क्यों विश्वभर के विश्वविद्यालय अब भी C और C++ सिखाते हैं?

क्यों विश्वभर के विश्वविद्यालय अब भी C और C++ सिखाते हैं?

C और C++ जैसी पुरानी प्रोग्रामिंग भाषाओं का अध्ययन आज भी विश्वविद्यालयों में महत्वपूर्ण स्थान रखता है, जबकि प्रोग्राममिंग इंडस्ट्री में आधुनिक भाषाओं जैसे Python, Kotlin, और JavaScript की ओर रुझान बढ़ा है। लेकिन शिक्षण संस्थानो में अभी भी C और C++ को प्राथमिकता दी जाती है, जबकि ये प्रोग्रामिंग भाषा कई दशक पुरानी भाषा हैं और आज की लोकप्रिय भाषाओं से तुलना करने में C और C++ जैसी भाषा कठिन होती हैं। अजीत मिश्रा जी के इस लेख में हम इस विषय पर चर्चा करेंगे कि क्यों विश्वविद्यालय इन भाषाओं को पढ़ाने पर जोर देते हैं, और यह कैसे छात्रों के तकनीकी विकास और करियर को प्रभावित करता है।

C प्रोग्रामिंग भाषा का विकास अमेरिकी कंप्यूटर वैज्ञानिक डेनिस रिची (Dennis Ritchie) ने 1970 के दशक की शुरुआत में किया था। उन्होंने इसे AT&T Bell Labs में काम करते हुए विकसित किया। C भाषा को मुख्य रूप से Unix ऑपरेटिंग सिस्टम के विकास के लिए बनाया गया था। Unix की कोडिंग पहले Assembly भाषा में होती थी, लेकिन रिची ने C का उपयोग करके इसे एक अधिक पोर्टेबल और सरल भाषा में लिखा, जिससे Unix को अलग-अलग कंप्यूटर सिस्टम्स पर आसानी से लागू किया जा सके। डेनिस रिची की इस भाषा ने सॉफ्टवेयर विकास में क्रांति ला दी, और आज भी C को सिस्टम प्रोग्रामिंग, एम्बेडेड सिस्टम, और उच्च प्रदर्शन एप्लिकेशन के लिए प्रमुख भाषा के रूप में उपयोग किया जाता है।

C भाषा की सफलता के बाद C++ का विकास बीजार्ने स्ट्रॉस्ट्रुप (Bjarne Stroustrup) ने 1979 में किया था। उन्होंने C++ को AT&T Bell Labs में काम करते हुए C भाषा के विस्तार के रूप में विकसित किया। पहले इसे “C with Classes” के नाम से जाना जाता था, क्योंकि यह C भाषा में ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP) की सुविधाएँ जोड़ता है। C++ का मुख्य उद्देश्य एक ऐसी भाषा बनाना था जो C की दक्षता और नियंत्रण को बनाए रखते हुए उच्च-स्तरीय सुविधाएँ, जैसे क्लासेस और ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग, प्रदान करे।

C और C++ का ऐतिहासिक महत्व

C भाषा की शुरुआत 1970 के दशक में हुई और यह उस समय के कंप्यूटर हार्डवेयर के साथ मेल खाने के लिए बनाई गई थी। इसके बाद C++ आया, जो C का विस्तारित संस्करण है, और इसमें ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड प्रोग्रामिंग (OOP) की सुविधा जोड़ी गई। इन दोनों भाषाओं ने सॉफ्टवेयर विकास की नींव रखी और आज भी बड़ी प्रणालियों, जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउज़र्स, और डेटाबेस में इनका उपयोग होता है। उदाहरण के लिए, Windows, Linux, और macOS के महत्वपूर्ण हिस्से C और C++ पर आधारित हैं।

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C और C++ की प्रमुख विशेषता यह है कि वे हार्डवेयर के बेहद नजदीक काम करती हैं। इन भाषाओं में प्रोग्राम लिखने से छात्रों को हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर के बीच के संबंध को समझने में मदद मिलती है।

कुशल मेमोरी प्रबंधन

C और C++ में डायनामिक मेमोरी एलोकेशन और मेमोरी प्रबंधन की सुविधा होती है, जो छात्रों को कंप्यूटर की मेमोरी के साथ प्रत्यक्ष रूप से काम करने का अनुभव देती है। आधुनिक भाषाओं में जहाँ मेमोरी मैनेजमेंट अपने आप होता है, C और C++ में छात्रों को मेमोरी से संबंधित समस्याओं को पहचानने और हल करने की चुनौती का सामना करना पड़ता है। यह विशेषता विद्यार्थियों को परफ़ोर्मेंस ओरिएंटेड और रियल-टाइम सिस्टम्स के लिए कोड लिखने के लिए तैयार करती है।

कठिनाई और तकनीकी समझ

C++ को सीखना कठिन माना जाता है, लेकिन यही इसे सीखने का सबसे बड़ा लाभ भी है। यह भाषा विभिन्न प्रोग्रामिंग पैरेडाइम्स (जैसे ऑब्जेक्ट-ओरिएंटेड, जेनरिक, और फंक्शनल) को सपोर्ट करती है। C++ में कोडिंग करने से छात्रों को कंप्यूटर के काम करने के निचले स्तर की गहरी समझ प्राप्त होती है। छात्रों को जटिल संरचनाओं और एल्गोरिदम को सुलझाने के लिए गहराई से सोचने की जरूरत होती है, जो उनके रिजनिंग क्वालिटी को निखारता है।

उद्योग में C और C++ का स्थान

वर्तमान समय में भी, C और C++ का उपयोग मुख्यतः सिस्टम प्रोग्रामिंग, गेम डेवलपमेंट, और उच्च-प्रदर्शन एप्लिकेशन में होता है। C++ का उपयोग Google Chrome, Amazon Web Services (AWS), और गेम इंजन जैसे Unreal Engine में किया जाता है। यह भाषाएँ न केवल प्रदर्शन-आधारित हैं, बल्कि जटिलता से निपटने में भी सक्षम हैं, जो उन्हें कई उद्योगों में अनिवार्य बनाती है। इसके अलावा, C++ की बहु-प्लेटफ़ॉर्म सपोर्ट और पोर्टेबिलिटी के कारण, इसका उपयोग एम्बेडेड सिस्टम से लेकर बड़े सर्वरों तक में होता है।

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फ्यूचरिस्टिक और अपग्रेडेबल भाषा

C और C++ की खास बात यह है कि ये भाषाएँ अब भी विकसित हो रही हैं। C++ के नए संस्करणों, जैसे C++17, C++20, और C++23, में नई सुविधाएँ जोड़ी जा रही हैं जो इसे आधुनिक भाषाओं के साथ प्रतिस्पर्धी बनाती हैं। उदाहरण के लिए, इसमें अब Lambda Expressions, Concurrency Support, और कई अन्य उन्नत सुविधाएँ शामिल हैं, जो इसे वर्तमान और भविष्य की तकनीकी आवश्यकताओं के अनुसार ढालती हैं।

रिजनिंग क्षमता का विकास

C और C++ का अध्ययन करना छात्रों को केवल प्रोग्रामिंग सीखने तक ही सीमित नहीं करता, बल्कि यह उन्हें प्रोब्लेम सोलविंग के कौशल को भी सिखाता है। इस भाषा में कोड लिखने के लिए छात्रों को तार्किक रूप से सोचना पड़ता है, और जटिल समस्याओं का हल निकालना पड़ता है। यह कौशल न केवल सॉफ़्टवेयर विकास में, बल्कि अन्य तकनीकी क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण है।

लेख का निष्कर्ष

C और C++ को विश्वविद्यालयों में सिखाने का कारण सिर्फ ऐतिहासिक महत्व या तकनीकी दक्षता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों को प्रोग्रामिंग की गहरी समझ और समस्या समाधान के लिए तैयार करने का एक प्रभावी माध्यम है। यह भाषाएँ न केवल आधुनिक सॉफ्टवेयर विकास की आवश्यकताओं को पूरा करती हैं, बल्कि छात्रों को भी उन तकनीकी चुनौतियों के लिए तैयार करती हैं, जिनका सामना उन्हें भविष्य में करना पड़ सकता है।

C और C++ आज भी उन बुनियादी कौशलों का निर्माण करती हैं, जो छात्रों को एक बेहतरीन डेवलपर और इंजीनियर बनाने में सहायक होती हैं। यही कारण है कि ये भाषाएँ अब भी विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम का अहम हिस्सा हैं।

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