आज के समय में सबसे बड़ी समस्या है रोजगार की, रोजगार में लोगों की प्राथमिकता है सरकारी नौकरी, जिसके लिए उन्हें बड़ी परिश्रम के साथ तैयारी करनी होती है। पर कई बार यह देखा गया है किसी प्रतियोगी परीक्षाओं में मेहनत के साथ-साथ भाग्य का भी साथ होना बहुत जरूरी है।
इसलिए आज हम ऐसे पेड़ों के बारे में बात करेंगे जो ज्योतिष के अनुसार भाग्य में बढ़ोतरी करने वाले वृक्ष माने गए हैं, जिनको लगाने से लोगों के भाग्य में वृद्धि होती है और उनकी मनोकामना की पूर्ति होती है।
केला: जिन लोगों के कुंडली में गुरु ग्रह का दोष होता है ऐसे लोगों को गुरुवार के दिन केले की पूजा करनी चाहिए, जिन लोगों को विवाह एवं रोजगार मे बाधाएं आ रही होती हैं, केले की पूजा करने से वह बाधाएं दूर होती हैं। और इंसान के भाग्य का उदय होता है।
बेल का पेड़: यह वृक्ष भगवान शिव का पसंदीदा वृक्ष है, इस वक्त की पत्ती भगवान शिव को चढ़ाई जाती है, जिससे भगवान अति प्रसन्न होते हैं। जिन व्यक्ति को रोजगार ना मिल रहा हो एवं प्रमोशन ना मिल रहा हो, ऐसे लोगों को बेल का पेड़ जरूर लगाना चाहिए। उन्हें जल्दी रोजगार एवं प्रमोशन से संबंधित चुरू समाचार प्राप्त होंगे, इस पेड़ को लगाने से अकाल मृत्यु का भय भी दूर होता है।
पीपल का वृक्ष: पीपल के वृक्ष में कई देवी एवं देवताओं का वास होता है, यह बहुत ही शुभ फल देने वाला वृक्ष है, लेकिन इस वक्त को घर में नहीं लगाना चाहिए, और अगर यह वृक्ष घर में लगा है तो इसकी परछाई घर पर नहीं पढ़नी चाहिए, इस वृक्ष को लगाने से भगवान शनि प्रसन्न होते हैं राजस्थानी दोष से मुक्ति प्राप्त होती है
लाल चंदन का वृक्ष: चंदन का वृक्ष का संबंध सूर्य से होता है, जिन लोगों कुंडली में सूर्य दोष होता है, और सूर्य दोस्त की वजह से उनके जीवन में उथल-पुथल होती है, उत्तल पुथल को शांत करने के लिए लाल चंदन के वृक्ष की पूजा करनी चाहिए, संभव है तो इस वृक्ष का रोपण भी करना चाहिए, इस वृक्ष का संबंध रोजगार, नौकरी और प्रमोशन से होता है, इस वृक्ष की पूजा एवं सेवा करने से नौकरी, रोजगार, व्यापार एवं प्रमोशन के योग बनते हैं
तुलसी का पौधा: यह हमारे आंगन एवं घरों के आसपास जरूर होती है, यह बहुत ही पूजनीय पौधा है, परंतु वर्तमान में इसकी उपेक्षा ज्यादा हो रही है, और यही कारण है कई बार योग्यता होते हुए भी नौकरी या व्यापार के योग्य नहीं बन पाते हैं, हिंदू धर्म के अनुसार जिन लोगों के घरों में रोज तुलसी माता को जल चढ़ाया जाता है, तथा पूजा की जाती है उस घर को महालक्ष्मी कभी छोड़कर नहीं जाती हैं,