पृथ्वी से सूर्य की दूरी कितनी है
पृथ्वी सूर्य से लगभग 149.6 मिलियन किलोमीटर (92.9 मिलियन मील) दूर स्थित है। यह दूरी पृथ्वी की कक्षा के आकार और आकार के कारण थोड़ी भिन्न होती है, जो एक अंडाकार है। पृथ्वी की सूर्य से निकटतम दूरी को अपोजी कहा जाता है, जो लगभग 147.09 मिलियन किलोमीटर (91.4 मिलियन मील) है। पृथ्वी की सूर्य से सबसे दूर की दूरी को पेरिहिलियॉन कहा जाता है, जो लगभग 152.1 मिलियन किलोमीटर (94.5 मिलियन मील) है।
सूर्य से पृथ्वी की दूरी को मापने के लिए सबसे पहले 17वीं शताब्दी में गैलीलियो गैलीली ने दूरबीन का उपयोग किया था। उन्होंने सूर्य के डार्क स्पॉट्स की गति का उपयोग करके पृथ्वी की सूर्य से दूरी की गणना की। आधुनिक समय में, पृथ्वी की सूर्य से दूरी को रेडियो तरंगों का उपयोग करके मापा जाता है।
सूर्य से पृथ्वी की दूरी पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। यह दूरी पृथ्वी पर तापमान को नियंत्रित करने में मदद करती है। यदि पृथ्वी सूर्य के बहुत करीब होती, तो यह बहुत गर्म होती और जीवन असंभव होता। यदि पृथ्वी सूर्य से बहुत दूर होती, तो यह बहुत ठंडी होती और जीवन असंभव होता।
24 घंटे में पृथ्वी कितनी बार घूमती है?
24 घंटे में पृथ्वी एक बार घूमती है। पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटे में 360 डिग्री घूमती है। यह लगभग 1,674 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से घूमती है। पृथ्वी का घूर्णन दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर है।
पृथ्वी की घूर्णन गति के कारण ही दिन और रात होते हैं। पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध में, जब पृथ्वी का पश्चिमी भाग सूर्य की ओर होता है, तो वह दिन होता है। जब पृथ्वी का पूर्वी भाग सूर्य की ओर होता है, तो वह रात होती है।
पृथ्वी की घूर्णन गति भी पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण को प्रभावित करती है। पृथ्वी के घूमने के कारण, पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वाकर्षण बल ध्रुवों पर कम होता है और भूमध्य रेखा पर अधिक होता है।
पृथ्वी की घूर्णन गति स्थिर नहीं है। पृथ्वी की घूर्णन गति समय के साथ धीरे-धीरे धीमी हो रही है। यह धीमा होना पृथ्वी के आंतरिक भाग में होने वाली प्रक्रियाओं के कारण है।
पृथ्वी से सूर्य कितना बड़ा है
पृथ्वी से सूर्य लगभग 109 गुना बड़ा है। सूर्य का व्यास लगभग 139,200 किलोमीटर है, जबकि पृथ्वी का व्यास लगभग 12,756 किलोमीटर है। इसका मतलब है कि सूर्य पृथ्वी का लगभग 109 गुना बड़ा है।
यदि सूर्य को एक गेंद के आकार में माना जाए, तो पृथ्वी उस गेंद के अंदर पूरी तरह से समा सकती है। सूर्य पृथ्वी से लगभग 149.6 मिलियन किलोमीटर दूर है। सूर्य का आकार उसके अंदर मौजूद हाइड्रोजन और हीलियम की मात्रा के कारण है। सूर्य में हाइड्रोजन और हीलियम की मात्रा पृथ्वी में मौजूद सभी पदार्थों की मात्रा से लगभग 333,000 गुना अधिक है। सूर्य का आकार पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। सूर्य से आने वाला प्रकाश और ऊष्मा पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
चांद किसका चक्कर लगाता है?
चाँद पृथ्वी का चक्कर लगाता है। चाँद पृथ्वी की परिक्रमा लगभग 27.32 दिनों में करता है। चाँद पृथ्वी के चारों ओर एक अंडाकार कक्षा में घूमता है। चाँद की पृथ्वी से औसत दूरी लगभग 384,400 किलोमीटर है।
चाँद की पृथ्वी के चारों ओर परिक्रमा के कारण ही पृथ्वी पर समुद्र के ज्वार-भाटे होते हैं। पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण, चाँद पृथ्वी के चारों ओर घूमता है। चाँद के गुरुत्वाकर्षण बल के कारण, पृथ्वी के समुद्र के पानी को खींचता है, जिससे ज्वार-भाटे होते हैं।
चाँद पृथ्वी पर जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। चाँद पृथ्वी के लिए एक प्राकृतिक उपग्रह है। चाँद पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए, यह पृथ्वी को सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों से बचाता है। चाँद पृथ्वी के लिए एक प्रकाश स्रोत भी है। चाँद के प्रकाश से रात में पृथ्वी की सतह पर रोशनी होती है। चाँद पृथ्वी के चारों ओर घूमने के अलावा, यह अपनी धुरी पर भी घूमता है। चाँद अपनी धुरी पर एक बार घूमने में लगभग 27.32 दिन का समय लेता है। चाँद की घूर्णन गति उसकी परिक्रमण गति के समान है। इस कारण से, चाँद का एक ही पक्ष हमेशा पृथ्वी की ओर होता है।
चाँद पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। चाँद पृथ्वी से लगभग 4.5 अरब साल पहले बना था। चाँद के बनने के बारे में कई सिद्धांत हैं, लेकिन सबसे आम सिद्धांत यह है कि चाँद पृथ्वी से टूटकर बना था।
चांद पर जमीन का मालिक कौन है?
कानूनी तौर पर, चांद पर किसी का भी मालिकाना हक नहीं है। 1967 में अंतरिक्ष संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे, जिसे संयुक्त राष्ट्र के 109 सदस्यों ने अपनाया था। इस संधि के अनुसार, अंतरिक्ष में कोई भी देश किसी भी ग्रह, उपग्रह या अन्य खगोलीय पिंड पर संप्रभुता का दावा नहीं कर सकता है।
चांद पर जमीन की बिक्री कई कंपनियों द्वारा की जाती है, लेकिन यह बिक्री कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं है। इन कंपनियां केवल जमीन के स्थान को रिकॉर्ड करती हैं, लेकिन वे इस जमीन के मालिक नहीं हैं।
चांद पर जमीन खरीदने की कीमत क्या है?
चांद पर जमीन खरीदने की कीमत कंपनी और स्थान के आधार पर भिन्न होती है। आमतौर पर, एक एकड़ जमीन की कीमत $37.50 से $250 तक होती है।
कुछ लोकप्रिय कंपनियां जो चांद पर जमीन बेचती हैं उनमें लूना सोसाइटी इंटरनेशनल और इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री शामिल हैं। लूना सोसाइटी इंटरनेशनल एक एकड़ जमीन की कीमत $37.50 है, जबकि इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री एक एकड़ जमीन की कीमत $250 है।
भारत में सबसे पहले सूर्योदय कहां होता है
भारत में सबसे पहले सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश के डोंग घाटी में होता है। डोंग घाटी भारत, चीन और म्यांमार के त्रि-जंक्शन पर स्थित है। यह एक छोटा सा गांव है जो लगभग 1240 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। डोंग घाटी की आबादी लगभग 35 लोगों की है।
पृथ्वी के घूर्णन के कारण, सूर्योदय पूर्व में होता है। डोंग घाटी भारत के पूर्वी भाग में स्थित है, इसलिए यह भारत में सबसे पहले सूर्योदय देखता है। डोंग घाटी एक खूबसूरत जगह है। यह अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। घाटी में कई नदियां और झरने हैं। यहां कई तरह के वन्यजीव भी पाए जाते हैं। डोंग घाटी भारत में सूर्योदय देखने के लिए एक लोकप्रिय जगह है। हर साल हजारों पर्यटक यहां सूर्योदय देखने आते हैं।
भारत से चंद्रमा में जमीन किसने खरीदी?
2023 में भारत से चंद्रमा में जमीन खरीदने वाले व्यक्तियों की सूची इस प्रकार है:
- रूपेश मैसन, जम्मू के एक व्यवसायी ने 2023 में लूना अर्थ्स मून से चांद पर जमीन खरीदी। उन्होंने लैकस फेलिसिटैटिस (खुशी की झील) में एक एकड़ जमीन खरीदी, जिसकी कीमत ₹2,405 थी।
- दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने 2018 में चांद पर जमीन खरीदी थी। उन्होंने इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री से चांद के “सी ऑफ मसकोवी” क्षेत्र में एक एकड़ जमीन खरीदी थी।
- शाहरुख खान को एक प्रशंसक ने 2019 में चांद पर जमीन उपहार में दी थी। जमीन चांद के “ऑरेरियस हिल्स” क्षेत्र में है।
क्या सुशांत सिंह राजपूत के पास चांद पर जमीन है?
हां, सुशांत सिंह राजपूत के पास चांद पर जमीन थी। उन्होंने 2018 में इंटरनेशनल लूनर लैंड्स रजिस्ट्री से चांद के “सी ऑफ मसकोवी” क्षेत्र में एक एकड़ जमीन खरीदी थी। यह जमीन चांद की सतह के दूसरी तरफ स्थित है।
सुशांत सिंह राजपूत को अंतरिक्ष और खगोल विज्ञान में गहरी रुचि थी। उन्होंने चांद पर जमीन खरीदने के बारे में सोचा क्योंकि वे चांद पर एक रिसॉर्ट बनाना चाहते थे। हालांकि, उनकी मृत्यु के बाद, यह परियोजना कभी भी आगे नहीं बढ़ सकी।
सुशांत सिंह राजपूत की चांद पर जमीन का कोई कानूनी अधिकार नहीं था। अंतरिक्ष कानून के तहत, कोई भी देश या व्यक्ति चांद की संपत्ति का दावा नहीं कर सकता है। इसलिए, सुशांत सिंह राजपूत की चांद पर जमीन एक शौक या निवेश के रूप में देखी जा सकती है, लेकिन यह एक वास्तविक संपत्ति नहीं थी।