हिन्दू धर्म मे होने वाली पूजा-पाठ मे कई प्रकार के कई कर्मकांड किए जाते हैं, ये कर्मकांड ऐसे ही नहीं किए जाते हैं, हर कर्मकांड के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण जरूर होता हैं। चाहे माथे मे तिलक लगाना हो, तुलसी के पौधो को जल चढ़ाना हो या फिर पैर छूने ही क्यो न हो, हर चीज के पीछे कोई न कोई वैज्ञानिक कारण जरूर होता हैं। ठीक इसी तरह से हिन्दू लोग अपने हाथो के कलाई मे कलावा (मौली) बांधते हैं। कलावा (मौली) को कई जगह मे मौली भी कहा जाता हैं। अक्सर हमने देख हैं की पूजा के दौरान पंडित जी कथा सुनने आए लोगो के हाथो मे कलावा (मौली) जरूर बांधते हैं, या फिर अगर मंदिर जाये तो वहाँ पर भी पंडित जी हाथो मे कलावा (मौली) जरूर बांधते हैं। ये कलावा (मौली) लाल रंग या फिर पीले रंग का होता है। घर मे अगर कोई नई वस्तु खरीदकर लाया जाता हैं तो उसे भी कलावा (मौली) बांधा जाता हैं।
शास्त्रो के अनुसार कलावा (मौली) बांधने का महत्व
कलावा (मौली) कच्चे सूत से बना होता हैं, जिसे हल्दी से रंगा जाता हैं, इसके अलावा कुछ कलावा (मौली) पाँच रंग से मिल कर बने होते हैं, इन्हे मौली या पंचदेव रक्षासूत्र कहा जाता हैं। हिन्दू धर्म ग्रंथो के अनुसार कलावा (मौली) बांधने की प्रथा राजा बलि के समय प्रारम्भ हुई थी। मान्यता हैं की माता लक्ष्मी जी ने राजा बलि के हाथो मे कलावा बंधा था। कलावा (मौली) को रक्षासूत्र भी कहते हैं। जो भी व्यक्ति अपने हाथो मे यह रक्षासूत्र बांधता हैं उसके आने वाले सभी कष्ट कट जाते हैं। ऐसा माना जाता हैं की लाल, पीला और सफ़ेद रंग से युक्त कलावा (मौली) हाथ मे बांधने से ब्रम्हा, विष्णु और महेश की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता हैं।
कलावा (मौली) वैज्ञानिक लाभ क्या हैं
माना जाता हैं की जो व्यक्ति हाथो मे कलावा (मौली) बांधता हैं, उस व्यक्ति का रक्तचाप, मधुमेह नियंत्रित होता हैं। तथा लकवा और हृदय रोग से उस व्यक्ति की रक्षा होती हैं। शरीर की रक्त प्रवाह तंत्र मे कलाई का महत्व बहुत ही अधिक हैं, वैद्य और डॉक्टर दोनों नाड़ी को देखने के लिए रोगी की कलाई का ही इस्तेमाल करते हैं। जो व्यक्ति कलाई मे कलावा (मौली) बांधता हैं उसके त्रिदोष यानि वात, पित्त और कफ नियंत्रित रहते हैं, क्योंकि नसो मे बहने वाला रक्त कलाई मे बंधे कलावा (मौली) की वजह से नियंत्रित होता हैं।
कलावा किस दिन बांधना चाहिए
बहुत से लोगो के मन यह यह प्रश्न होता हैं की कलावा किस दिन बांधना चाहिए? (kalava kis din baandhana chahiye) अगर आप कलावा बांधते हैं, और आपके कलाई मे कलावा बंधा हुआ हैं। आप उस कलावा को बदल कर नया कलावा बांधना चाहते हैं। तो ध्यान रहे की नया कलावा सिर्फ दो दिन ही बंधवाना चाहिए। नया कलावा बँधवाने का सबसे शुभ दिन मंगलवार और शनिवार माना गया हैं। माना जाता हैं जो व्यक्ति शनिवार और मंगलवार के दिन कलावा बंधवाते हैं, उनके कोई भी काम नहीं रुकते हैं, तथा उन्हे समाज के लिए किए गए सभी कार्य मे विजय प्राप्त होती हैं।
बिना शादी वाली लड़कियां किस हाथ मे कलावा बंधे
बहुत से लोगो को लड़कियों को लेकर शंका रहती हैं की लड़कियों एवं औरतों को किस हांथ मे कलावा बांधना चाहिए। तो ध्यान रखे की सभी लड़को एवं पुरुषो को तथा कुंवारी लड़कियों को दाए हाथ मे कलावा बंधवाना चाहिए। लड़कियों की शादी जब तक नहीं हो जाती हैं, तब तक उन्हे दाए हाथ मे ही कलावा बंधवाना चाहिए।
शादीशुदा औरते को कलावा किस हाथ मे बांधना चाहिए
अगर किसी लड़की की या फिर औरत की शादी हो गई हैं, तब उस लड़की को तथा कलावा बांधने वाले व्यक्ति को यह ध्यान रखना चाहिए की शादीशुदा लड़कियों और औरतों को कलावा बाए हाथ मे ही बंधवाना चाहिए। शादीशुदा महिलाओ के दाए हाथ मे कलावा बिलकुल भी नहीं बंधवाना चाहिए, यह दोष होता हैं। जो शादीशुदा महिला कलावा दाए हाथ मे बांधती हो, तो इसका दोष उसके पति को भोगना पड़ता हैं। जिससे घर मे लगातार आर्थिक नुकसान एवं लड़ाई-झगड़े होते रहते हैं। कलावा बंधवाते समय ध्यान रखना चाहिए की जिस हाथ मे कलावा बांधा जा रहा हो, उस हाथ की मुट्ठी कलावा बंधवाते समय बंद होनी चाहिए।
कलाई मे कलावा की कितनी परत होनी चाहिए
मंदिरो मे या फिर घर मे होने वाली पूजा के समय जब भी पंडित जी कलाई मे कलावा बांधते हैं तो ध्यान देने वाली बात यह हैं की वें कलावा की सिर्फ तीन परते ही बांधते हैं। यानि की कलावा बांधते समय कलावा की लंबाई सिर्फ इतनी ही होनी चाहिए की उसे सिर्फ तीन बार ही कलाई के चारो तरफ लपेटा जा सके। तीन परत से कम या ज्यादा परत होने पर उस कलावा का फल निष्क्रिय हो जाता हैं।
नकारात्मक ऊर्जा से बचाने के लिए कैसा कलावा पहने
अगर कोई व्यक्ति नकारात्मक ऊर्जा और बुरी नजर से बचना चाहता हैं तो उसे काले रंग का कलावा पहना चाहिए। काले रंग का कलावा भैरव और शनि का प्रतिनिधि करता हैं। इस लिए जो व्यक्ति बुरी नजर से बचना चाहता हैं उस व्यक्ति को अपने कलाई मे काले रंग का कलावा बांधना चाहिए। लेकिन काले रंग के कलावा को बांधने से पहले उस कलावा को माता काली को समर्पित करना चाहिए। जो व्यक्ति अपने हाथ मे काले रंग का कलावा बांधता है तो उस व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए की काले रंग के साथ दूसरे रंग का कलावा बिलकुल भी ना बंधे।
रोजगार और आर्थिक लाभ के लिए कैसा कलावा बांधे
जिन व्यक्तियों को रोजगार मे लाभ चाहिए या फिर आर्थिक लाभ की लालसा हैं ऐसे लोगो को शनिवार की शाम को ही कलावा बंधवाना चाहिए, तथा कलावा का रंग नीला होना चाहिए। तथा संभव हो तो यह कलावा किसी बुजुर्ग व्यक्ति या फिर बुजुर्ग पंडित से ही बंधवाना चाहिए।
विवाह संबंधी बाधाओ को दूर करता हैं कलावा
जिन लोगो की शादी होने मे देर हो रही हैं ऐसे लोग कलावा के माध्यम से भी शादी मे आ रही दैवी बाधाओ को दूर कर सकते हैं। जिन लोगो की शादी मे बंधाए आ रही हैं उन लोगो को शुक्रवार के दिन प्रातःकाल मे पीले और सफ़ेद रंग के मिश्रण वाले कलावा को धारण करना चाहिए। दीपावली का दिन इस उपाय के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया हैं।
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