स्मिता पाटिल का परिचय
Smita Patil : 70 और 80 के दशक की गंभीर स्वभाव की दिखने वाली बेहतरीन अभिनेत्री रही स्मिता पाटिल की फिल्मों को तो हम सबने जरूर देखा ही होगा। स्मिता पाटिल का जन्म 17 अक्टूबर 1955 को महाराष्ट्र के पुणे में हुआ था। स्मिता का परिवार राजनीति से जुड़ा हुआ था। इनके पिता शिवाजी राज पाटिल महाराष्ट्र सरकार में मंत्री थे। तथा इनकी मां विद्या ताई पाटील समाज सेविका थी। स्मिता पाटिल पुणे के रेणुका स्वरूप मेमोरियल स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की थी । इनकी स्नातक की डिग्री भारतीय फिल्म और टेलिविज़न संस्थान से पूरी हुई थी। इसके बाद इन्होंने एक मराठी टेलीविजन में न्यूज़ एंकर के रूप में काम करने लगी। इन्होंने अपने 10 साल के फिल्मी करियर में एक से बढ़कर एक फिल्में दी थी। लेकिन बहुत कम उम्र में ही स्मिता इस दुनिया को छोड़ कर चली गई।
स्मिता का फिल्मी दुनिया मे आने का किस्सा
स्मिता का फिल्मों में आना अचानक ही हुआ था। स्मिता फिल्मों में आने के बारे में कभी सोची भी नहीं थी। श्याम बेनेगल उस समय के माने जाने फिल्म निर्माता थे। एक दिन उनकी नजर स्मिता पर पड़ी श्याम बेनेगल एक फिल्म बना रहे थे। जिसका नाम चरणदास चोर था। और इस फिल्म के लिए उन्हें एक नए चेहरे की तलाश थी। स्मिता में उन्हें यह रोल फीट लगा उन्होंने इस फिल्म में स्मिता को एक छोटा सा रोल ऑफर किया। जिसे स्मिता ने तुरंत ही कुबूल कर लिया था। और चरणदास चोर फिल्म का हिस्सा बन गई। स्मिता की यह फिल्म पहली लीड एक्ट्रेस के तौर पर फिल्म रही थी। निशांत नाम की फिल्म 1975 में श्याम बेनेगल द्वारा ही बनाई गई थी।
अब स्मिता का फिल्मी करियर शुरू हो गया था। और धीरे-धीरे करके वह एक सशक्त अभिनेत्री के रूप में फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बना ली थी। स्मिता की एक फिल्म मंथन जो कि दुग्ध क्रांति पर बनी थी। इस फिल्म में स्मिता के नए रंग को दर्शकों ने देखा था। बताया जाता है कि इस फिल्म के निर्माण के लिए गुजरात के 5000 किसानों ने अपनी आमदनी से मिले पैसों का दो दो रुपए प्रतिदिन फिल्म निर्माताओं को दिया करते थे। यह फिल्म इतनी अच्छी थी की रिलीज होते ही कमाई के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए थे।
राष्ट्रिय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित हुई स्मिता
स्मिता को 1977 में उनकी रिलीज फिल्म “भूमिका” के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। मुंशी प्रेमचंद की कहानी पर बनी फिल्म सदगति में स्मिता ने इतना बढ़िया अभिनय किया था की उनका यह अभिनय श्रेष्ठ फिल्मों में आज भी शामिल है। स्मिता को दूसरी बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 1980 में प्रदर्शित फिल्म चक्र के लिए दिया गया था। स्मिता ने अपने छोटे से करियर में हर तरह के किराएदार निभाए हैं। उनका अभिनय इतना दमदार होता था कि पर्दे पर जीवंत दिखाई देता था। स्मिता जिस रोल को प्ले करती थी, उस रोल में पूरी तरह से जान डाल देती थी। स्मिता को दो बार सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री नेशनल अवार्ड मिला और तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार मिला। स्मिता को भारत सरकार ने 1985 में पद्मश्री से भी सम्मानित किया था।
स्मिता पाटिल का दुनिया को अलविदा कहना
1985 में स्मिता की फिल्म “मिर्ची मसाला” रिलीज हुई यह फिल्म काफी कामयाब भी रही। परंतु इस फिल्म की सफलता को देखने के लिए स्मिता इस दुनिया में नहीं रही। स्मिता पाटिल 13 दिसंबर 1986 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। और अपने चाहने वालों को छोड़ कर वो भगवान के पास चली गई थी।
स्मिता पाटिल का बोल्ड सीन से परहेज
स्मिता को बोल्ड सीन देना बिल्कुल पसंद नहीं था। परंतु एक बार डायरेक्टर के दबाव में आकर उन्हें अभिनेता अमिताभ बच्चन के साथ बोल्ड सीन देना पड़ा था। लेकिन शूटिंग खत्म होने के बाद वह पूरी रात एक कोने में बैठ कर रोती रही थी।
स्मिता पाटिल का विवादो से नाता
स्मिता पाटिल की पर्सनल लाइफ हमेशा विवादों से घिरी रही। स्मिता का रिश्ता राज बब्बर से था। जो कि पहले से शादीशुदा थे। इसके बाद भी स्मिता पाटिल उनके प्यार में पड़ गई। यह सिलसिला यहीं नहीं थमा, स्मिता पाटिल और राज बब्बर दोनों साथ में रहने भी लगे। बिना शादी किए स्मिता पाटिल फिल्म अभिनेता राज बब्बर के साथ लिव इन रिलेशनशिप में रहने लगे।
स्मिता और राज बब्बर फिल्म भीगी पलकें की शूटिंग के दौरान करीब आए थे। दोनों ने साथ में कई फिल्में भी की थी। स्मिता की मां को स्मिता का एक शादीशुदा इंसान और दो बच्चों के पिता के साथ रहना बिल्कुल भी पसंद नहीं था। स्मिता की मां ने स्मिता को बहुत समझाया परंतु उन्हों ने उनकी एक न सुनी। स्मिता तो प्यार में पागल हो चुकी थी। इसके लिए स्मिता और राज बब्बर की खूब आलोचना भी हुई। लेकिन प्यार में पड़े दोनों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा था। यहां तक कि स्मिता को घर तोड़ने वाली तथा दूसरी औरत भी कहा जाने लगा था। हद तो तब हो गई जब स्मिता बिन ब्याही ही राज बब्बर के बच्चे की मां बन गई।
धीरे-धीरे राज बब्बर और स्मिता के रिश्ते में खटास आने लगी थी। स्मिता अब राज बब्बर से अलग रहना चाहती थी। क्योंकि राज अपनी पत्नी को तलाक नहीं दे रहे थे और स्मिता चाहती थी कि राज बब्बर अपनी पत्नी को तलाक देकर उनसे शादी कर ले। फिर अचानक ही स्मिता के डिलीवरी के 2 हफ्ते बाद उनके ब्रेन में इंफेक्शन की वजह से उनकी मौत हो गई। स्मिता ने अपने बच्चे का नाम प्रतीक रखा था।
स्मिता के चले जाने के बाद उनके बच्चे को स्मिता के माता-पिता ने अपना लिया और अपने साथ ले गए। जब प्रतीक बड़े हुए और उन्हें अपने माता-पिता के बारे में पता चला तो प्रतीक अपने मां-बाप से नफरत करने लगे। प्रतीक अपनी मां स्मिता के बारे में बात तक करना पसंद नहीं करते। और ना ही उन्हें अपनी मां की फिल्में देखना पसंद है। प्रतीक अपने माता पिता का सरनेम तक नहीं लगाते हैं। स्मिता का लिया गया एक गलत फैसला, कितनों की जिंदगी में तूफान खड़ा कर दिया। स्मिता एक महान कलाकार थी। लेकिन उनकी निजी जिंदगी उतनी ही परेशानियों से भरी थी। स्मिता के बेटे प्रतीक भी आज एक्टर हैं।
स्मिता पाटिल के फिल्मों की सूची
- 1974 – Raja Shiv Chhatrapati
- 1975 – Samna
- 1975 – Nishant (Night’s End)
- 1975 – Charandas Chor
- 1976 – Manthan
- 1978 – गमन
- 1977 – Bhumika
- 1978 – Anugraham
- 1980 – Sarvasakshi
- 1980 – The Naxalites
- 1980 – Sapne Apne Apne
- 1980 – Albert Pinto Ko Gussa Kyon Aata Hai
- 1980 – Aakrosh
- 1980 – Anveshane
- 1981 – Bhavani Bhavai
- 1982 – नमक हलाल
- 1981 – Chakra
- 1982 – बाजार
- 1982 – बदले की आग
- 1982 – दिल ये नादान
- 1982 – शक्ति
- 1982 – अर्थ
- 1982 – नसीब नि बलिहारी
- 1982 – Umbartha
- 1983 – चटपटी
- 1983 – घुंगुरु
- 1983 – कयामत
- 1983 – अर्ध्य सत्य
- 1983 – मंडी
- 1983 – हदशा
- 1983 – Anveshane
- 1984 – फरिश्ता
- 1984 – शराबी
- 1984 – हम दो हमारे दो
- 1984 – आज की आवाज
- 1984 – रावण
- 1984 – पेट प्यार और पाप
- 1984 – कसम पैदा करने वाले की
- 1984 – तरंग
- 1984 – Shapath
- 1984 – मेरा दोस्त मेरा दुश्मन
- 1984 – कानून मेरी मुट्ठी मे
- 1984 – Giddh
- 1984 – आनंद और आनंद
- 1985 – Jawab
- 1985 – गुलामी
- 1985 – मेरा घर मेरे बच्चे
- 1985 – आखिर क्यो?
- 1985 – Chidambaram
- 1986 – सूत्रधार
- 1986 – काँच की दीवार
- 1986 – दिलवाला
- 1986 – आप के साथ
- 1986 – मिर्च मशाला
- 1986 – Amrit
- 1986 – तीसरा किनारा
- 1986 – अनोखा रिश्ता
- 1986 – दहलीज
- 1986 – मेरे साथ चल
- 1986 – अंगारे
FAQ About Smita Patil
FAQ : स्मिता पाटील की मौत का कारण क्या है?
स्मिता पाटिल ने जब प्रतीक को जन्म दिया था तब उसके दो हफ्ते बाद स्मिता पाटिल के ब्रेम मे इन्फेक्शन हो गया जिसकी वजह से उनकी मृत्यु हो गई।
FAQ : स्मिता पाटिल के पति कौन थे?
स्मिता पाटिल की शादी नहीं हुई थी, वह राज बब्बर के साथ लिव-इन-रिलेशन मे रहती थी और बिन ब्याही माँ भी बनी थी। प्रतीक बब्बर स्मिता पाटिल के बेटे हैं।