांच बनाए रखे,  कहानी में संघर्ष और तनाव का भी निर्माण करें,  कहानियों में अच्छे संवाद डालें,  कहानी में भावना को भी शामिल करें,  कहानी का मूल्यांकन करना ,  कहानी के प्रकार, कुछ मशहूर हिन्दी लेखक और उनकी कहानियाँ,

कहानी लिखने के नियम क्या है

कहानी लिखने के नियम क्या है

आज इस लेख मेंं हम कहानी लिखने के नियम क्या है इस पर चर्चा करेंगे और उसके बारे मेंं विस्तार पूर्वक जानेंगे। एक अच्छी कहानी लिखना इस बात पर निर्भर करता है कि लिखने वाला व्यक्ति कौन है तथा वास्तविक जीवन मेंं जीवन मूल्यों एवं व्यवहारों का कितना अनुभव उसके पास है इस पर भी यह तय करता है कि कहानी अच्छी लिखी जाएगी या नहीं। इसके साथ ही अच्छी कहानी का संबंध पाठकों पर भी निर्भर करता है कई ऐसी कहानियां है जो कुछ लोगों को अच्छी लगती हैं लेकिन कुछ लोगों को वह कहानी अच्छी नहीं लगती। लेकिन साहित्य के क्षेत्र मेंं कुछ ऐसे तरीके या नियम बताए गए हैं जिनका इस्तेमाल करके कहानियों को आकर्षक और यादगार बनाया जा सकता है।

कहानी लेखन एक कला है एक प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हम किसी कहानी को शब्दों मेंं लिखकर व्यक्त करते हैं। कहानी कई घटनाओं का एक सामूहिक विवरण होता है जिसमेंं जगह घटना मकसद और भावनाओं का मिश्रण होता है। कहानी को उपन्यास लघु कहानी कविता आदि के रूप मेंं लिखा जाता है। आइए जानते हैं किसी भी अच्छी कहानी को लिखने के लिए क्या नियम होते हैं

विषय का चयन करें

कहानी लिखने के पहले आपको कांसेप्ट यानी कि विषय का चयन करना पड़ेगा कि आप जो कहानी लिखने जा रहे हैं वह किस विषय पर आधारित होगी उसे कहानी से किस प्रकार का संदेश निकलेगा।

कहानी की रूपरेखा बनाएं

एक बार जब कहानी का विषय निश्चित हो जाए तब कहानी के रूपरेखा को तैयार करना चाहिए। रूपरेखा तैयार करने से कहानी को लिखने मेंं सरलता होती है साथ मेंं कहानी का लाइक कहीं पर भी बिगड़ता नहीं है एक जैसा रहता है।

शुरू से ही पाठकों को आकर्षित और बांधकर रखें

कहानी जब भी लिखें तो कहानी को कुछ इस तरीके से लिखें कि शुरू से लेकर अंत तक पाठक कहानी के प्रति आकर्षित रहे और बंद कर रहे कहीं पर भी कहानी कमजोर ना होने पाए।

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प्रासंगिक पात्रों का निर्माण करें

कहानी लिखते समय जब पात्रों को बनाया जाता है तो पात्र बिल्कुल वास्तविक लगने चाहिए कहानी का कोई भी ऐसा पात्र ना हो जो मंघड़ंत या काल्पनिक लगे। कहानी पढ़ते समय पाठक को यह बिल्कुल भी नहीं लगना चाहिए कि यह कहानी हवा हवाई बात कर रही है कहानी का एक-एक शब्द उसे ऐसा प्रतीत होना चाहिए कि यह वास्तव मेंं संभव है और ऐसा हो सकता है।

कहानी मेंं रोमांच बनाए रखे

कहानी को लिखने का कुछ ऐसा ढंग होना चाहिए कि कहानी मेंं रोमांच और उत्सुकता बनी रहे पाठक जब कहानी को पड़े तो उनके अंदर यह जानने की इच्छा बढ़ती रहनी चाहिए कि आगे क्या होने वाला है।

कहानी मेंं संघर्ष और तनाव का भी निर्माण करें

जब भी कहानी बनाए उस कहानी मेंं संघर्ष चुनौतियां इन सब को शामिल करना चाहिए जिससे पाठक के मन मेंं कहानी के प्रति एक आकर्षण बनता है और वह कहानी को आगे पढ़ना जारी रखा है।

कहानियों मेंं अच्छे संवाद डालें

कहानी जब भी लिख लिखने बैठे उसमेंं जब पात्रों के बीच मेंं संवाद हो तो उसकी भाषा पात्रों के अनुसार ही होनी चाहिए। उदाहरण के लिए कई लेखक पाठकों को आकर्षित करने के लिए हाल ही मेंं बोली जाने वाली भाषा को शामिल कर लेते हैं जो की कहानी को कमजोर कर देती है। अगर कहानी का पात्र सज्जन है तो वह सज्जन तरीके से ही बात करना चाहिए ना कि उसकी भाषा टपोरी ओ वाली भाषा हो इसका विशेष ध्यान रखें। भारत मेंं अभी एक फिल्म आई थी आदि पुरुष उस फिल्म मेंं जो संवाद लिखे गए थे वह संवाद एक नंबर के घटिया संवाद थे। जिसकी वजह से उस फिल्म को बहुत ही नुकसान पहुंचा।

कहानी मेंं भावना को भी शामिल करें

जब भी कहानी लिखें तो कहानी मेंं इमोशन यानी की भावना को भी शामिल करना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि इसी से पाठक कहानी के प्रति अपने मन को जोड़ सकता है। कहानी मेंं उत्साह उदासी और सहानुभूति जैसे इमोशंस को जोड़ना बहुत ही जरूरी है।

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कहानी का मूल्यांकन करना

कहानी लिखने के बाद उसे खुद भी कम से कम तीन से चार बार पढ़ें उसके बाद आपको उसमेंं कई कमियां नजर आएंगी उन्हें ठीक करें। इसके बाद उस कहानी को कुछ वर्ग को सुना कर उनसे कहानी के प्रति समीक्षा ले लेनी चाहिए उससे लेखक को एक और मौका मिलता है की कहानी मेंं वह और धार कर सकें।

कहानी के प्रकार

कहानियों के विभिन्न प्रकार या शैलियाँ हैं, प्रत्येक की अपनी विशेषताएँ और परंपराएँ हैं। यहां कुछ सामान्य प्रकार की कहानियां दी गई हैं:

  1. साहसिक कहानियाँ: इस प्रकार के कहानी में रोमांचक यात्राओं, खोजों और शोध पर केंद्रित होती हैं, इन कहानियों मेंं अक्सर जोखिम और खतरा शामिल होता है।
  2. रहस्य से युक्त कहानियाँ : ऐसी कहानियाँ जो किसी पहेली को सुलझाने, किसी रहस्य को उजागर करने या किसी अपराध की जाँच के इर्द-गिर्द घूमती हैं, उन्हे रहस्य युक्त कहानियों की श्रेणी में रखा जाता हैं।
  3. रोमांस वाली कहानियाँ : इस प्रकार की कहानियाँ प्रेम, रिश्तों और पात्रों के बीच भावनात्मक संबंधों पर आधारित होती हैं।
  4. फेंटेसी कहानियाँ : इस प्रकार की कहनियों मेंं जादू, अलौकिक प्राणियों और महाकाव्य खोजों के तत्वों के साथ काल्पनिक दुनिया पर आधारित कहानियाँ होती हैं। जैसे- लॉर्ड ऑफ रिंग, हैरी पॉटर।
  5. विज्ञान कथा : यह ऐसी कहानियाँ होती हैं जिनमें भविष्यवादी या काल्पनिक अवधारणाओं का पता लगाती हैं, जिनमेंं अक्सर उन्नत तकनीक, अंतरिक्ष शोध या वैकल्पिक वास्तविकताएँ शामिल होती हैं।
  6. ऐतिहासिक कथा : इस प्रकार की कहानियाँ इतिहास या फिर ऐतिहासिक घटनाओ से जुड़ी हुई होती हैं। अगर कोई कहानी द्वितया विश्व युद्ध से संबन्धित लिखी जाएगी तो उसे ऐतिहासिक कथा के अंतर्गत शामिल करेंगे। उदाहरण के लिए अगर कोई कहानी पृथ्वीराज चौहान पर आधारित हैं तब उस कहानी को ऐतिहासिक कथा के अंतर्गत रखेंगे।
  7. डरावनी कहानियाँ : ऐसी कहानियाँ जीनामें भूत प्रेत या फिर डर की भावनाएं पैदा करने वाली कहानी हो उन्हे डरावनी कहानियों के वर्ग की मनी जाती हैं। इन कहानियों मेंं अक्सर अलौकिक तत्व, राक्षस या मनोवैज्ञानिक रहस्य शामिल होते हैं।
  8. थ्रिलर कहानियाँ : इस तरह की कहानियों में रहस्य, गहन उत्साह और प्रत्याशा से भरी कहानियां शामिल होती हैं। इन कहानियों मेंं अक्सर खतरा और रहस्य बना रहता हैं। जैसे की अगर कोई कहानी सीरियल किलर पर आधारित लिखी जाते तब ऐसी कहानी को थ्रिलर कहानियों के अंतर्गत रखेंगे।
  9. नाटक : यह थ्रिएटर आधारित कहानियाँ होती हैं इस कहानियों में पटकथा के साथ साथ संवाद शामिल होता हैं और संवाद ही कहानी की आत्मा होता हैं।
  10. कॉमेंडी : इन कहानियों के लिखने की शैली कुछ ऐसी होती हैं की कहानी की पटकथा और संवाद पाठको को हंसाते हैं। जिन कहानियों मेंं हास्य लेखन किया जाता हैं। उन कहानियों को कॉमेंडी के वर्ग मेंं शामिल किया जाता हैं।
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कुछ मशहूर हिन्दी लेखक और उनकी कहानियाँ

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वीडियो के माध्यम से समझे कहानी लिखने का तरीका

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