भारत ही नहीं दुनिया में कई देशी में कपास की खेती की जाती हैं, तथा कपास के खेती से किसान भरी भरकम आमदनी करते हैं। भारत में कपास का कपड़ो के अलावा भी अलग महत्व हैं, भारत में ज्यादातर मंदिरों में कपास का पौधा जरूर लगा होता हैं।
भारत में ज्यादातर लोग कपास का इस्तेमाल पूजापाठ में दीप जलाने के लिए करते हैं। इसी लिए बहुत से धार्मिक लोग बाजार से रुई या कपास को खरीदना अच्छा नहीं मानते हैं, इस लिए वो अपने घरों में भी कपास का एक या दो पौधा लगा लेते हैं। जिससे उन्हें ताजा और साफ कपास पूजापाठ के लिए मिल सके।
मंदिर में कपास का पौधा | mandir me kapas ka paudha
मंदिर में कपास का पौधा लगाया जा सकता हैं, मंदिर के परिसर में कोई भी पौधा लगाया जा सकता हैं। मंदिर में किसी भी पेड़ को लगाने के लिए, किसी भी प्रकार का दिन, दिशा या शुभ अशुभ नहीं देखा जाता हैं। इसलिए मंदिर में कपास का पौधा लगाया जा सकता हैं, और वास्तव में मंदिर में कपास लगाना जरूरत के दृष्टि से सही भी हैं। मंदिर में किसी भी वस्तु या चीज के बारे में शुभ अशुभ का विचार नहीं किया जाता हैं। इसलिए कपास का पौधा मंदिर में लगाया जा सकता हैं।
घर में कपास का पौधा | ghar me kapas ka paudha
भारत में बहुत से लोग घरों में कपास का पौधा लगाते हैं, जिससे उन्हें पूजा पाठ के लिए ताजे और साफ कपास मिल सके, उन्हें भ्रम होता हैं की कपास से निकलने वाली रुई पूजा में इस्तेमाल होती हैं इसलिए कपास को घर में लगाया जा सकता हैं। परंतु वास्तव में घर में कपास का पौधा नहीं लगाना चाहिए, क्योंकि कपास को घर में लगाने से नकारत्मक ऊर्जा का उत्सर्जन होता हैं जिससे घर में लगातार किसी न किसी प्रकार की बाधा बनी ही रहती हैं। जिन लोगो को कपास के पौधे से ही रुई लेना हैं, वो लोग कपास के पौधों को घर में न लगाकर, घर के बाहर सड़क किनारे भी कपास का पौधा लगा सकते हैं। अगर किसी व्यक्ति के घर के पास कोई मंदिर हैं तो वहां पर कुछ कपास के पौधे लगा दे और जब वो पौधे रुई देने लगे तो वहां से रुई प्राप्त की जा सकती हैं।
इसके अलावा विज्ञान के अनुसार भी कपास में कई तरह के कीट पतंगे आते हैं, इसलिए भी कपास को गार्डन या फिर घर के परिसर में नही लगाना चाहिए।
कपास का इतिहास | kapas ka itihas
कपास के उपयोग का पहला साक्ष्य 5000 साल पहले सिंधु सभ्यता मे मिलते हैं। यानि की भारत के लोगो को पूरे विश्व मे सबसे पहले कपास के बारे मे पता चला था। जब दुनिया भर के दूसरे संस्कृति के लोग पत्ते पहना करते थे, तब भारत के लोग कपास से बने कपड़े पहना करते थे। सन 1600 मे ईस्ट इंडिया कंपनी बहुत ही दुर्लभ किस्म का कपास भारत से इकट्ठा करके यूरोप के देशो को बेचा करता था। विश्व यात्री मार्को पोलो, वास्को डी गामा और चाइना के यात्री जो भारत मे बौद्ध शिक्षा के लिए आते थे, उनके लिखी किताबों के अनुसार प्राचीन भारत कपास के लिए पूरे विश्व मे जाना जाता था।
कपास के अलावा कौनसे पौधे या पेड़ घर मे नहीं लगाना चाहिए
बेर का पेड़ – वस्तु शस्त्र के अनुसार घर के कतेदार पेड़ नहीं लगाना चाहिए। बेर का पेड़ बुरी आत्माओ को आकर्षित करता हैं। इसलिए घर मे बेर का पेड़ घर मे नहीं लगाना चाहिए।
इमली का पेड़ – घर मे इमली का पेड़ भूलकर भी नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि जिस घर मे इमली का पेड़ लगा होता हैं, उस घर के सदस्यो का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता हैं।
पीपल का पेड़ – पीपल का पेड़ बहुत ही विशाल होता हैं, इसलिए पीपल को घर मे नहीं लगाना चाहिए, इसके अलावा पीपल के देवताओ के अलावा भूत एवं पिशाच आदि का भी निवास होता हैं।
खजूर का पेड़ – बहुत से लोग खजूर के पेड़ को घर के सजावट के रूप मे लगते हैं, परंतु खजूर आर्थिक तंगी को निमंत्रण देता हैं।
कदम्ब का पेड़ – घर मे कभी भी कदंब का पेड़ नहीं लगाना चाहिए, ऐसा माना जाता हैं की जिस घर मे कदम्ब का पेड़ होता हैं की उस घर का मालिक कभी भी विकास नहीं कर पता हैं।
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