आज इस आर्टिकल के माध्यम से जानेंगे की 2024 में “आषाढ़ का महीना कब से शुरू है”। आषाढ़ हिन्दी कलेंडर का 4था महिना हैं। अगर अँग्रेजी कलेंडर के अनुसार आषाढ़ का अनुमान लगाए तो यह जून-जुलाई के बीच में आता हैं।
2024 में आषाढ़ का महीना 23 जून 2024 से प्रारंभ हो रहा है। 23 जून 2024 के दिन रविवार है तथा यह आषाढ़ महीने का पहला दिन है यानी कि इस दिन कृष्ण प्रतिपदा हैं।
किसी भी महीने के पहले तिथि को संस्कृत में प्रतिपदा कहते हैं और सभी माह के पहले दिन को प्रतिपदा कहा जाता है और हर माह का पहला दिन कृष्ण पक्ष से ही प्रारंभ होता है। शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से चंद्रमा पूर्णिमा की ओर बढ़ता है। जबकि कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से चंद्रमा अमावस की ओर बढ़ता है। यानी की सरल शब्दों में कह सकते हैं पूर्णमासी के अगले दिन से कृष्ण पक्ष लग जाता है और अमावस्या के अगले दिन से शुक्ल पक्ष लग जाता है।
प्रतिपदा के स्वामी अग्नि देव को माना गया है तथा प्रतिपदा को नंदा कहा गया है यानी कि ऐसा दिन जो आनंद देता है। अगर रविवार या मंगलवार के दिन प्रतिपदा हो तो इसे अच्छा दिन नहीं माना गया है, इसीलिए कभी भी अपने शुभ कार्यों को ऐसी प्रतिपदा के दिन प्रारंभ ना करें जो कि मंगलवार या रविवार को पड़ते हैं।
आषाढ़ माहिने मे भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा का विशेष महत्व हैं। आषाढ़ माह के पहले दिन, किसी ब्राम्हण को अन्न दान करने का विधान हैं। इस महीने मे जल से भरे हुये फल का ही सेवन करना चाहिए। इसके साथ ही यह भी ध्यान रहे की आषाढ़ मे बेल का फल नहीं खाना चाहिए।
- आषाढ़ महीने मे गुप्त नवरात्रि भी होती हैं। इस लिए इन गुप्त नवरात्रि मे माता शक्ति की उपासना करने से जीवन मे ऊर्जा और उत्साह की वृद्धि होती हैं।
- आषाढ़ के महीने में भगवान विष्णु सागर मे निद्रा के लिए चले जाते हैं।
- आषाढ़ से आने वाले चार माह तक किसी भी शुभ कार्य की मनाही होती हैं।
- आषाढ़ माह मे ही गुरु पुर्णिमा होती हैं। ऐसी मान्यता हैं की गुरु पुर्णिमा के दिन महाभारत के रचनाकार वेदव्यास जी का जन्म हुआ था।
- आषाढ़ महीने मे भगवान विष्णु की आराधना करने से संतान सुख की प्राप्ति होती हैं।
- आषाढ़ के महीने मे वरुण देव की पूजा करने से धन की प्राप्ति होती हैं।