हिंदी कहानी-  लड़के की बहादुरी | Hindi story – Ladke ki Bahaduri

हिंदी कहानी- लड़के की बहादुरी | Hindi story – Ladke ki Bahaduri

मनु 10 वर्ष का बड़ा चंचल लड़का था. जब वह पहली बार दिल्ली आया तो स्टेशन की भीड़ भाड़ देखकर वह दंग रह गया. वह खुशी और कौतूहल से पागल था. उसके हाथों में ₹1 था, वह तुरंत कचौड़ी खाने के लिए एक कचोरी की दुकान में गया. उसे यह भी ध्यान नहीं रहा कि पिताजी सामान लेकर मां के साथ कब आएंगे चल दिए. वह भौचक्का होकर इधर-उधर देखता रहा, फिर घबराकर रोने लगा. उसे रोता देख आसपास के लोग वहां जमा हो गए. अचानक भीड़ में से एक आदमी निकला जिसने गले में रुमाल, आंखों पर चश्मा और मुंह में पान दबा रखा था. वह बच्चे के नजदीक आकर बोला -” बेटा, तुम्हें कहां जाना है?”

मनु ने रोते हुए जवाब दिया- ” मुझे अपने मामा के घर गोविंदपुरी जाना है”

” अरे तुम गोविंदपुरी जाना चाहते हो, मैं भी वही रहता हूं” उस आदमी ने आगे बोला- ” चलो, मैं तुम्हें मामा के घर ले चलता हूं” मनु एकदम खुश हो गया और उस आदमी के साथ चल दिया.

टैक्सी में बैठा मनु खिड़की से बाहर मुंह निकाले बड़ा खुश था क्योंकि दिल्ली की चहल-पहल उसने पहली बार देखी थी. अचानक उसने महसूस किया कि वह आदमी उसे अपनी ओर खींच रहा है. जैसे ही उसने उस आदमी की तरफ देखा तो उस आदमी के हाथ में चाकू देखकर दंग रह गया.

वह बोला- “चुपचाप अंदर की तरफ मुंह करके बैठो, आवाज मत निकालो. “

मनु चुपचाप बैठा अपने आप को कोस रहा था रहा था. अब क्या करें यह प्रश्न भी उसके मन में बार-बार गूंज रहा था. अचानक उसे अपने पिताजी की बात याद आई कि संकट आने पर कभी घबराना नहीं चाहिए. वीरता तथा बुद्धि का प्रयोग करना चाहिए.

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अचानक एक चौराहे की लाल बत्ती पर गाड़ी रुक गई. मनु ने अपनी फुर्ती दिखाई, उसने झट से गाड़ी का दरवाजा खोला और भाग निकला. मनु आगे और वह आदमी उसके पीछे पीछे दौड़ रहा था. यकायक मनु की दृष्टि ट्रैफिक पुलिस पर पड़ी. वह तुरंत ट्रैफिक पुलिस के पास पहुंच गया. और उसने बोला- “अंकल-अंकल, वह, गुंडा आदमी मुझे उठा कर ले जा रहा था.”

जब तक चाकू वाला वह आदमी भी पहुंच चुका था, ट्रैफिक पुलिस वाले ने उसे दबोच लिया. इतने में लोगों की भीड़ इकट्ठा हो गई. लोगों ने आव देखा ना ताव, बच्चे की बात सुनकर, उस आदमी को पीटने लगे.

मनु को पुलिस उसके मामा के घर ले गई, घर पहुंचकर मनु ने देखा की उसके माता-पिता और मामा मामी का रो रो कर बुरा हाल था. जैसे ही दरवाजे पर खड़े मनु पर सब की दृष्टि पड़ी, उनकी खुशी का ठिकाना ना रहा. मनु दौड़कर माते लिपट गया. पुलिस वाले ने मनु की बहादुरी की बात सबको बताई. सभी घरवाले मुस्कुराते हुए, प्रशंसनीय निगाहों से मनु को देखने लगे.

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