घड़ी का आविष्कार किसने किया
घड़ी का आविष्कार किसने किया इस पर आधारित यह लेख हैं, घड़ी के आविष्कार का श्रेय मुख्य रूप से 1505 में जर्मन शिल्पकार पीटर हेनलेन को दिया जाता है। उन्होंने पहली पोर्टेबल घड़ी का आविष्कार किया, जिसे पोमेंडर घड़ी के रूप में जाना जाता था। पोमेंडर घड़ी एक छोटे से बॉक्स के आकार की घड़ी थी जो एक तार से बंधी हुई थी और एक व्यक्ति के गले, कोट या फिर कलाई में लटकाई जाती थी। यह घड़ी एक भार-संचालित तंत्र का उपयोग करती थी जो एक मिनट के लिए एक बार घूमता था। पोमेंडर घड़ी का आविष्कार एक महत्वपूर्ण तकनीकी उपलब्धि थी।
घड़ी के आविष्कार में अन्य महत्वपूर्ण योगदानदाताओं में शामिल हैं:
- अल्बर्टी, जिन्होंने 14वीं शताब्दी में पहली घड़ी का आविष्कार किया, हालांकि यह एक स्थिर घड़ी थी जिसे एक स्थान पर लगाया जाना था।
- जियोवानी डी’एंड्रिया, जिन्होंने 14वीं शताब्दी में पहली यांत्रिक घड़ी का आविष्कार किया।
- निकोलस क्लॉस, जिन्होंने 15वीं शताब्दी में पहली पेंडुलम घड़ी का आविष्कार किया।
घड़ी के आविष्कार ने समाज पर गहरा प्रभाव डाला। इसने लोगों को अपने समय का बेहतर प्रबंधन करने में मदद की और व्यापार और औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया।
दुनिया की सबसे बड़ी घड़ी कौन सी है?
दुनिया की सबसे बड़ी घड़ी मक्काह रॉयल क्लॉक टावर क्लॉक है, जो सऊदी अरब के मक्का में स्थित है। इसके चार घड़ी के चेहरों में से प्रत्येक का व्यास 43 मीटर (141 फीट) है, जो इसे दुनिया में सबसे बड़ी घड़ी बनाता है। घड़ी अबराज अल-बैत गगनचुंबी इमारत परिसर का हिस्सा है, इस बिल्डिंग में फेयरमोंट होटल मौजूद है। घड़ी को जर्मन कंपनी पेरोट जीएमबीएच एंड कंपनी केजी टुरमुहरेन अंड लाउतेएंलेगन द्वारा डिजाइन और बनाया गया था। इसे आधिकारिक तौर पर 2010 में लॉन्च किया गया था, और इसकी घंटियां 17 किलोमीटर (11 मील) तक दूर से सुनी जा सकती हैं। घड़ी 2 मिलियन एलईडी से रोशन है, और इसके अरबी अंक सोने की पत्ती से बने हैं।
भारत की सबसे बड़ी घड़ी कौन सी है?
भारत में सबसे बड़ी घड़ी टावर लखनऊ, उत्तर प्रदेश में स्थित हुसैनाबाद क्लॉक टावर है। 67 मीटर (220 फीट) की ऊंचाई के साथ, इसे दुनिया के सबसे ऊंचे घड़ी टावरों में से एक माना जाता है। 1881 में निर्मित, टावर में विक्टोरियन और गॉथिक स्थापत्य शैली की विशेषताएं हैं और यह शहर में एक प्रमुख स्थल है।
घड़ी टावर के निर्माण की शुरुआत मुमताज उद-दौला, अवध के तीसरे नवाब ने अपनी माँ हुस्सैनी बेगम के सम्मान में की थी। हालाँकि, यह परियोजना उनके उत्तराधिकारी, वाजिद अली शाह, अवध के चौथे और अंतिम नवाब के शासनकाल के दौरान पूरी हुई थी। घड़ी तंत्र को एक प्रसिद्ध ब्रिटिश घड़ीसाज़ रिचर्ड रोस्केल बेने द्वारा डिजाइन किया गया था।
हुसैनाबाद क्लॉक टावर लखनऊ की पुरानी शहर के मध्य में स्थित है, जो कि रूमी दरवाज़ा के निकट है, जो एक शानदार प्रवेश द्वार है जो शाही महल परिसर के प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करता था। यह एक लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण और शहर की समृद्ध विरासत का प्रतीक है।
पूरी दुनिया की सबसे महंगी घड़ी कौन सी है?
दुनिया की सबसे महंगी घड़ी ग्रैफ डायमंड्स हॉल्युसिनेशन है। यह $55 मिलियन की चौंकाने वाली कीमत के साथ आती है और इसे 110 कैरेट से अधिक दुर्लभ और रंगीन हीरों से सजाया गया है। घड़ी स्वयं प्लेटिनम से बनी है, और ब्रेसलेट में और भी अधिक हीरे लगे हैं।