जंगल मे बाघ ने एक फैक्ट्री डाली, उसमे एकमात्र काम करने वाली एक गिलहरी थी जो समय से आती जाती थी और फैक्ट्री का सारा काम अकेले करती थी!
बाघ का व्यसाय बहुत ही व्यवस्थित ढंग से चल रहा था।
एक दिन बाघ ने सोचा कि ये अकेली गिलहरी इतना सुंदर काम कर रही है ,अगर इसको किसी विशेषज्ञ के निगरानी में रख दूँ तो और बेहतर काम कर सकती है। ये खयाल मन मे आते ही बाघ ने एक तोते को मैनेजर नियुक्त कर दिया।
तोते को कार्य का बहुत अनुभव था और वह रिपोर्ट्स लिखने में भी बहुत होशियार था। तोते ने बाघ से कहा कि सबसे पहले हमें गिलहरी का काम करने का समय सारिणी बनाना होगा। फिर उसके काम का सारा रिकार्ड अच्छी तरह रखने के लिए मुझे एक अलग से सेक्रेटरी चाहिए होगा।
बाघ ने खरगोश को सेक्रेटरी के रूप में नियुक्त कर दिया। बाघ को तोते का कार्य पसंद आया । उसने कहा कि गिलहरी के अब तक पूरे हुए सारे कार्यों की रिपोर्ट दो और जो प्रगति हुई है उसको एक सुंदर ग्राफ बनाकर निर्देशित करो।
तोते ने कहा ठीक है , मगर मुझे इसके लिए कंप्यूटर, लेज़र प्रिंटर और प्रोजेक्टर चाहिए होगा।
इस सबके लिए बाघ ने एक कंप्यूटर डिपार्टमेंट बना दिया और बिल्ली को वहां का सर्वेसर्वा नियुक्त कर दिया
अब गिलहरी अपना काम करने के बजाय सिर्फ कागज़ी रिपोर्ट बनाने में ध्यान देने लगी,जिससे उसका काम पिछड़ता गया औऱ अंततः प्रोडक्शन कम हो गया।
बाघ ने सोचा कि कंपनी में एक तकनीकी विशेषज्ञ रखा जाए जो तोते की सलाहों पर अपनी राय दे सके। ऐसा सोंचकर उसने बंदर को तकनीकी विशेषज्ञ नियुक्त कर दिया।
अब गिलहरी को जो भी काम दिया जाता वह उसको पूरी सामर्थ्य से करने की कोशिश करती लेकिन अगर काम कभी पूरा नहीं होता तो वह विवश होकर उसको अधूरा छोड़कर घर चली जाती।
बाघ को लगातार नुकसान होने लगा तो वह बहुत बेचैन हो उठा ।कोई उपाय न देख मजबूरी में उसने उल्लू को नुकसान का कारण पता लगाने के लिए नियुक्त कर दिया।
पांच महीने बाद उल्लू ने बाघ को अपनी विस्तृत व बेहद गोपनीय रिपोर्ट सौंप दी जिसमे उसने बताया कि फैक्ट्री में काम करने वालों की संख्या ज्यादा है औऱ कंपनी के घाटे को कम करने के लिए कर्मचारियों की छंटनी करनी होगी।
अब आप बहुत गंभीरता से सोचिए किसको निकाला जाएगा????????
जाहिर सी बात है गिलहरी को ही निकाला जाएगा, शायद यही नियम औऱ विचारधारा भारत समेत पूरी दुनिया के हर सेक्टर में चल रहा है। जो लोग पूरी मेहनत ,ईमानदारी व लगन से दिन रात कार्य कर रहे हैं, उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है, लगातार सताया जा रहा है ,उन्हें काम से निकाला जा रहा है और जो लोग मेहनत से कोसों दूर हैं औऱ सिर्फ मालिक या फिर मैनेजमेंट की दलाली कर रहे हैं , बड़े मज़े में हैं औऱ उनकी दिनरात तरक़्क़ी हो रही है।