जिबूती का परिचय
जिबूती अफ्रीका के पूर्व मे स्थित एक छोटा सा देश है, जो की सोमाली प्रायद्वीप के उत्तर-पूर्वी तट पर मौजूद है। जिबूती की सीमाएं उत्तर में इरीट्रिया देश, पश्चिम और दक्षिण में इथियोपिया देश और दक्षिण-पूर्व में सोमालिया देश से मिलती हैं। इसके अलावा जिबूती की सीमाएं लाल सागर और गल्फ ऑफ अदन से मिलती हैं। जिबूती की राजधानी का नाम जिबूती ही है, जो की देश का सबसे बड़ा शहर भी है। जिबूती की जनसंख्या लगभग 1.1 मिलियन है, यहाँ पर मिश्रित जाति के लोग बसते हैं,जिनमे मुख्य रूप से सोमाली, अरब और अफ्रीकी मूल के लोगों है।
जिबूती की अर्थव्यवस्था में प्रमुख रूप से पोर्टिंग, पर्यटन और विदेशी सैन्य ठिकानों का महत्व अधिक हैं। जिबूती पूरे अफ्रीकी महाद्वीप की दृष्टि से एक महत्वपूर्ण रणनीतिक स्थान हैं इसलिए यहाँ के बंदरगाह का महत्व और अधिक बढ़ जाता हैं। इसलिए जिबूती के बंदरगाहों का इस्तेमाल संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस और इटली लगातार करती आ रहाई हैं और जिबूती मे अपने सैन्य ठिकाने बनाए हुये हैं।
जिबूती एक गणराज्य देश है, यहाँ पर सबसे प्रमुख नेता राष्ट्रपति होता हैं, राष्ट्रपति का कार्यकाल 6 वर्ष का होता हैं। और प्रत्येक 6 वर्ष पूर्ण होने के बाद चुनाव के माध्यम से अगला राष्ट्रपति चुना जाता हैं। जिबूती की जलवायु अफ्रीकी महाद्वीप की तरह ही हैं, यहाँ की जलवायु गर्म और शुष्क है। यहाँ का औसत तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के आसपास होता है। जिबूती में वर्षा कम होती है, और औसत वार्षिक वर्षा लगभग 50 मिलीमीटर यानि की लगभग 2 इंच के आसपास होती है।
अगर जिबूती के प्राचीन इतिहास के बारे मे चर्चा करे तो जिबूती एक समृद्ध इतिहास वाला देश है। यहां मानवो के अस्तित्व के प्रमाण 100,000 साल पहले के मिलते हैं। जिबूती प्राचीन मिस्र, रोम और अरब साम्राज्यों के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक मार्ग हुआ करता था। 19वीं शताब्दी में, जिबूती पर फ्रांस का नियंत्रण हो गया था और जिबूती फ्रेंच उपनिवेश में शामिल हो गया था। लेकिन वर्ष 1977 में, जिबूती फिर से एक स्वतंत्र राष्ट्र बना। हालांकि जिबूती एक विकासशील देश है, लेकिन जिबूती विकासशील देशो की तुलना मे कई चुनौतियों का सामना कर रहा हैं, जिनमें गरीबी, बेरोजगारी और आतंकवाद आदि शामिल हैं।
जिबूती की जनसंख्या और धर्म
एक अनुमान के अनुसार 2023 तक जिबूती की जनसंख्या 11 लाख है। देश की आबादी मुख्य रूप से दो जातीय समूहों मे बनती हुई है, सबसे अधिक लोग सोमाली जाति से संबन्धित हैं और इसके बाद दूसरी सबसे बड़ी जाति अफार की हैं। जिबूती मे सोमाली जाति की जनसंख्या 60% और अफार जाति की जनसंख्या 35% है। अन्य जातीय समूहों में अरब, इथियोपियाई और यूरोपीय शामिल हैं। जिबूती की जनसंख्या मे 2021 की तुलना मे 0.01% की गिरावट आई है। 1% की दर से जिबूती की जनसंख्या बढ़ रही है। 1990 मे जिबूती की जनसंख्या मे 10% की बढ़ोतरी देखी गई थी। अगर हम जनसंख्या घनत्व की बात करे तो जिबूती के 1 किलोमीटर वर्ग एरिया मे लगभग 49 लोग रहते हैं। जिबूती की 72% आबादी शहरो मे रहती हैं और जिबूती की औषत उम्र लगभग 24 वर्ष हैं।
जिबूती की भाषा
जैसा की हम लोग जानते हैं की जिबूती कई वर्षो तक फ्रांस के अधीन एक उपनिवेश था। इसलिए फ्रेंच भाषा का प्रभाव जिबूती मे स्पस्थ देखने को मिलता हैं। इसलिए जिबूती की आधिकारिक भाषा फ्रांसीसी है, लेकिन इसके बावजूद सोमाली और अफार भाषा को भी व्यापक रूप से जिबूती में बोला जाता हैं। इस्लाम जिबूती का प्रमुख धर्म है, और लगभग 94% आबादी मुस्लिम है। शेष 6% आबादी ईसाई, यहूदी और हिंदू धर्म से संबन्धित हैं। जिबूती की आबादी मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में रहती है। जिबूती शहर, देश की राजधानी, देश की आधी से अधिक आबादी का घर है। अन्य प्रमुख शहरों में डिरे-डाव और अलेटा शामिल हैं।
जिबूती फ्रांस से कैसे आजाद हुआ?
जिबूती को 19वीं शताब्दी में फ्रांस के द्वारा उपनिवेश के रूप अधिग्रहण कर लिया गया था। और जिबूती वर्ष 1977 तक फ्रांस के नियंत्रण मे ही रहा। वर्ष 1977 में जिबूती फ्रांस से स्वतन्त्रता प्राप्त करके एक आजाद और गणराज्य देश बना था। जिबूती की फ्रांस से आजादी प्राप्त करने के कई कारक हैं जीनामे से कुछ प्रमुख कारको को नीचे वर्णित किया गया हैं।
- फ्रांस की जनता के बीच उपनिवेश के प्रति बढ़ता विरोध जिबूती की स्वतन्त्रता के प्रमुख कारको मे से एक हैं।
- इसके साथ साथ जिबूती की जनता भी अब अपनी आजादी के लिए लगातार आवाज उठा रही थी तथा विरोध दर्ज करारही थी। और आगे चल कर यह विरोध और जिबूती की स्वतंत्रता के लिए बढ़ती मांग जिबूती की आजादी का कारण बना।
- फ्रांस की धीमी पड़ती आर्थिक दशा जिसकी वजह से फ्रांस को अपने उपनिवेश को नियंत्रण करने में समस्या आने लगी थी।
1960 के दशक में, जिबूती के लोग अपने देश की स्वतंत्रता के लिए लगातार आंदोलन कर रहे थे और यह आंदोलन तेजी से बढ़ रहे थे। इस आंदोलन का नेतृत्व फ्रांसीसी विरोधी नेता अब्दुल्लाह अली सलाम ने किया था। इन आंदोलनो के परिणाम स्वरूप 1967 में, जिबूती ने फ्रांस से एक आंतरिक स्वायत्तता प्राप्त कर ली थी। 1970 के दशक में, जिबूती में स्वतंत्रता के लिए आंदोलन और अधिक हिंसक होने लगे थे। 1976 में, जिबूती के स्वतंत्रता आंदोलन ने फ्रांसीसी सेना के खिलाफ एक विद्रोह शुरू किया। विद्रोह को दबा दिया गया, लेकिन फ्रांस समझ चुका था की अब वह बहुत समय तक जिबूती को नियंत्रित नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही फ्रांस की अर्थव्यवस्था भी कम ज़ोर हो रही थी और जिबूती के आंदोलनो की वजह से उसके ऊपर अधिक आर्थिक नुकसान का दबाव बढ़ रहा था। इसलिए आखिरकार 1977 में, फ्रांस ने जिबूती को स्वतंत्रता करने का फैसला ले लिया। अब्दुल्लाह अली सलाम को जिबूती का पहला राष्ट्रपति चुना गया।
जिबूती के स्वतंत्रता के बाद से, फ्रांस और जिबूती के बीच घनिष्ठ संबंध बने हुए हैं। फ्रांस जिबूती की सबसे बड़ी आर्थिक सहायतादाता है, और जिबूती में फ्रांस के कई सैन्य ठिकाने हैं।