एक किसान के पास एक साँड था जिससे वो अपने खेतों में काम लेता था। समय के साथ जब साँड बुड्ढा हो गया तो किसान को लगा कि ये साँड अब मेरे किसी काम का नहीं रहा। यही विचार मन में लेकर किसान उस बुढ्ढे साँड को जंगल में छोड़ आया।
छुट्टा साँड भले ही बुड्ढा हो चला था पर छुट्टा साँड बहुत चतुर था। वो अपने लिए जंगल में ऐसी जगह खोजने लगा जहाँ उसे भरपुर भोजन मिल सके। उसने पूरी मेहनत से एक ऐसी गुफा खोज ली। जिसके चारों तरफ हरी-भरी मुलायम घास थी। उसने उसे ही अपना ठिकाना बना लिया।
उस गुफा के पास ही एक सुंदर तालाब था। छुट्टा साँड हरी-भरी घास खता और ठण्डा पानी पीता था। जिन्दगी अच्छी कट रही थी परन्तु एक दिन छुट्टा साँड ने देखा एक शेर उसकी गुफा की तरफ चला आ रहा है। शेर को देखकर साँड तनिक भी डरा नहीं बल्कि उसे एक उपाय सूझा। वो जोर से बोला प्रिये आज हम अपने बच्चों के साथ दावत खाएंगे । एक मोटा शेर इस तरफ आ रहा है। जैसे ही वो पास आयेगा मैं उसे अपने नुकीले सींगो से उछाल कर अन्दर फेंक दूंगा।
यह सुनकर शेर घबरा गया और साँड को कोई भयंकर जानवर समझ कर वहाँ से भाग खड़ा हुआ। एक सियार ने शेर को इस प्रकार डर कर भागते हुए देखा तो उसने शेर का रास्ता रोककर उससे डर कर इस प्रकार भागने का कारण पूछा।
शेर ने सारी बात विस्तारपूर्वक सुनाई यह सुनकर सियार जोर-जार से ठहाके मारकर हँसने लगा। शेर जोर से दहाड़ा ऐसे क्यों हँस रहे हो। सियार चतुरतापूर्वक कहा महाराज मैं तो बस आपकी मूर्खता पर हँस रहा हूँ।
सियार ने कहा महाराज जिसे आप एक भयंकर जानवर समझ कर भाग रहे हो वो तो आपके लिए एक बढ़िया शिकार है। आइये मैं आपको दिखाता हूँ। सियार के समझाने पर शेर की हिम्मत बढ़ी। सियार बोला महाराज आप घबराईये मत आप अपनी पूँछ मेरी पूँछ से बाँध लीजिए। जब साँड हमला करेगा तो चोटे मुझे आयेगी। तब जाकर शेर में थोड़ी हिम्मत आयी और उसने सियार के कहे अनुसार अपनी पूँछ सियार की पूँछ के साथ बाँधी और उसके पीछे चल पड़ा।
जैसे ही साँड ने दोनों को अपनी ओर आते हुए देखा तो वो समझ गया कि सियार ने शेर को सच्चाई बता दी। साँड ने फिर अपनी बुद्धी का प्रयोग किया और बोला भाई सियार मैंने तो तुम्हें दो शेर पकड़ कर लाने को कहा था लेकिन तुम केवल एक ही ला रहे हो तो क्या मेरा आधा परिवार भूखा ही रहेगा।
बस इतना सुनते ही शेर के मारे घबराहट के रोंगटे खड़े हो गये। वो फिर अपनी जान बचाने के लिए घबराकर भागने लगा। बेचारा सियार पूँछ से बंधा होने के कारण घिसटता चला गया। इस प्रकार छुट्टा साँड अपने बुद्धिबल से अपनी जान बचाने में सफल रहा।
प्यारे बच्चों! इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि हाजिर दिमाग आपकी जान बचा सकता है।