hindi story hindi kahani शेर और ब्रांहण की कहानी

Hindi Story – यदि कुशल चाहते हो! तो इन चार लोगों का, कभी विश्वास मत कीजिए

ज्ञानवर्धक Hindi Story- दोस्तो यदि अपने जीवन मे सफलता और अपना कुशल चाहते हो तो इन 4 लोगों पर कभी भी विश्वास मत करना।

जय श्री कृष्ण मित्रों, आज कहानी के माध्यम से हम जानेंगे की हमे किन चार लोगो पर कभी भी विश्वास नहीं करना चाहिए। वह चार लोग कौन हैं? जिन पर हमें विश्वास नहीं करना चाहिए तो आइए जानते हैं इस हिन्दी कहानी के माध्यम से।

Hindi Story प्रारम्भ होती हैं

सीधी के एक जंगल मे एक सिंह रहता था, जो बूढ़ा हो गया था। एक दिन वह तालाब में स्नान करके हाथ में कुशा लेकर मार्ग में खड़ा हो गया। उसी रास्ते से एक ब्राह्मण जा रहा था, ब्राह्मण को रोकते हुए सिंह बोला- “अरे भाई जरा ठहरो! मेरे पास एक सोने का कंगन है। यह मेरे किसी काम का नहीं है, इसे तुम ले जाओ। सोने का कंगन देख कर पथिक ब्राह्मण सोचने लगा की ऐसे अवसर तो भाग्य से आते हैं। परंतु इसमें जीवन मरण का भी संदेह है इसलिए मुझे किसी भी लालच मे नहीं पड़ना चाहिए। कहते हैं जो स्वभाव से अपना शत्रु हो, ऐसे व्यक्ति से कोई अच्छी वस्तु भी मिले, तो उसका अच्छा परिणाम नहीं होता हैं।

जैसे जिस अमृत मिला हुआ है वह अमृत भी विष बनकर इंसान की मृत्यु का कारण बन जाता है। परंतु यह भी बात सच है की मनुष्य बिना दुविधा में पड़े, लाभ भी नहीं कमा सकता हैं।

यही सोचकर विप्र ने सिंह से कहा कि – “भाई आपके पास कहां है, सोने का कंगन? मुझे दिखाओ, उसी समय सिंह ने ब्राह्मण को सोने का कंगन दिखा दिया, सोने का कंगन देख के विप्र के मन में लालच आ गया।

फिर भी ब्रांहण ने सिंह से कहा – तुम तो एक हिंसक पशु हो, मैं तुम्हारा विश्वास कैसे करूं कि तुम मुझे बिना हानि पहुंचाए, यह सोने का कंगन मुझे दे दोगे।

See also  हिन्दी कहानी - दूसरे का नुकसान (Hindi Story of Dusare ka Nuksaan)

सिंह कहने लगा – अरे भाई! जब मैं जवान था, तब मैं बड़ा ही दुष्ट हुआ करता था, अनेक गौ, ब्राह्मण और मनुष्य को मारने से मेरे पुत्र और स्त्री सब मर गए, उसी दिन से मैं वैरागी हो गया। एक धर्मात्मा ने मुझे उपदेश दिया और कहा कि आज से तुम बिना हिंसा किए ही दान और धर्म कीजिए, तभी तुम्हें मुक्ति मिलेगी, उन्हीं के कहने से मैं आज तक, दान धर्म कर रहा हूं। मेरे नाखून और दांत टूट चुके हैं, मेरे ऊपर तुम विश्वास कर सकते हो। पुराने साधू संतो ने कहा है की जैसे मरुस्थल में वर्षा और भूखे को दिया गया भोजन सफल होता है, उसी प्रकार निर्धन को दिया गया दान, सफल होता है। तुम बहुत निर्धन हो इसलिए यह सोने का कंगन मैं तुम्हें दान कर रहा हूं। क्योंकि रोगी को ही औषधि लाभदायक होती है, जो लोग निरोग हैं उन्हें भला औषधि की क्या आवश्यकता।

सिंह कहने लगा – हे ब्रांहण इसीलिए तुम मुझ पर विश्वास कर सकते हो। और यह कंगन तुम मुझसे ले सकते हो, जाओ जाकर पहले तालाब में स्नान कर लो। उसके बाद कंगन ले लो।

अब तो निर्धन ब्राह्मण ने सिंह पर विश्वास करके, तालाब में स्नान करने के लिए घुस गया। जैसे ही वह तालाब में घुसा, तो तालाब में कीचड़ होने के कारण ब्रांहण दलदल में फंस गया। अब तो बहुत जोर करने पर भी वो कीचड़ से नहीं निकला।

ब्रांहण को कीचड़ में फंसा देखकर सिंह ब्रांहण से कहने लगा- घबराओ नहीं, मैं तुम्हें निकालता हूं।

ब्राह्मण को सिंह की गलत मंशा का पता चल चुका था, पर अब क्या हो सकता था। सिंह ने आगे बढ़कर अपने मुख से ब्रांहण को पकड़ लिया। ब्रांहण सोचने लगा किसी ने सच कहा है जो लोग ज्ञानी होकर भी अपने ज्ञान का उपयोग नहीं करते, उनका ज्ञान उनके लिए बोझ के समान है। इसलिए मैंने अच्छा नहीं किया जो एक हिंसक पशु की बातों में आ गया।

See also  भारत के महान सम्राट और उनकी कहानियाँ | Hindi Kahani of Great Emperors of India

कहते हैं इन 4 चीजों पर कभी सपने में भी विश्वास नहीं करना चाहिए

  1. नदियों का
  2. हाथ में शस्त्र लिए शत्रु का
  3. नख और सींग वाले पशुओं का
  4. राजकुल का

जो लोग इन पर विश्वास करते हैं, उनके जीवन का कोई भरोसा नहीं रहता। रामायण तो आपने पढ़ी या सुनी होगी, सोने का मृग होना असंभव है। फिर भी भगवान श्री राम सोने की मृग के लोभ में पड़कर वन में चले गए। जबकि उनको पता था कि सोने का मृग नहीं होता है। इसीलिए कहते हैं, विपत्ति आने पर मनुष्य की बुद्धि नष्ट भ्रष्ट हो जाती है।

कीचड़ में फंसे उस ब्रांहण को सिंह ने निकाल कर खा लिया। सज्जनों इसीलिए इस प्रकार के लालच में ना पड़े, जिस पथ में प्राणों का संकट खड़ा हो, भलीभाती सोच विचार कर ही काम करना चाहिए, जैसे कि चाणक्य जी ने कहा है की आपत्ति काल के लिए धन की रक्षा करनी चाहिए, धन से अधिक स्त्री की रक्षा जरूरी है और इन सबसे अधिक स्वयं की रक्षा करनी चाहिए क्योंकि जब स्वयं ही नहीं रहोगे तो फिर धन का क्या करोगे।

इस संसार में छल करने में निपुण लोग बहुत से हैं, याद रखना छल हमेशा इन 6 चीजों के द्वारा किया जाता है

  1. मंत्र का सहारा लेकर
  2. औषधि का सहारा लेकर
  3. तरह-तरह के भेष बदलकर
  4. अवसर देखकर
  5. बचन का सहारा लेकर
  6. धन का लालच मे पड़कर

इनसे सावधान रहना चाहिए, सावधान मनुष्य को और भी कुछ सावधानियां हैं जिन्हें बर्तन चाहिए। जैसे

  1. सावधान मनुष्य किसी दूसरे का विश्वास करके असमय में कभी किसी दूसरे अंजान मनुष्य के घर ना जाए।
  2. रात में छिपकर चौराहे पर खड़ा ना हो।
  3. राजा की स्त्री को अगर चाहता हैं तो उसे प्राप्त करने का प्रयास ना करें
  4. दुष्ट संगत वाला राजा जब बहुत लोगों के साथ मंत्रणा समिति में बैठकर सलाह ले रहा हो तो उस समय उसकी बात का खंडन नहीं करना चाहिए। अगर संभव हो तो कोई नीति संगत बहाना बनाकर वहां से हट जाएं।
  5. जो साहसी व्यक्ति कर्म के फल का विचार किए बिना, अचानक कोई कार्य करने लगता है वो उस काम या उसके फल के कारण से केवल दुख होता है।
See also  हिन्दी कहानी - दो बहने सुरेखा और गौरैया | Hindi Story - Two Sister Surekha and Gauraiya

दोस्तो आपको यह hindi story कैसी लगी नीचे कमेन्ट करके जरूर बताए। दोस्तो यह कहानी इंटरनेट मे कहि सुनी थी,। ज्ञान के लिए इस कहानी को हमने इस वैबसाइट मे डाला हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *