अक्सर हम लायर और एडवोकेट जैसे शब्दों को सुनते हैं। और जिज्ञासा बस हमें यह जानने की इच्छा होती है कि लॉयर और एडवोकेट दोनों एक ही शब्द हैं या फिर दोनों के अलग अलग अर्थ निकलते हैं। गूगल में बहुत से लोग लॉयर और एडवोकेट की बीच का अंतर खोजते रहते हैं, इसलिए आज हम इस पोस्ट के माध्यम से एडवोकेट और लॉयर के बीच के अंतर को बताने जा रहे हैं।
एडवोकेट किसे कहते हैं?
एडवोकेट एक ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है, जिसने लॉ की पढ़ाई की हो तथा कोर्ट में प्रैक्टिस कर रहा हो। कोर्ट में अपने क्लाइंट को प्रजेंट करने वाले व्यक्ति को एडवोकेट कहा जाता है। ऐसा सिर्फ भारत में ही है। हर देश में वकील को एडवोकेट ही बोला जाए ऐसा जरूरी नहीं है। उदाहरण के लिए इंग्लैंड में एडवोकेट को बैरिस्टर कहा जाता है। आजादी के समय महात्मा गांधीजी, सरदार बल्लभ भाई पटेल इन सभी को भी बैरिस्टर कहा जाता था। जो व्यक्ति इंग्लैंड में कानून की पढ़ाई करता है और फिर प्रैक्टिस करता है उसे बैरिस्टर कहा जाता है।
जो वकील स्टेट बार काउंसिल में नामांकित होते हैं तथा बार एग्जाम को पास कर लेते हैं उन्हें एडवोकेट के रूप में मान्यता दी जाती है। लॉयर की तुलना में एडवोकेट काफी अनुभवी होते हैं। एडवोकेट का मतलब है कि वकील अपने क्लाइंट की वकालत कर रहा है। एडवोकेट का मीनिंग होता है किसी की वकालत करना।
लॉयर किसे कहा जाता है?
भारत में लॉयर मुख्य रूप से ऐसे व्यक्ति को कहा जाता है, जिसने लॉ की पढ़ाई पूरी कर ली हो। उसके पास एलएलबी की डिग्री हो तो उसे लॉयर कहा जा सकता है। जरूरी नहीं है कि वह कोर्ट में प्रैक्टिस करता हूं। ऐसा भी कह सकते हैं कि लॉयर एक डेजिग्नेशन है जो व्यक्ति को यह दर्शाने के लिए इस्तेमाल होता है कि वह कानूनी शिक्षा ग्रहण कर चुका है तथा संभव है कि प्रैक्टिस भी कर रहा हो। भारत में जिसे एडवोकेट कहा जाता है उसे इंग्लैंड में बैरिस्टर कहते हैं तथा अमेरिका में उसे लॉयर कहा जाता है।
कब व्यक्ति अपने आपको लॉयर बोलेगा?
अगर किसी व्यक्ति ने लॉ की पढ़ाई की है, लेकिन वह प्रैक्टिस नहीं करता तो वह अपने आप को लॉयर बोल सकता है।
एडवोकेट और लॉयर में बेसिक अंतर क्या है?
सभी एडवोकेट को लॉयर कहा जा सकता है लेकिन सभी लॉयर को एडवोकेट नहीं कहा जा सकता।