सिमी ग्रेवाल का परिचय
Simi Garewal : फिल्मी दुनिया की मशहूर हीरोइन जिसका 60 और 70 के दशक मे बहुता बड़ा नाम था, आज हम इस पोस्ट मे उसी हीरोइन के बारे मे बात करेंगे, यह हीरोइन कोई और नहीं बल्कि सिमी ग्रेवाल हैं, जिनहे आप सब जानते ही होंगे। हिंदी फिल्मों की वह मशहूर अभिनेत्री रही सिमी ग्रेवाल जिन्हें फिल्मी दुनिया मे नाम मिला द लेडी इनवाइट। सिमी किसी भी प्रकार की कोई परवाह किए बिना फिल्मों मे काफी ज्यादा बोल्ड सीन दिए, यह जितनी ही ज्यादा सुंदर दिखती थी उससे भी ज्यादा टैलेंटेड अदाकारा थी। इनकी निजी जिंदगी भी खूब चर्चा का विषय रही, अपनी बहुत ही कम उम्र में ही इन्होंने कई देशों की यात्रा की और उनको चाहने वाले देश-विदेश में काफी लोग थे। एक तरह से सिमी ग्रेवाल जहां भी जाती थी, अपने हुस्न से लोगों को दीवाना बना लिया करती थी।
सिमी ग्रेवाल की शिक्षा
सिमी ग्रेवाल ने अपनी पढ़ाई भारत के बाहर इंग्लैंड में की थी और इसी वजह से वें अंग्रेजी बहुत अच्छी तरह से बोलती थी। 5 साल की उम्र में इन्होंने राज कपूर की फिल्म देखी थी जिससे यह उनकी बहुत बड़ी फैन बन गई थी और उनसे प्रेम कर बैठी थी और तभी से यह फिल्मों में आने का अपना मन बना बैठी थी।
सिमी ग्रेवाल का फिल्मों मे आना
जब सिमी ग्रेवाल ने फिल्मों में एंट्री मारी तभी से राज कपूर के साथ उनके अफेयर के चर्चे शुरू हो गए थे। इन के अफेयर के चर्चे यहीं नहीं थमे। इनके राज कपूर के अलावा भी पाँच और अफेयर थे। सिमी ने अपने फिल्म की शुरुआत अंग्रेजी फिल्म से की थी जिसका नाम टार्जन गोस टू इंडिया था। जो कि इंग्लिश में बनी थी, यह सिमी ग्रेवाल की पहली फिल्म थी।
सिमी ग्रेवल का निजी जीवन
सिमी ग्रेवाल का जन्म 17 अक्टूबर 1947 को पंजाब के जालंधर में हुआ था। इनके पिता भारतीय सेना में ब्रिगेडियर थे। इनके पिता के रिश्ते जवाहर लाल नेहरू से काफी अच्छे थे। जब इन्होंने फिल्मों में आने की इच्छा अपने पिता से प्रगट की तो उनके पिता ने सिमी ग्रेवल को साफ इनकार कर दिया। उन्हें बिल्कुल भी पसंद नहीं था कि उनकी बेटी फिल्मी दुनिया में कदम रखे। लेकिन जिद्दी सिमी भी कहां मानने वालों में से थी, उन्होंने भूख हड़ताल कर दिया और आखिर में उनके पिता को उनकी बात माननी ही पड़ी।
सिमी ग्रेवाल का करियरऔर विवाद
सिमी ने अपने कैरियर में फिल्म तो बहुत की लेकिन इनको इनकी असली पहचान मिली मेरा नाम जोकर फिल्म से। यह फिल्म राज कपूर की थी जिन्होंने अपनी स्कूल लाइफ में एक टीचर से प्रेम कर बैठे थे। जिसे उन्होंने फिल्म के रूप में दर्शकों के सामने रखा। इस फिल्म में सिमी मिस मैरी नाम की टीचर के किरदार में थी। यह किरदार उनके निभाए गए पुराने किरदारों में से सबसे चर्चित किरदार में से एक था। इस फिल्म में सिमी ने काफी बोल्ड सीन भी दिए थे। सिमी ग्रेवाल के अफेयर के चर्चे मनमोहन देसाई के साथ भी थे। जो एक प्रसिद्ध फिल्मकार थे।
सिमी ग्रेवाल का नाम जामनगर के महाराज के साथ भी जुड़ा जो कि उनके पड़ोसी थे। यह बात सिमी ने खुद अपने एक इंटरव्यू में कही है। मंसूर अली खान पटौदी (सैफ आली खान का पिता) के साथ भी सिमी का 2 साल तक रिश्ता रहा। मनसूर आली सिमी ग्रेवाल को लेकर काफी सीरियस थे। लेकिन इन दोनों के बीच में शर्मिला टैगोर आ गई। जिनके आने से इनका रिश्ता टूट गया और यह दोनों प्रेमी अलग हो गए।
सिमी ग्रेवाल की शादी और तलाक
सन 1970 में सिमी ग्रेवाल ने रवि मोहन नाम के एक व्यक्ति से शादी कर ली। लेकिन इनकी शादी 3 साल में ही खत्म हो गई और दोनों अलग रहने लगे, इनके कोई बच्चे नहीं थे। सिमी यह रिश्ता टूटना बर्दाश्त नहीं कर पाई और वे मुंबई छोड़कर दिल्ली आ गई। काफी वक्त गुजर जाने के बाद एक बार फिर 1980 में सिमी के अफेयर के चर्चे सामने आए और इस बार इनका नाम पाकिस्तान के एक बिजनेसमैन सलमान तासीर के साथ जुड़ा। लेकिन यह अफेयर भी ज्यादा दिन तक नहीं चल सका।
सिमी ग्रेवल की उपलब्धियां
सिमी ग्रेवाल को अपने फिल्म करियर में 100 से ज्यादा अवार्ड मिले, लेकिन सबसे ज्यादा चर्चित फिल्म इनकी रही मेरा नाम जोकर और सिद्धार्थ ही थी। सिमी ग्रेवाल ने अपनी दूसरी पारी डायरेक्टर के रूप में खेलनी चाही लेकिन इस क्षेत्र मे उन्हे कोई खास कामयाबी नहीं मिली। सिमी शो होस्टेज भी बनी शो होस्ट के लिए इन्हें बहुत ज्यादा पहचान मिली। इन्होंने छोटे पर्दे पर भी अपना हाथ आजमाया था। सिमी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है। और अपनी राय खुल कर लोगो के सामने रखती हैं, लेकिन उन्हें अपने जिंदगी में सच्चा प्यार नहीं मिल सका जो वह चाहती थी। इसी वजह से वह आज भी अकेली अपनी तन्हा जिंदगी काट रही है।
सिमी ग्रेवाल की फिल्मों की सूची
- रुख़सत (1988)
- लव एंड गॉड (1986)
- हथकड़ी (1982)
- बीवी ओ बीवी (1981)
- कर्ज़ (1980)
- द बर्निंग ट्रेन (1980)
- एहसास (1979)
- नाच उठे संसार (1976)
- चलते चलते (1976)
- कभी कभी (1976)
- हाथ की सफाई (1974)
- नमक हराम (1973)
- अनोखी पहचान (1972)
- अंदाज़ (1971)