चूहों ने तेनालीराम के घर में बड़ा उत्पात मचा रखा था। एक दिन उसकी पत्नी की एक सुन्दर साड़ी काटकर चूहों ने उसमें एक छेद बना दिया। तेनालीराम और उसकी पत्नी को क्रोध आया।
उन्होंने सोचा- “इन्हें पकड़कर मारना ही पड़ेगा। नहीं तो न जाने और कितना नुकसान कर दें।“
बहुत कोशिश करने पर भी चूहे उनके हाथ नहीं लग रहे थे। वे संदूकों और दूसरे सामान के पीछे जाकर छिप जाते।
भागते-दौड़ते, घंटों की कोशिश के बाद कहीं एक चूहा पकड़कर मार पाए। तेनालीराम बड़ा परेशान था।
आखिर वह अपने एक मित्र के पास गया, जिसने उसे सलाह दी कि चूहों से छुटकारा पाने के लिए बिल्ली पाल लो। वही इस मुसीबत का इलाज है।
तेनालीराम ने बिल्ली पाल ली और सचमुच उसके यहाँ चूहों का उत्पात कम होने लगा। उसने चैन की सांस ली।
अचानक एक दिन उसकी बिल्ली ने पड़ौसियों के पालतू तोते को पकड़ लिया और मार डाला।
घर की मालकिन ने अपने पति से शिकायत की और कहा कि इस दुष्ट बिल्ली को मार डालो।
उसने तेनालीराम की बिल्ली का पीछा किया और उसे जा पकड़ा। वह उसको मारने को ही था कि तेनालीराम वहाँ आ गया।
उसने कहा- “मैंने यह बिल्ली चूहों से छुटकारा पाने के लिए पाली है। हमें क्षमा कर दीजिए और बिल्ली मुझे वापस कर दीजिए। मुझ पर आपका बड़ा अहसान होगा।“
वह नहीं माना, बोला- “चूहे पकड़ने के लिए तुम्हें बिल्ली की क्या आवश्यकता है? मैं तो बिना बिल्ली के भी चूहे पकड़ सकता हूँ।“
और उसने बिल्ली को मार दिया।
कुछ दिनों बाद पड़ौसी को किसी ने एक सुन्दर संदूक उपहार में भेजा। उसने अपने सोने के कमरे में जाकर संदूक खोला। उसी कमरे में उसकी पत्नी की कीमती साड़ियाँ रखी थीं।
संदूक खोलते ही चूहों की सेना उसमें से उछलकर बाहर निकल आई। चूहे कमरे के चारों ओर दौड़ने लगे।
वह उन्हें पकड़ने के लिए कभी दायें घूमता, कभी बायें और कभी पीछे। उसके नौकर भी इसी काम में जुटे हुए थें। छ: घंटों की उछल-कूद के बाद जाकर कहीं उन लोगों को चूहों से छुटकारा मिला, पर इस बीच उसका बहुत-सा नुकसान हो गया। उनके कुछ कीमती गलीचों पर चूहों के खून के निशान पड़ गए।
चूहों के मारने के लिए डंडे की चोट एक बहुमूल्य फूलदान को भी लगी, जिससे वह टूट गया।
थके-हारे पड़ौसी ने संदूक में देखकर यह पता लगाने का प्रयत्न किया कि संदूक को भेजने वाला कौन हो सकता है।
संदूक में उसे एक कागज मिला। जिस पर लिखा था- “आपने कहा था कि आप बिना बिल्ली के ही, चूहों परकाबू पा सकते हैं। मैं परीक्षा के लिए कुछ चूहे आपके पास मा भेज रहा हूँ। कृपया परिणाम मुझे जरूर बताइएगा।“
आपका आज्ञाकारी सेवक
तेनालीराम।