MP Gk से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण जानकारियां यहां पर आपको उपलब्ध कराई जा रही है। हिन्दी मे मध्यप्रदेश जीके यानी MP GK in Hindi से जुड़े प्रश्न और उत्तर भी हमारे द्वारा यहां पर आपको उपलब्ध कराए जाएंगे, अगर आप MPPSC, MP Police aur MP Exam की तैयारी कर रहे हैं, तो यहाँ पर सभी महत्वपूर्ण study material आपको आसानी से मिल जाएगा।
MP का सामान्य परिचय :
मध्य प्रदेश भारत के मध्य में स्थित है। इसी कारण इसे भारत का ह्रदय प्रदेश भी कहते हैं। 1947 के समय मध्यप्रदेश नाम से कोई भी राज्य भारत देश में मौजूद नहीं था। 1947 से पहले Part A – CP बरार, Part B-मध्य भारत का प्रांत और Part C- विंध्य प्रदेश और भोपाल हुआ करते थे।
स्वतंत्रता के बाद सेंट्रल प्रोविंस और बरार में बघेलखंड, छत्तीसगढ़ की रियासतों को मिलाकर मध्य प्रदेश नाम का एक नया राज्य बनाया गया। इसकी राजधानी नागपुर थी। यह PART A स्टेट में आता था। जबकि उत्तर की रियासतों को मिलाकर विंध्यप्रदेश बनाया गया, यह PART C स्टेट थे। इसकी राजधानी रीवा थी। पश्चिम की रियासतों को मिलाकर मध्य भारत नाम का PART B स्टेट बनाया गया था। इसकी राजधानी 6 माह के लिए इंदौर और 6 महीने के लिए ग्वालियर हुआ करती थी।
भोपाल एक अलग राज्य था जो कि पार्ट सी स्टेट में आता था और इसकी राजधानी भोपाल थी। 1953 को राज्य पुनर्गठन आयोग का गठन हुआ। इसके अध्यक्ष फजल अली तथा सदस्य पंडित हृदयनाथ कुंजुरू, डॉ के.एम. पाणिकर थे।
आयोग की सिफारिश के अनुसार 1 नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य की स्थिति निम्न प्रकार से थी।
1- बुढ़ाना, अकोला,अमरावती यवतमाल, वर्धा, नागपुर, भंडारा और चांदा जिले को मुंबई नाम के राज्य से मिला दिया गया था। उस समय गुजरात और महाराष्ट्र नाम का कोई राज्य नहीं था, इन दोनों को संयुक्त रूप से बंबई स्टेट कहा जाता था। इसके अतिरिक्त सभी स्थानों को मध्यप्रदेश में शामिल कर दिया गया।
2- मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील के सुनेलटप्पा को छोड़कर, सभी भाग मध्यप्रदेश में शामिल कर लिया गया। सुनेलटप्पा को राजस्थान को दे दिया गया था।
3- भोपाल राज्य को भी मध्यप्रदेश के साथ मिला दिया गया था।
4- पार्ट सी के विंध्य प्रदेश को भी मध्यप्रदेश में शामिल कर लिया गया था।
5- राजस्थान के सिरोंज तहसील को वर्तमान मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में शामिल कर लिया गया था।
1 नवंबर 1956 को मध्यप्रदेश राज्य बनाया गया और इसकी राजधानी भोपाल को चुनी गई। भोपाल उस समय सीहोर की एक तहसील हुआ करती थी। जिसे 1972 में जिला बना दिया गया। मध्य प्रदेश का नामकरण पंडित जवाहरलाल नेहरु के द्वारा किया गया था। मध्य प्रदेश को हृदय प्रदेश, टाइगर स्टेट, सोया स्टेट आदि नामों से भी जाना जाता है। 1956 में मध्य प्रदेश में कुल 43 जिले थे।
26 जनवरी 1972 को भोपाल और राजनाद गांव नाम के दो नए जिले बनाए गए, जिसके बाद मध्य प्रदेश में कुल 45 जिले हो गए। मई 1998 में बीपी दुबे जिला पुनर्गठन आयोग की सिफारिश पर 25 मई 1998 को 10 नए जिले बनाए गए थे, जिसके बाद मध्य प्रदेश के जिलों की संख्या 55 हो गई थी।
10 जून 1998 को ही सिंहदेव समिति की अनुशंसा में 6 और नए जिले बनाए गए, जिसके बाद मध्य प्रदेश में कुल 61 जिले हो गए थे।
वर्ष 2003 में अशोकनगर को गुना से, बुरहानपुर को खंडवा से और अनूपपुर को शहडोल से अलग कर के नए जिले बनाए गए। 2008 में दो और नए जिले बनाए गए। झाबुआ से अलीराजपुर, और सीधी से सिंगरौली को अलग करके नया जिला बनाया गया था।
सिंगरौली को मध्य प्रदेश की ऊर्जा राजधानी भी कहा जाता है। 1 नवंबर 2000 को देश में छत्तीसगढ़ नाम का 26 वां राज्य मध्य प्रदेश से अलग होकर बनाया गया। मध्य प्रदेश से 16 जिले अलग करके छत्तीसगढ़ की स्थापना की गई थी। वर्तमान में मध्य प्रदेश में 52 जिले और 10 संभाग हैं।
मध्य प्रदेश के संभाग का छोटा परिचय:
1- इंदौर संभाग में 8 जिले आते हैं जोकि इंदौर, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और बुरहानपुर शामिल है।
2- उज्जैन संभाग में 7 जिले आते हैं जोकि उज्जैन, रतलाम, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा और देवास जिले हैं।
3- ग्वालियर संभाग में 5 जिले आते हैं जोकि ग्वालियर, शिवपुरी, दतिया, गुना और अशोकनगर हैं।
4- चंबल संभाग में 3 जिले शामिल है जो कि मुरैना, भिंड और श्योपुर हैं।
5- रीवा संभाग में 4 जिले आते हैं जो कि रीवा, सतना, सीधी और सिंगरौली हैं। जब शहडोल संभाग नहीं था तो शहडोल संभाग के अंदर आने वाले जिले सभी रीवा संभाग के अंदर आया करते थे रीवा संभाग को अलग करके शहडोल संभाग बनाया गया है।
6- शहडोल संभाग में 4 जिले आते हैं जो कि शहडोल, उमरिया और अनूपपुर है।
7- सागर संभाग में 5 जिले आते हैं जोकि सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर और टीकमगढ़ है।
8- भोपाल संभाग में 5 जिले आते हैं जोके भोपाल सीहोर रायसेन राजगढ़ विदिशा हैं
9- नर्मदा पुरम संभाग में 3 जिले आते हैं जोकि नर्मदा पुरम पुराना नाम होशंगाबाद हरदा और बैतूल जिले हैं
10- जबलपुर संभाग में 8 जिले आते हैं जोकि जबलपुर, मंडला, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, कटनी और डिंड़ौरी है।
होशंगाबाद संभाग का नाम बदलकर नर्मदापुरम संभाग कर दिया गया था और 2022 में होशंगाबाद जिले का नाम भी बदलकर नर्मदापुरम कर दिया गया है।
इंदौर संभाग में सबसे ज्यादा 8 जिले हैं। क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों ही दृष्टि से जबलपुर संभाग सबसे बड़ा संभाग है।
मध्य प्रदेश मे कुल 341 तहसील हैं। मध्य प्रदेश मे 313 जनपद पंचायत हैं। जिला पंचायत 51 हैं, नगर पंचायत 248 हैं और ग्राम पंचायत 23044 हैं।
मध्य प्रदेश की भौगोलिक स्थिति का छोटा परिचय:
MP GK मे एक लघु परिचय मध्यप्रदेश की भौंगोलिक स्थिति के बारे मे।
मध्य प्रदेश की सीमा उत्तर में उत्तर प्रदेश से दक्षिण में महाराष्ट्र से पूर्व में छत्तीसगढ़ से पश्चिम में गुजरात और राजस्थान से मिलती है। मध्य प्रदेश भारत में क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान के बाद दूसरे स्थान पर आता है। मध्य प्रदेश की पूर्व से पश्चिम की ओर चौड़ाई 870 किलोमीटर है तथा लंबाई उत्तर से दक्षिण 605 किलोमीटर है। मध्य प्रदेश की सीमा का निर्धारण उत्तर में चंबल नदी, दक्षिण में ताप्ती नदी तथा पूर्व में मैकल पर्वत की श्रेणियों द्वारा होती है।
मध्य प्रदेश पूरी तरह से लैंडलॉक्ड यानी भू-आवेष्ठित प्रदेश है। मध्य प्रदेश को तीन भौतिक प्रदेशों में बांटा गया है, जो कि आपको नीचे बताया जा रहा है-
मध्य उच्च प्रदेश : मध्य उच्च प्रदेश के अंतर्गत निम्न क्षेत्र आते हैं
- पन्ना का पठार
- मालवा का पठार
- बुंदेलखंड का पठार
- मध्य भारत का पठार
- नर्मदा सोन घाटी
सतपुड़ा मैकल श्रेणीयां : सतपुड़ा मैकल श्रेणियों के अंतर्गत निम्न क्षेत्र आते हैं जो कि मध्य प्रदेश के भाग हैं।
- सतपुड़ा श्रेणी
- मैकल श्रेणी
पूर्वी पठार : मध्य प्रदेश के इस भौतिक प्रदेश के अंतर्गत बघेलखंड का पठार आता है और यह मध्य प्रदेश का तीसरा भौतिक प्रदेश है।
मध्य प्रदेश के 5 पड़ोसी राज्य हैं, जिनमें से सबसे न्यूनतम सीमा जिसके साथ मध्यप्रदेश साझा करता है वह गुजरात राज्य हैं। जबकि मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश के साथ अधिकतम सीमा साझा करता है।
छत्तीसगढ़ के निर्माण का परिचय :
आइए अब MP GK के अंतर्गत छत्तीसगढ़ निर्माण के बारे में कुछ बिंदु पढ़ते हैं। छत्तीसगढ़ के गठन के लिए 18 मार्च 1994 को तत्कालीन विधायक रविंद्र नाथ चौबे द्वारा मध्यप्रदेश विधानसभा में संकल्प प्रस्तुत किया गया था। इसके बाद 1998 में राष्ट्रपति केआर नारायणन ने अपने अभिभाषण के बाद संसद में दोनों सदनों को संबोधित करते हुए मध्यप्रदेश से छत्तीसगढ़ राज्य बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।संसद मे छत्तीसगढ़ संशोधन विधेयक 2000 प्रस्तुत किया गया।
- 31 जुलाई 2000 को लोकसभा में इस विधेयक को पारित किया गया था।
- इसके बाद 9 अगस्त 2000 को इस विधेयक को राज्यसभा में पारित किया गया था।
- 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ नाम का राज्य अस्तित्व में आया।
- यह भारत का 26 वां राज्य था।
- मध्य प्रदेश से जब छत्तीसगढ़ अलग नहीं हुआ था, उस समय मध्य प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य क्षेत्रफल की दृष्टि से था।
मध्य प्रदेश के प्रमुख व्यक्तियों और उनके उपनाम
- मध्य प्रदेश के राजेंद्र जैन को ओशो और रजनीश कहते हैं।
- मध्य प्रदेश के बाबूलाल गौर को बुलडोजर उपनाम से जाना जाता है।
- रानी लक्ष्मीबाई को मनु उपनाम से भी जाना जाता है।
- कुंजीलाल दुबे को मध्यप्रदेश के विधि पुरुष के नाम से भी जाना जाता है।
- पंडित द्वारिका प्रसाद को मध्यप्रदेश का आधुनिक चाणक्य उपनाम से भी जाना जाता है।
- मध्य प्रदेश की विजयाराजे सिंधिया को राजमाता के नाम से जाना जाता है।
- स्वर कोकिला लता मंगेशकर को स्वर सम्राज्ञी के नाम से जाना जाता हैं।
- मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को दिग्गी राजा के नाम से जाना जाता है।
- देश के लोकप्रिय कवि माखनलाल चतुर्वेदी को एक भारतीय आत्मा के नाम से भी जाना जाता है।
- मध्य प्रदेश की अहिल्याबाई होल्कर को लोकदेवी या फिर लोकमाता के नाम से भी जानते हैं।
- मध्य प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्रीनिवास तिवारी जी को वाइट टाइगर के नाम से जाना जाता था।
- मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी को मामा के नाम से जाना जाता है।
- इंदौर की सुमित्रा महाजन जो कि लोकसभा स्पीकर रह चुकी हैं उन्हें ताई के नाम से जाना जाता है।
- मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती को दीदी के नाम से जाना जाता है।
मध्य प्रदेश के लोकप्रिय एवं बड़े परिचय
- मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा संभाग जबलपुर है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला मंडला है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे बड़ी तहसील मंडला है।
- जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा जिला इंदौर है।
- जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ा तहसील इंदौर है।
- मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान कान्हाकिसली है।
- मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़ है।
- मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा नगर इंदौर है।
- मध्य प्रदेश की सबसे लंबी नदी नर्मदा है। जिसकी लंबाई 1312 किलोमीटर है।
- मध्य प्रदेश का सबसे लंबा पुल तवा पुल है। जो कि तवा नदी में बनाया गया है। यह होशंगाबाद में स्थित है।
- मध्य प्रदेश का सबसे अधिक तापमान ग्वालियर जिले में रहता है।
- मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा वन क्षेत्र मंडला जिले में है।
- मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा सिंचाई ग्वालियर जिले में की जाती है।
- मध्य प्रदेश में सबसे अधिक वर्षा पंचमढ़ी में दर्ज की गई है।
मध्य प्रदेश के लोकप्रिय एवं छोटा
- मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा संभाग नर्मदापुरम है।
- मध्य प्रदेश का क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे छोटा जिला दतिया है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से मध्य प्रदेश की सबसे छोटी तहसील अजयगढ़ है।
- जनसंख्या की दृष्टि से मध्य प्रदेश का सबसे छोटा जिला हरदा है।
- जनसंख्या की दृष्टि से मध्य प्रदेश की सबसे छोटी तहसील रौन हैं, यह भिंड जिले में आता है।
- मध्य प्रदेश का सबसे छोटा राष्ट्रीय उद्यान मंडला में फोसाईल हैं।
- मध्य प्रदेश की सबसे नीची घाटी सोन नर्मदा घाटी है।
- मध्य प्रदेश का सबसे कम तापमान शिवपुरी में दर्ज किया गया है।
- मध्य प्रदेश का सबसे कम वन क्षेत्र शाजापुर में है।
- मध्य प्रदेश का डिंडोरी जिला कम वनक्षेत्र वाला है।
- मध्य प्रदेश में सबसे कम वर्षा भिंड जिले में दर्ज की गई है।
मध्य प्रदेश के इतिहास में प्रथम व्यक्ति
- मध्य प्रदेश के पहले मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्लाह जी हैं।
- मध्य प्रदेश के पहले विधानसभा अध्यक्ष कुंजीलाल दुबे जी हैं।
- मध्य प्रदेश के पहले राज्यपाल डॉक्टर पट्टाभीसीतारामय्या जी हैं ।
- मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ला जी हैं।
- मध्य प्रदेश के पहले मुख्य सचिव एच एस कामथ जी हैं।
- मध्य प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री सुश्री उमा भारती जी हैं।
- मध्य प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल सुश्री सरला ग्रेवाल जी हैं।
- मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री पद में रहने वाले पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी हैं।
मध्य प्रदेश के नगर और उनके प्राचीन नाम
- मध्यप्रदेश के इंदौर को प्राचीन समय में इंद्रपुर कहा जाता था।
- मध्यप्रदेश के भोपाल जिले को प्राचीन समय में भोजताल और भूपाल कहां जाता था।
- मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले को प्राचीन समय में दसपुर के नाम से जाना जाता था।
- मध्य प्रदेश के रीवा जिले को प्राचीन समय में भथा नाम से जाना जाता था।
- उज्जैन को प्राचीन समय में उज्जयिनी और अवंतिका नाम से जाना जाता था।
- मध्यप्रदेश के महेश्वर को महिष्मति के नाम से जाना जाता था।
- मध्यप्रदेश के जबलपुर को प्राचीन समय में त्रिपुरी के नाम से जाना जाता था।
- मध्यप्रदेश के मंडला जिले को प्राचीन समय में गोंडवाना और गढ़मंडला के नाम से जाना जाता था।
- मध्य प्रदेश के विदिशा जिले को भेलसा और बेसनगर के नाम से जाना जाता था।
- मध्यप्रदेश के खजुराहो को खजूरवाहक नाम से जाना जाता था।
- मध्य प्रदेश के धार को धरानगरी के नाम से जाना जाता था।
- मध्यप्रदेश के मांडू जिले को मांडवगढ़ के नाम से जाना जाता था।
- मध्यप्रदेश के बुरहानपुर को खानदेश के नाम से जाना जाता था।
मध्य प्रदेश के स्थलों के उपनाम
- बुरहानपुर को गंजेडियों का स्वर्ग कहा जाता है।
- खंडवा और खरगोन को सुनहरे जिले उपनाम से जाना जाता है।
- उज्जैन को मंदिरों का शहर और महाकाल की नगरी के नाम से जाना जाता है।
- सांची को बौद्ध नगरी के नाम से जाना जाता है।
- बेतवा नदी को मध्यप्रदेश की गंगा के नाम से जाना जाता है।
- धार को भोज नगरी के नाम से जाना जाता है।
- ग्वालियर किला को पूर्व का जिब्राल्टर के नाम से जाना जाता है।
- इंदौर को कपड़ों का शहर के उपनाम से जाना जाता है।
- रीवा को सफेद शेरों की भूमि के नाम से जाना जाता है।
- शिवपुरी को पर्यटन नगरी के नाम से जाना जाता है।
- खजुराहो को स्थापत्य नगरी के नाम से जाना जाता है।
- मांडू को महलों की नगरी के नाम से जाना जाता है।
- ग्वालियर को किलो का रत्न उपनाम से जाना जाता है।
- पंचमढ़ी को पर्यटकों का स्वर्ग के उपनाम से जाना जाता है।
- भोपाल को झीलों का नगर उपनाम से जाना जाता है।
- इंदौर को मिनी मुंबई कहां जाता है।
- कटनी को उपनाम चूना नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
- भेड़ाघाट को संगमरमर की नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
- बालाघाट को मैग्नीज नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
- मध्य प्रदेश के सिवनी जिले को मध्य प्रदेश का लखनऊ उपनाम से भी जाना जाता है।
- ग्वालियर को तानसेन की नगरी उप नाम से भी जाना जाता है।
- भिंड मुरैना क्षेत्र को बागियों का गढ़ उपनाम से भी जाना जाता है।
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