सारिका ठाकुर , श्रुति हसन का माँ, Sarika Thakur ka Parichay, कमल हसन की पत्नी

श्रुति हसन की माँ सारिका ठाकुर का परिचय और धोखा| Sarika Thakur ka Parichay Aur Dhokha

सारिका ठाकुर का परिचय

आज हम जानेंगे 80 के दशक की खूबसूरत एक्ट्रेस सारिका ठाकुर के जीवन से जुड़ी कुछ पहलुओं के बारे में। सारिका का पूरा नाम सारिका ठाकुर है। सारिका का जन्म दिल्ली के मराठी राजपूत परिवार में  5 दिसंबर 1962 को हुआ था। सारिका के पिता के बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि सारिका के पिता सारिका और उनकी मां को जब सारिका बहुत छोटी थी तभी छोड़कर चले गए थे। सारिका की मां का नाम कमला ठाकुर था। सारिका भारतीय कम और विदेशी ज्यादा दिखती थी। गोरा रंग, हरी आंखें और शरीर की बनावट ऐसी की कोई भी एक ही नजर में दीवाना हो जाए। सारिका काफी खूबसूरत और ग्लैमरस एक्टर थी। हर कोई सारिका की खूबसूरती का दीवाना था। सारिका की दीवानगी उनके फैंस में ऐसी छाई थी कि हर कोई उन्हें देखने को बेताब रहता था।

सारिका और उनकी नजदीकी लोगा का धोखा

सारिका ने बाल कलाकार के रूप में 5 साल की उम्र से ही फिल्म में काम करना शुरू कर दिया था। और आज तक वह फिल्म इंडस्ट्री से जुड़ी हुई हैं और अभिनय कर रही है। लेकिन इतना नाम और पैसा कमाने के बाद भी सारिका की सगी मां ने उन्हें धोखा दिया, सारिका को पाई पाई का मोहताज बना दिया। सारिका के द्वारा कमाया गया पैसा और दौलत सब छीन लिया और सारिका को रोड में लाकर खड़ा कर दिया। इतना ही नहीं सारिका को उनके पति दोस्त और उनकी बेटियों ने भी धोखा दिया था। सारिका को अपनों से धोखा ही मिला है।

सारिका ठाकुर की निजी जिंदगी

सारिका ने अपने समय के सभी सुपर स्टार अभिनेताओं के साथ में काम किया और कई हिट  फिल्में भी दी। लेकिन सारिका की निजी जिंदगी किसी फिल्मी की कहानी की तरह ही  रही। सारिका की मां एक बेहद ही कड़े स्वभाव और लालची महिला थी। वह अपने सपनों को पूरा करने के लिए सारिका को मुंबई ले आई और  सारिका से 5 साल की छोटी उम्र में ही फिल्मों में काम करवाने लग गई थी। सारिका का बच्चों के साथ खेलना कूदना, उनकी मां को बिल्कुल भी पसंद नहीं था। सारिका की मां ने सारिका को कभी स्कूल नहीं जाने दिया। सारिका भी आम बच्चों की तरह खेलना चाहती थी। लेकिन अगर सारिका को खेलते हुए उसकी मां ने देख लिया तो सारिका को बहुत मारती थी। सारिका की मां का कहना था कि तुम केवल काम करने के लिए ही बनी हो ना कि बेफिजूल समय बर्बाद करने के लिए।

एक बार सारिका ने 15 सो रुपए की किताब खरीद ली क्योंकि सारिका को भी पढ़ने का बहुत शौक था। यह बात जब सारिका की मां को पता चली तो सारिका की मां ने उन्हें बहुत मारा। गर्म चिमटे से उन्हें जला तक दिया था और कहा कि तुम अपनी कमाई का एक रुपए भी खर्च नहीं करोगी। जो कमाओगी सारे पैसे मेरे हाथ में दोगी। जब सारिका बाल कलाकार के रूप में काम करती थी। उस समय उन्हें बहुत सफलता प्राप्त हुई और हर कोई सारिका की बातों और तोतले पन से प्यार करता था। सारिका बाल कलाकार के रूप में हर घर में पहचानी जाती थी। पर्दे पर तो सारिका ने खूब धूम मचाई, लेकिन इनका खुद का बचपना इनकी मां ने छीन लिया था। जब सारिका को कोई डायलॉग बोलना होता था तो उन्हें दिक्कत आती थी क्योंकि सारिका अनपढ़ थी, जिस वजह से थोड़ा बहुत उन्होंने सेट पर ही पढ़ाई करनी शुरू कर दी थी। जब भी उन्हें खाली समय मिलता वह किताबें खोलकर पढ़ने लगती थी। सारिका की मां इतनी खड़ूस महिला थी कि सारिका के पैसे में अय्याशी करती थी।

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सारिका की मां कई फ्लैट भी सारिका के पैसों से खरीदे और खूब सारा पैसा भी जमा किया था। वह ऐसा इसलिए किया करती थी ताकि बेटी हाथ से ना निकल जाए। उसका मानना था कि जब सारिका के पास एक रुपए नहीं रहेंगे तो वह हमारे खिलाफ नहीं जा सकेगी। सारिका अब अपनी मां के इस व्यवहार से बहुत ज्यादा परेशान हो चुकी थी। एक दिन सारिका ने अपनी मां के व्यवहार से तंग आकर घर छोड़ ही दिया। कई दिनों तक सारिका अपनी कार में ही रही फिर कुछ दिन पृथ्वी थिएटर में बिताए और कई दिन दोस्तों के घर में बिताया। कई दिन बीत जाने के बाद सारिका ने अपने लिए एक घर ढूंढा और शिफ्ट हो गई। सारिका उन दिनों फिल्म इंडस्ट्री का जान माना चेहरा बन चुकी थी।

सारिका का फिल्मी सफर और अफेयर्स

सारिका की लीड रोल में आई फिल्म काग़ज़ की नाव और गीत गाता चल उनकी शुरुआती फिल्में थी। कागज की नाव में सारिका के हीरो सचिन थे। सारिका और सचिन को फिल्म के शूटिंग के दौरान ही प्यार हो गया था। लेकिन इन दोनों की जोड़ी ज्यादा दिन तक नहीं चली और दोनों अलग हो गए । दूसरी बार सारिका की जिंदगी में एंट्री हुई क्रिकेटर कपिल देव की लेकिन यह रिश्ता भी कुछ ही दिनों तक चला और फिर खत्म हो गया।

सारिका को एक्टर संजीव कुमार के साथ में भी काम करने का मौका मिला संजीव कुमार ने सारिका को फिल्मों से जुड़ी कई बारीकियां सिखाई। सारिका ने कई हिट फिल्मों में अभिनय किया और खूब दौलत कमाई। सारिका फिल्म इंडस्ट्री में तो खूब नाम कमाया लेकिन सारिका निजी जिंदगी में बहुत ही अकेली थी।

फिल्म राजतिलक जिसमें सारिका के हीरो साउथ के सुपरस्टार कमल हसन थे। फिल्म की शूटिंग के दौरान ही सारिका और कमल हसन को प्यार हो गया। कुछ समय के बाद सारिका और कमल लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे। लिव इन में रहते हुए ही सारिका ने 1986 को बेटी श्रुति को जन्म दिया। इसके लिए सारिका की काफी आलोचना भी हुई, लेकिन सारिका को इससे कोई फर्क नहीं पड़ा। कमल हसन अपनी पहली पत्नी को तलाक देकर बेटी श्रुति के जन्म के 2 साल बाद 1988  मे सारिका से शादी कर ली। इसके बाद 1991 में सारिका ने अपनी छोटी बेटी अक्षरा को जन्म दिया। कमल और सारिका में सब कुछ ठीक चल रहा था तभी सारिका की बहुत ही अच्छी दोस्त गौतमी का तलाक हो गया। तलाक होने के बाद सारिका ने एक अच्छे दोस्त की तरह गौतमी को संभाला सहारा दिया। लेकिन सारिका को क्या पता था कि गौतमी उसके पीठ में छुरा भोंकेगी। सारिका के अनजाने में कमल और गौतमी करीब आने लगे। जब यह बात सारिका को पता चली तो सारिका यह धोखा बर्दाश्त नहीं कर पाई। उन्होंने अपने चेन्नई वाले फ्लैट के चौथे माले से छलांग लगा दी, इस हादसे से सारिका की जान तो बच गई, लेकिन सारिका को बहुत चोटे आई और उनकी हड्डियां भी टूट गई। जिस कारण उन्हें 3 महीने तक  हॉस्पिटल में रहना पड़ा। हॉस्पिटल से ठीक होकर आने के बाद सारिका ने कमल हसन से 2004 में तलाक ले लिया। तलाक के बाद सारिका अपनी बेटियों को साथ ले जाना चाहती थी, तब सारिका की बेटियों ने उन्हें धोखा दे दिया। बेटियों को पता था कि मां के पास इतना पैसा नहीं है जिससे कि वह उनकी इच्छा पूरी कर सकें। बेटियों ने स्वार्थ दिखाते हुए पिता के पास बेहिसाब दौलत को चुना और पिता कमल के साथ रहने का फैसला किया।

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सारिका का दुबारा करियर शुरू करना

सारिका बुरी तरह से टूट गई, उन्हें हर रिश्ते में धोखा ही धोखा मिला। सारिका अब फिर से मुंबई आ गई और एक बार फिर एक्टिंग करने का फैसला किया। 2005 में अंग्रेजी फिल्म पर्जानिया के लिए सारिका को बेस्ट ऐक्टर का नैशनल अवार्ड मिला। सारिका ने अपना कैरियर ड्रेस डिजाइनर के रूप में भी शुरू किया और अपनी एक पहचान बनाई। 2001 में सारिका को फिल्म हे राम के लिए सारिका को फिल्म अवॉर्ड पर बेस्ट कॉस्टयूम डिजाइनर हासिल हुआ था।

कई साल बीत जाने के बाद सारिका अपनी बेटियों के साथ कई तस्वीरों में दिखी और माँ बेटियो मे अच्छी नज़दीकियाँ देखने को मिली। सीधी सी बात है कि सारिका तो मां है वह कैसे अपने बच्चों के लिए मन में कोई भी गुस्सा रख सकती थी। सारिका की बेटियां श्रुति हसन और अक्षरा हसन भी एक्टर है।

सारिका ने लाक डाउन के दौरान एक बार मीडिया से बात करते हुए बताया था कि उनके पास सन 2001 और 2002 में कोई काम नहीं था और उनके सारे पैसे खत्म हो गए थे। इन दिनों सारिका काफी परेशानियों से जूझ रही थी। उस समय वह महीने के दो से तीन हजार भी नहीं कमा पा रही थी। उस दौरान सारिका को काफी मुश्किलें उठानी पड़ी थी। सोचने वाली बात यह है कि 100 से ज्यादा फिल्में करने वाली और करोड़ों कमाने के बाद भी सारिका पाई पाई की मोहताज हो गई थी । सारिका इन दिनों कई फिल्मों में नजर आने वाली हैं। सारिका की एक फिल्म ऊंचाई बनकर तैयार और रिलीज होने वाली है। सारिका अब पूरी तरह से अपने काम में व्यस्त हो चुकी हैं। अपनी जिंदगी मजे से जी रही हैं।

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सारिका ठाकुर की फिल्मों की सूची

  1. मझली दीदी 1967
  2. हमराज 1967
  3. आशीर्वाद 1968
  4. सत्य काम 1969
  5. बालक 1969
  6. बेटी 1969 देवी 1970
  7. छोटी बहू 1971
  8. हार जीत 1972
  9. वंदना 1975
  10. कागज की नाव 1975
  11. गीत गाता चल 1975
  12. जिद 1976
  13. खुशबू 1975
  14. रक्षा बंधन 1976
  15. बंडलबाज 1976
  16. मधुमालती 1978
  17. देवता 1978
  18. गीता अनपढ़ 1978
  19. दिल और दीवार 1978
  20. राखी की सौगंध 1979
  21. जानी दुश्मन 1979
  22. जाने बहार 1979
  23. गृह प्रवेश 1979
  24. बिन फेरे हम तेरे 1979
  25. प्यारा दुश्मन 1980
  26. नजराना प्यार का 1980
  27. ज्योति बने ज्वाला 1980
  28. शारदा 1981
  29. प्लॉट नंबर 5 1981
  30. क्रांति 1981
  31. टिक टिक टिक 1981
  32. खराखोटा 1981
  33. दिल ही दिल में 1982
  34. दौलत 1982
  35. सत्ते पे सत्ता 1982
  36. श्रीमान श्रीमती 1982
  37. यह वादा रहा 1982
  38. तीसरी आंख 1982
  39. मेहरबानी 1982
  40. बदले की आग 1982
  41. विधाता 1982
  42. रजिया सुल्तान 1983
  43. नास्तिक 1983
  44. बड़े दिलवाला 1983
  45. राजतिलक 1984
  46. आसमान 1984
  47. राम तेरा देश 1984
  48. गंगवा 1984
  49. करिश्मा 1984
  50. राम तेरे कितने नाम 1985
  51. एक डाकू शहर में 1985
  52. जिंदा लाश 1986
  53. मंगल दादा 1986
  54. दिलवाला 1986
  55. शर्त 1986
  56. स्वाति 1986
  57. कातिल 1986
  58. संतोष 1989
  59. आखरी संघर्ष 1997
  60. रघु रोमियो 2003
  61. पर्जानिया 2005
  62. कल यस्टरडे एंड टुमारो 2005
  63. बाबुल 2006
  64. भेजा फ्राई 2007
  65. मनोरमा सिक्स फीत अंडर 2007
  66. यह मेरा इंडिया 2008
  67. हरी पुत्तर कॉमेडी ऑफ टेरर्स 2008
  68. कच्चा लिंबू 2009
  69. सोसाइटी 2010
  70. जब तक है जान 2012
  71. क्लब 60 2013
  72. पुरानी जींस 2014
  73. बार बार देखो 2016
  74. ऊंचाई 2022

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