एक गाँव मे हर अमावस्या की रात को एक भूत समोसा बेचने निकलता था। आधी रात होते ही भूत समोसे से भरी टोकरी सर पर रख कर गाँव के हर दरवाजे मे जा कर वहा थोड़ी देर खड़ा रहता। अगर समोसे की महक सूंघ कर घर का कोई सदस्य घर के बाहर आ जाता तो वह भूत उस व्यक्ति को मार कर खा जाता था।
गाँव वाले भूत से बचाने के लिए हर अमावस्या को सोने से पहले घर मे सुंगंधित अगरबत्ती जला कर सोते थे, जिससे समोसे की महक ना आए, क्योंकि अगर किसी ने भूत के द्वारा लाये समोसे की महक सूंघ ली तो वह भूत के वश मे आ जाता था।
इस लिए गाँव के सभी लोग सोने से पहले अगरबत्ती जरूर लगते थे। एक बार पवन नाम का एक व्यक्ति गाँव आया, वह गाँव 15 वर्षो बाद आया था। उसे भूत के बारे मे नहीं पता था। वह अपने परिवार के साथ 15 साल पहले गाँव छोड़ कर रीवा आ गया था। रीवा मे उसने समोसे का होटल खोल कर व्यापार करता था। गाँव आने का उसका मकसद था, की गाँव की जमीन को वह किसी को बेचना चाहता था। गाँव वाले पवन से नफरत करते थे। क्योंकि समोसे वाला भूत पवन के गाँव छोड़ने के बाद ही आया था। लोगो को लगा की पावन ने ही गाँव मे जादू-टोना करवा के गया हैं।
पवन के सभी पूर्वज समोसे का व्यापार करते थे, और भूत भी समोसे लेकर आता था। इसलिए सबको विश्वास था की भूत और पावन का संबंध हैं, और इस लिए गाँव वालों ने पावन को भूत के बारे मे नहीं बताया था।
जिस रात पवन गाँव आया था, उस रात अमावस्या का दिन था। समोसा वाला भूत सबसे पहले पवन के घर ही आया, पवन उस समय कोई किताब पढ़ रहा था, तभी उसे समोसे की महक आई, यह महक बिलकुल उसे द्वारा बनाए गए समोसे की तरह थी, इस लिए उसे ताज्जुब हुआ। पवन इस महक से परिचित था, जब भी वह समोसे बनाता तो ऐसे ही महक आती थी, इसलिए उसे भूत के समोसे की महक से कुछ नहीं हुआ, पर उसे ताज्जुब हुआ की मेरी तरह ही और कौन समोसा बनाता हैं।
यह देखने के लिए उसने दरवाजा खोला, तो उसके होश उड़ गए, बाहर एक भूत समोसा लिए खड़ा था, पवन के बाहर आते ही भूत उसे लेकर हवा मे उड़ गया और पास के जंगल मे उसे ले गया, और जैसे ही भूत ने पवन को खाने की कोसिस की, तभी उसे पवन के गले मे एक लॉकेट नजर आई, यह लॉकेट भूत ने अपने बेटे को पहनाई थी, तब भूत ने उसका नाम पूछ तो पवन जैसे ही अपना नाम बताया। तो भूत ने पवन को छोड़ दिया और पवन को बताया की मैं तुम्हारा बाप, परसोतीलाल हूँ। 15 अर्श पहले मुझे गाँव के कुछ लोगो ने मार दिया था। इस लिए मैं बदला लेने के लिए हर अमावस्या को गाँव से एक आदमी को उठा लेता हूँ। मुझे जब तक मुक्ति नहीं मिलेगी, जब तक मैं अपने हत्यारे को सजा नहीं दे देता हूँ।
तब पवन ने बताया की तुम्हें मारने वाले और कोई नहीं गाँव के छटे हुये बदमाश पप्पू हैं। भूत की याददाश्त कमज़ोर हो रही थी, इस लिए उसने पूछा की पप्पू कौन हैं?
तब पवन ने बताया की चिरौंजी काका के सबसे छोटा लड़का। यह सुनते ही समोसे वाला भूत पवन को वही छोड़ कर हवा मे उड़ गया और पप्पू के घर पहुँच गया। और पूरी रात वही उसके घर के बाहर ही अगरबत्ती के खत्म होने का इंतेजर करने लगा, रात 3 बजे अगरबत्ती की महक आना बंद हो गई, तब पप्पू के घर मे समोसे की महक फ़ेल गई, और पप्पू ने उस महक को सूंघ लिया और भूत के वश मे आ गया। जैसे ही वह दरवाजा खोल कर बाहर आया तो भूत उसे हवा मे उड़ा ले गया, और उसे मार कर खा गया। जैसे ही भूत ने उसे सजा दी, वह भी मुक्त हो गया। और धुआ बन कर गायब हो, गया, उस दिन के किसी ने भी समोसे वाले भूत को नहीं देखा।
पवन ने अपनी सारी जमीन बेच दी, और गाँव मे मंदिर बनवा दिया।