- रात्रि मे पेड़ के नीचे नहीं रहना चाहिए।
- अमावस्या के दिन जो वृक्ष, लता आदि को काटता हैं अथवा उनका एक पत्ता भी तोड़ता हैं, उसे ब्रम्ह-हत्या का पाप लगता हैं।
- चौराहा, शमसान, उपवन, दुष्ट स्त्री का साथ, देवमंदिर, सुना घर तथा जंगल- इनका देर रात त्याग करना चाहिए।
- अत्यंत सबेरे, अधिक साँझ हो जाने पर कही बाहर नहीं जाना चाहिए।
- रात मे दही नहीं खाना चाहिए, अक्सर बच्चे संध्या के समय पढ़ने बैठते हैं, यह भी शास्त्रो के अनुसार गलत हैं ऐसी विद्या लेने वाले पथ भ्रष्ट हो जाते हैं।
- सदा पूर्व या दक्षिण की तरफ सिर करके सोना चाहिए। उत्तर या पश्चिम की तरफ सिर करके सोने मे आयु क्षीण होती हैं।
- पूर्व की तरफ सिर करके सोने से ज्ञान प्राप्त करने मे आसानी होती हैं। जबकि दक्षिण की तरफ सिर करके सोने से धन और आयु मे वृद्धि होती हैं।
- टूटे हुये बिस्तर, छोटे बिस्तर, गंदा बिस्तर आदि मे नहीं सोना चाहिए।
- बांस या पलाश की लकड़ी से बने बिस्तर मे नहीं सोना चाहिए। जूठे मुह नहीं सोना चाहिए।
- गीले पैर कभी भी नहीं सोना चाहिए, हमेशा पैर को सूखा कर सोना चाहिए।
- लंबी उम्र की चाह रखने वाले को ब्रम्ह मुहूरत मे उठना चाहिए।
- रविवार, मंगलवार, गुरुवार और शुक्रवार को शरीर मे तेल नहीं लगाना चाहिए।
- रविवार के दिन शरीर मे तेल लगाने से घर मे लड़ाई होती हैं, मंगलवार को तेल लगाने से व्याधि होता हैं, गुरुवार को तेल लगाने से निर्धनता आती हैं। शुक्रवार को तेल लगाने से हानी होता हैं। जो प्रतिदिन तेल लगता हैं उसे कोई प्रभाव नहीं पड़ता हैं।