रसोई में बहुत से लोग पूजा घर बना देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है की रसोई बहुत ही पवित्र स्थान है और यहां पर माता अन्नपूर्णा का निवास होता है लेकिन यह बिल्कुल भी गलत धारणा है भूल कर भी पूजा घर को रसोई में स्थापित नहीं करना चाहिए। निश्चित रूप से घर में रसोई का बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका होती है। लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है की पूजा घर को रसोई में स्थापित किया जाए। वास्तु शास्त्र विद्वानों का मानना है सुधार के रसोई में खोलकर भी पूजा घर या फिर मंदिर को स्थापित नहीं करना चाहिए। जिन घरों में रसोई में पूजा घर को स्थापित किया जाता है उन घरों में अक्सर लड़ाई झगड़े होते रहते हैं इसीलिए अगर कलह से बचाना है तो पूजा घर को रसोई में भूलकर भी स्थापित न करें।
रसोई घर का दरवाजा किस दिशा में होना चाहिए
वास्तु शास्त्र और ज्योतिष यात्राओं के अनुसार रसोई घर का दरवाजा उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए और अगर संभव न हो तो पश्चिम दिशा की ओर भी हो सकता है। किचन में हमेशा एक ही दरवाजा होना चाहिए बहुत से लोग लापरवाही के चलते रसोई घर में दो दरवाजे भी रखते हैं जो की उचित नहीं है और विराम घर बनवेट समय यह ध्यान रखें की रसोई घर में सिर्फ एक दरवाजा होना चाहिए इसके साथ ही रसोई घर के दरवाजे के विपरीत कोई दूसरा दरवाजा भी नहीं होना चाहिए। अगर रसोई घर में दो दरवाजे बन गए हैं तब एक दरवाजे को हमेशा बंद रखें और दूसरे दरवाजे को ही चालू रखें और कोशिश करें वह दरवाजा उत्तर या पश्चिम दिशा में खुलना चाहिए।
रसोई में खिड़की किस दिशा में होनी चाहिए
पुराने समय में लोग रसोई कुछ इस तरीके से बनाते थे कि सूरज की रोशनी सीधे रसोई घर में पड़ सके इसीलिए वास्तु शास्त्र भी चाहता है कि रसोई घर में पूर्व दिशा की दीवार में खिड़की होनी चाहिए जिससे सूर्य की प्रकाश रसोई में सीधे पढ़ सके। वास्तु शास्त्र के अनुसार रसोई में खिड़की अवश्य होनी चाहिए इसलिए रसोई घर बनबाते समय प्रयास करें की रसोई घर में एक खिड़की जरुर हो जो की पूर्व दिशा की दीवार में होनी चाहिए।
किचन में खाना बनाने वाले का मुंह किधर होना चाहिए
किचन को कुछ इस तरीके से व्यवस्थित करना चाहिए कि जब किचन में कोई खाना बनाने जाए तब खाना बनाते समय उसका मुंह दिशा की ओर होना चाहिए। पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना बनाने से उसे घर के लोग हमेशा स्वस्थ रहते हैं और खुशी रहते हैं। भूल कर भी रसोई में ऐसी व्यवस्था न करें कि खाना बनाने वाले का मुंह दक्षिण दिशा की ओर हो। अगर किचन में हम पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना बना रहे हैं तब पीठ की ओर कोई भी दरवाजा नहीं होना चाहिए।