teen roti

Teen Roti – खाने मे कभी भी 3 रोटी का सेवन नहीं करना चाहिए

Teen Roti : हिंदू धर्म में कई तरह की मान्यताएं प्रचलित हैं। यह मान्यताएं मनुष्य के जीवन को सरल और सुलभ बनाने के लिए प्रारंभ की गई थी। जो आज भी निरंतर छोटे-मोटे बदलाव के साथ जारी हैं। हिंदू धर्म नियम कानून पर आधारित धर्म है, जो मानवता की सीख देता है। हिंदू धर्म में पूजा-पाठ से लेकर रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी कई बातों को बताया गया है। इसके तहत सोने-उठने, खाने-पीने तथा उठने-बैठने तक की चीजों के बारे में कुछ नियम कानून बनाए गए थे, जो अभी भी चले आ रहे हैं।

हिंदू धर्म में जिन कार्यो को करने के लिए मनाही है, उसे अशुभ माना गया है। आज हम इसी कड़ी में खाने की थाली में तीन रोटी क्यों नहीं खानी चाहिए, उस पर बात करेंगे।

हिंदू धर्म के अनुसार क्यों नहीं परोसते हैं तीन रोटी?

हिंदू धर्म में मान्यता है कि कभी भी थाली में तीन रोटी लेकर खाने के लिए नहीं बैठना चाहिए क्योंकि खाने में 3 रोटियां लेकर बैठना अशुभ माना जाता है। इसे मृत्यु का सूचक माना जाता है क्योंकि जब किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है और उसके त्रयोदशी संस्कार के समय उसके नाम पर तीन रोटियां की थाली उसे समर्पित की जाती हैं। इसलिए हिंदू धर्म के अनुसार कभी भी थाली में तीन रोटी लेकर नहीं बैठा जाता। तीन रोटी वाली थाली को मृतक को समर्पित भोज के रूप में माना जाता है इसलिए कभी भी किसी जीवित व्यक्ति को तीन रोटी नहीं परोसने चाहिए।

See also  शिव को जल देने का मंत्र | shiv ko jal dene ka mantra

अगर किसी व्यक्ति को मात्र तीन रोटी ही खानी है, तो सबसे पहले वह दो रोटी ले जब एक रोटी खत्म हो जाए, तब वह एक रोटी मांग कर थाली मे रख सकता है।

इसके अलावा हिंदू धर्म में यह भी मान्यता है कि यदि कोई व्यक्ति खाने की थाली में तीन रोटी रखकर खाता है तो उस व्यक्ति के मन में दूसरे लोगों के प्रति नफरत और शत्रुता का भाव पैदा होने लगता है। जिससे समाज में संघर्ष पैदा करने वाले लोगों की संख्या बढ़ जाती है और समाज धीरे-धीरे टूट कर बिखरने लगता है इसलिए थाली में तीन रोटी रखकर परोसने के लिए हिंदू धर्म में मनाही है।

ज्योतिष शस्त्र के अनुसार तीन रोटी रख कर खाने वाले व्यक्ति पर राहू दोष लगता हैं, जिसकी वजह से व्यक्ति को हर जगह असफलता मिलती हैं, बने काम बिगड़ जाते हैं।

इसके अलावा खाने की थाली में रोटी ही नहीं बल्कि किसी भी खाने वाली चीज को तीन की संख्या में नहीं परोसा जाना चाहिए। उदाहरण के लिए तीन लड्डू, तीन बिस्किट, तीन प्रकार की सब्जी आदि नहीं देनी चाहिए। आजकल कई थाली तीनखाने वाली आती हैं इसलिए यह भी ध्यान रखें कि थाली में भी तीन खाने (box) नहीं होने चाहिए।

पूजा पाठ मे भी तीन संख्या का इस्तेमाल नहीं होता हैं।

प्राचीन समय से तीन संख्या को अशुभ माना गया है। पूजा पाठ से संबंधित किसी भी समारोह एवं कार्यक्रम में 3 अंकों को पूर्णता वर्जित माना गया है। पूजा में चढ़ाने वाली चीजों की संख्या तीन नहीं हो सकती है। अगर कोई मंत्र पढ़ा जाता है तो उसे 9, 11, 21, 51 या 108 बार पढ़ा जाता है। अगर परिक्रमा की जाती है तो 7, 9 या 11 बार किया जाता है। लेकिन तीन बार नहीं किया जाता।

See also  सपने में दाढ़ी मूछ बनाना | sapne me dadhi banana

प्राचीन समय मे 3 संख्या का प्रभाव

राम भगवान से युद्ध करने के पहले रावण ने एक रात पहले जब भोजन ग्रहण किया था तो उसने भोजन में तीन रोटियों का सेवन किया था। इसके अगले ही दिन रावण का वध भगवान राम के कर कमलों से कर दिया जाता हैं।

हिरण्यकश्यप ने भी अपनी मृत्यु के 1 दिन पहले भोजन में तीन तरह के मदिरा का पान किया था और तीन अलग-अलग तरीके के मांसाहार का सेवन किया था। उसके अगले दिन ही हिरण्यकश्यप का वध भगवान नरसिंह के हाथों कर दिया गया था।

इसलिए ऐसी मान्यता है कि कभी भी भोजन में तीन रोटी या फिर खाने की किसी भी चीज की संख्या तीन नहीं होनी चाहिए।

 

डिस्क्लेमर – यह जानकारी दूसरी वैबसाइट से ली गई हैं, इसलिए इस जानकारी के सत्यता की ज़िम्मेदारी meribaate. in नहीं लेता हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *