Trijata kaun hain

Trijata Kaun hain : त्रिजिटा कौन हैं, त्रिजिटा सच मे विभीषण जी की बेटी हैं? Updated 2022

त्रिजटा किसकी पुत्री थी?

Trijata Kaun hain : ऐसी मान्यता है की त्रिजटा भगवान राम के भक्त श्री विभीषणजी की पुत्री हैं। त्रिजटा की माता का नाम शरमा है। त्रिजटा रावण की भतीजी थी तथा राक्षसी त्रिजटा का वंशगुण था, जबकि रामभक्ति उसका पैतृकगुण था। जो त्रिजटा को उसके पिता विभीषण जी से प्राप्त हुआ था।

विभीषण के कितने पुत्र थे (trijata kaun hain)

भगवान राम के अनन्य भक्त विभीषण जी के केवल एक ही संतान थी। और वह भी विभीषण जी की तरह ही एक राम भक्त थी। विभीषण जी की कन्या का नाम त्रिजटा था।

विभीषण की पत्नी कौन थी? (trijata kaun hain)

विभीषण की पहली पत्नी का नाम शर्मा था, जोकि त्रिजटा की मां थी। लेकिन रावण के वध के बाद मंदोदरी ने रावण के छोटे भाई और लंका के नए राजा विभीषण से विवाह कर लिया था ऐसी कहानी लोग बताते हैं।

बनारस में त्रिजटा का मंदिर है

उत्तर प्रदेश के बनारस में लंका की त्रिजटा का एक मंदिर है जोकि काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब है। मान्यता है कि जब सीता माता पुष्पक विमान में बैठकर अयोध्या आ रही थी तब त्रिजिटा भी उनके साथ आई, माता सीता के कहने पर वह बनारस में रहकर भगवान शंकर की आराधना में लीन हो गई। बनारस में त्रिजटा मंदिर में त्रिजटा को देवी के रूप में पूजा जाता है। महिलाएं इस मंदिर में अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए हाजिरी देती हैं। प्रसाद के रूप में त्रिजटा माता को मूली और बैगन चढ़ाया जाता है। इसी तरह त्रिजटा का मंदिर उज्जैन जिले में भी है जोकि बाल रूप हनुमान मंदिर के परिसर में ही मौजूद है। सीता पुराण में त्रिजटा को विभीषण और गंधर्व शर्मा की बेटी बताया गया है।

See also  शिव को जल देने का मंत्र | shiv ko jal dene ka mantra

त्रिजटा अशोक वाटिका में माता सीता की अंगरक्षक थी

जब लंकापति रावण साधु का वेश धर के छल से माता सीता को पुष्पक विमान में उठाकर लंका लाया था तब माता सीता के रहने के लिए उसने अशोक वाटिका को चुना। माता सीता को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान ना हो इसलिए रावण ने त्रिजटा राक्षसी को माता सीता का पहरेदार बनाया। त्रिजटा अशोक वाटिका में पहरा देने वाली सभी रक्षासिनो की मुखिया थी। उसके आदेश पर ही सभी अपने कर्तव्य का निर्वाहन किया करते थे। जब रावण माता सीता को अपहरण करके लंका लाया तब माता सीता अत्यंत दुखी थी और लगातार विलाप कर रही थी। अशोक वाटिका में मौजूद दूसरी राक्षसियां माता सीता को लगातार तंग किया करती थी। तब त्रिजटा ने अपनी बुद्धिमानी से सभी राक्षसियों को डरा कर चुप करा दिया था और माता सीता को ढांढस बांधा कर उनका साहस और हिम्मत बढ़ाया करते थे। माता सीता भी त्रिजटा को माता कहकर पुकारा करती थी। त्रिजटा की वजह से ही माता सीता राक्षसों की उस लंका नगरी में रह पा रही थी क्योंकि त्रिजटा लगातार उनकी हिम्मत को बढ़ाया करती थी और आशा की किरण को बुझने नहीं देती थी।

विभीषण की मृत्यु कैसे हुई?

मान्यता है कि विभीषण आज भी जीवित है क्योंकि भगवान राम जब पृथ्वी लोक से जा रहे थे तो उन्होंने भी विभीषण जी को चिरंजीवी होने का वरदान दिया था। और उन्हें कलयुग के अंत तक जिंदा रहने का आशीर्वाद दिया था। मान्यता है की ब्रह्म मुहूर्त में वह अयोध्या आते हैं और भगवान राम की पूजा करके रामेश्वरम जाते हैं और रामेश्वरम से वापस लंका चले जाते हैं आवागमन के लिए वह वायु की चाल से हवा में हनुमान जी की तरह विचरण करते हैं।

See also  चमेली का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं

रावण की पत्नी मंदोदरी कौन थी?

मंदोदरी का जन्म हेमा नाम के एक अप्सरा के गर्भ से हुआ था। उस अप्सरा का विवाह मायासुर के साथ हुआ था। मान्यता है की मंदोदरी मध्य प्रदेश के मंदसौर के राजा की पुत्री थी।

विभीषण नाम क्यों नहीं रखा जाता है?

रामायण में विभीषण ने अपने परिवार का भेद भगवान राम को बताया था, जिसकी वजह से उसके भाई तथा उसके सभी सगे संबंधियों का विनाश हो गया था। इसीलिए कोई भी अपने बच्चे का नाम भी विभीषण नहीं रखता है।

विभीषण की माता का नाम क्या था?

विभीषण ब्राह्मण एवं राक्षस परिवार में हुआ था क्योंकि उसके पिता ऋषि विश्रवा एक ब्राह्मण थे जबकि विभीषण की मां का नाम कैक्सी था जो की एक राक्षसी थी।

कुंभकरण की पत्नी का नाम क्या था?

कुंभकरण की पत्नी बाली देश की कन्या वज्रजवाला थी। इसके अलावा कुंभकरण की एक दूसरी पत्नी भी थी, उसका नाम करकटी था। कुंभकरण के 1 पुत्र था इसका नाम मूलकासुर था। मान्यता है कि इस मूलकासूर का वध माता सीता ने किया था।

रावण की मृत्यु के बाद सुपनखा का क्या हुआ?

रावण की बहन सुपनखा जिसकी वजह से रावण की मति भ्रष्ट हो गई और उसमें माता सीता का अपहरण कर अपने पूरे परिवार को मृत्यु के मुख्य मे ले गया। वह रावण की मृत्यु के बाद सूर्पनखा जंगल में जाकर तपस्या करके अपने जीवन से मुक्ति प्राप्त करनी थी।

रावण की मृत्यु के पश्चात लंका का राजा कौन बना?

मान्यताओं के अनुसार रावण की मृत्यु के बाद लंका की राजगद्दी में रावण के सबसे छोटे भाई विभीषण बैठे थे और उन्होंने लंका का सारा कार्य भार अपने हाथों में ले लिया था। भगवान राम ने उनका राजतिलक किया था और भारत के बाद अगर कहीं रामराज्य चल रहा था तो वह विभीषण के शासन में लंका में चल रहा था।

See also  पीला पुखराज पहनने के फायदे | pukhraj stone benefits in hindi

रावण का धर्म क्या था?

रावण ब्रांहण का पुत्र था, इसलिए कह सकते हैं की वह हिन्दू धर्म मे जन्म लिया था, लेकिन क्योंकि उसकी चालचलन सनातन/हिन्दू धर्म के अनुयाईयो की तरह नहीं था, तथा उसने राक्षस गुण को स्वीकार्य कर लिया था। पूर्व काल मे जन्म से जाती का निर्धारण नहीं होता था, इस लिए ज्ञान एवं वेदो के ज्ञाता को ब्रांहण कहते थे, इसलिए कई लोग ज्ञान के आधार पर रावण को ब्राहण कहते हैं, लेकिन गुण के आधार पर रावण को राक्षस गुण का कहा जा सकता हैं।

रावण की उम्र कितनी थी?

रावण पुलत्स मुनि का पौत्र था तथा वह भगवान ब्रम्हा के वंश का था। रावण की मृत्यु जब राम भगवान के हाथो हुई थी तब रावण की मृत्यु 39001 वर्ष 4 माह और 9 दिन की थी।

कुबेर से रावण ने बलपूर्वक क्या छीन लिया था?

कुबेर और रावण दोनों एक दूसरे के सौतेले भाई है। कुबेर देवता की श्रेणी मे आते हैं तथा, उन्हे धन का देवता माना जाता हैं। मान्यता हैं की लंका का राजा कुबेर ही थे, लेकिन रावण को लंका बहुत पसंद आई तो उसने कुबेर से लंका बलपूर्वक छीन लिया।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *