पद्मिनी कोल्हापुरी का परिचय
15 साल की छोटी सी उम्र में लोगों को अपना दीवाना बनाया, अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया और बहुत से अवार्ड हासिल किए, आज हम बात कर रहे हैं बाल कलाकार के रूप में ही अपना जलवा बिखेरने वाली 80 के दशक की मशहूर अदाकारा पद्मिनी कोल्हापुरी की।
इनका जन्म 1 नवंबर 1965 को महाराष्ट्रीयन परिवार में हुआ था। इनके पिता बद्रीनाथ कोल्हापुरी शास्त्रीय संगीत के गायक थे। इनकी माता एक एयरलाइंस में नौकरी करती थी। पद्मिनी के परिवार का संबंध लता मंगेशकर के पिता दीनानाथ मंगेशकर से था।
पद्मिनी को गायक बनना था
पद्मिनी को संगीत का बहुत शौक था, वह एक सिंगर बनना चाहती थी। क्योंकि उनके पिता भी शास्त्रीय संगीत के गायक थे और लता जी से उनके पारिवारिक रिश्ते थे, तो जाहिर सी बात है कि पद्मिनी के आसपास का माहौल संगीतमय था। जिस कारण से उन्हें भी गायिका बनना था पद्मिनी कोल्हापूरी ने छोटी सी उम्र में ही कई फिल्मों के लिए गाना गाया। पद्मिनी ने 14 साल की उम्र में फिल्म यादों की बारात के लिए गाना गाया था।
पद्मिनी का फिल्मों मे आने का किस्सा
फिल्मों में पद्मिनी का अचानक ही आना हुआ था। वह एक्टर नहीं बनना चाहती थी, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। पद्मिनी कोल्हापुरी गायिका बनना चाहती थी लेकिन वह एक्टर बन गई। फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम के लिए उन्हें बाल कलाकार के रूप में काम करने का ऑफर आया था और पद्मिनी ने उत्सुकताबस हां कह दीया, जिस वजह से वह एक्टिंग की और खींची चली गई और एक एक्टर बन गई। 1978 में आई फिल्म सत्यम शिवम सुंदरम में पद्मिनी ने बाल कलाकार के रूप में काम किया था। यह उनकी पहली फिल्म थी।
पद्मिनी का फिल्मी सफर
पद्मिनी फिल्म साजन बिना ससुराल और थोड़ी सी बेवफाई में भी बाल कलाकार के रूप में नजर आई। पद्मिनी कोल्हापुरी हर तरह के किरदार निभाने के लिए जानी जाती हैं वह हर रोल को करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी। चाहे वह बोल्ड सीन हो या फिर एडल्ट, हर किरदार को पद्मिनी बहुत अच्छी तरह से निभाती थी। वह अपने किरदार में पूरी तरह खो जाती थी। यह कहना गलत नहीं होगा कि पद्मिनी जिस रोल को निभाती थी उसमें जान डाल देती थी। पद्मिनी की 15 साल की उम्र में आई फिल्म गहराइयां में एक ऐसा सीन शूट किया था कि उस समय देखने वालों की आंखें खुली की खुली रह गई थी। यह एक एडल्ट सीन था। इस सीन को लेकर चारों तरफ पद्मिनी की खूब आलोचना हुई। लेकिन इस आलोचना से पद्मिनी को नुकसान की जगह फायदा हो गया। यह फिल्म हिट साबित हुई। पद्मिनी की जब यह फिल्म हिट हो गई तो वह खुद बहुत ज्यादा प्रभावित हुई। उन्हें लगा कि ऑडियंस को इसी तरह के सीन पसंद आते हैं। तो इसी को आगे जारी रखते हुए पद्मिनी ने अपनी अगली फिल्म में 7 से 8 मिनट का रेप सीन शूट करवाया था। परंतु इससे पद्मिनी की छवि काफी धूमिल सी हो गई उनके ऊपर एडल्ट एक्ट्रेस का ठप्पा लग गया। यह फिल्म थी इंसाफ का तराजू हालांकि इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का अवार्ड जरूर मिला।
पद्मिनी दिखती तो बहुत ज्यादा मासूम थी पर सीन बहुत ही ज्यादा बोल्ड देती थी। जब चारों तरफ पद्मिनी को एडल्ट एक्ट्रेस कहा जाने लगा। तो पद्मिनी को बहुत बुरा लगा और उन्हें समझ भी आ गया कि अगर ऐसे ही सीन देती रही तो फिल्म इंडस्ट्री में पहचान बनाना तो दूर रहा यहां ज्यादा दिन तक टिक भी नहीं सकूंगी। फिर उन्होंने इस तरह के सीन से किनारा कर लिया और भारतीय परिधान में आ गई, पद्मिनी का एडल्ट सीन वाला ठप्पा अभी तक पूरी तरह से मिटा नहीं था कि अचानक उन्होंने कुछ ऐसा किया, जिससे कि उन्हें देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी आलोचना का सामना करना पड़ा था।
बात 1980 की है जब ब्रिटेन के राजकुमार चार्ल्स भारत घूमने के लिए आए थे, चार्ल्स को भारत की हर वह चीज देखनी थी जिसके लिए भारत जाना जाता है। जिसमें से एक फिल्म इंडस्ट्री भी है। चार्ल्स को शूटिंग देखने का मन हुआ तो उन्हें शूटिंग के सेट पर ले जाया गया। सेट पर फिल्म आहिस्ता आहिस्ता की शूटिंग हो रही थी। इस फिल्म की हीरोइन थी पद्मिनी कोल्हापुरी, जब शूटिंग खत्म हुई तो पद्मिनी को बहुत ज्यादा उत्सुकता हुई चार्ल्स से मिलने की और वह उनसे मिलने गई।
प्रिंस चार्ल्स के स्वागत के लिए अभिनेत्री शशि कला ने आरती की थाल सजाई थी और फूलों की माला जो की चार्ल्स को पहनाने के लिए रखी हुई थी। पद्मिनी ने शशि कला से कहा आप प्रिंस चार्ल्स का तिलक कर दीजिए और मैं उन्हें माला पहना दूंगी, शशि कला ने कहा ठीक है फिर जब प्रिंस चार्ल्स स्टेज पर आए तो शशि कला ने उन्हें तिलक कर उनकी आरती उतारी और पद्मिनी ने उन्हें माला पहना कर उनके गाल में किस कर दिया। यह बात आजकल तो आम है पर उस समय यह बहुत बड़ी बात थी। इसके लिए पद्मिनी की काफी आलोचना हुई। आलोचना भारत में ही नहीं बल्कि ब्रिटेन की मीडिया ने भी पद्मिनी के बारे में बहुत कुछ छापा था। भारतीय मीडिया ने तो यहां तक कह दिया था कि उस समय प्रिंस चार्ल्स शादीशुदा नहीं थे इसलिए पद्मिनी ने उन्हें अपनी ओर आकर्षित करने के लिए उन्हें किस किया था। ताकि प्रिंस चार्ल्स उन्हें डेट करने लगे। इस तरह की आलोचना से पद्मिनी को काफी दुख पहुंचा था। उन्होंने एक बार मीडिया को दिए अपने इंटरव्यू में बताया था कि मेरा इरादा कुछ गलत नहीं था। मैंने तो बस ऐसे ही अपनी खुशी का इजहार करने के लिए उन्हें किस किया था। परंतु मीडिया ने इसे गलत तरीके से पेश किया और मेरी इमेज को खराब करने की कोशिश की गई थी। एक बार पद्मिनी किसी काम से ब्रिटेन गई थी तो वहां पर एक ऑफिसर ने उनसे सवाल किया कि आप वही हैं जिन्होंने प्रिंस चार्ल्स को किस किया था। कुछ समय तक पद्मिनी फिल्मी पर्दे से दूर रहीं फिर दो साल के अंतराल के बाद पद्मिनी ने एक्टर ऋषि कपूर के साथ फिल्म प्रेम रोग में काम किया। उस समय पद्मिनी की उम्र महज 17 साल थी। फिल्म औसत रही लेकिन पद्मिनी के काम की तारीफ हुई इसी फिल्म के लिए पद्मिनी को पहला फिल्मफेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का अवार्ड मिला।
जैसे जैसे पद्मिनी की उम्र बढ़ रही थी उनके अंदर गंभीरता आ रही थी और काफी समझदार भी हो गई थी। उन्होंने अब फिल्मों में गंभीर रोल करना भी स्टार्ट कर दिया, समय के साथ-साथ पद्मिनी अब अपने करियर में बहुत ज्यादा ध्यान देने लगी थी। वह हर हाल में शूटिंग में जाया करती थी चाहे उनकी तबीयत ही क्यों ना खराब हो। पद्मिनी घर में बैठना पसंद नहीं करती थी। मिथुन चक्रवर्ती के साथ पद्मिनी की जोड़ी काफी पसंद की गई, दोनों ने साथ में कई हिट फिल्में भी दी। फिल्म राम तेरी गंगा मैली के लिए पहले पद्मिनी को ऑफर दिया गया था। लेकिन पद्मिनी ने मना कर दिया क्योंकि उसमें बोल्ड सीन देना था।
पद्मिनी पहले से ही काफी आलोचना का सामना कर चुकी थी और फिर से वह अब आलोचकों की नजरों में नहीं आना चाहती थी। पद्मिनी के ऑफर ठुकराने के बाद इस रोल को अभिनेत्री मंदाकिनी ने किया था। पद्मिनी कोल्हापुरी ने निर्माता निर्देशक प्रदीप शर्मा से शादी करने के बाद फिल्मों से दूरी बना ली। पद्मिनी ने एक बेटे प्रियांश को जन्म दिया और उसके पालन-पोषण में लग गई। जब प्रियांश थोड़ा बड़ा हो गया तो पद्मिनी ने दोबारा फिल्मों में एंट्री मारी फिल्म सौतन द पावर ऑफ वुमन और बोलो राम से लेकिन पद्मिनी पहले की तरह सफल ना हो सकी। इस समय पद्मिनी मराठी फिल्मों में सपोर्टिंग रोल निभाती हैं।
पद्मिनी कोल्हापुरी के संबंधी
- वर्तमान की लोकप्रिय एक्ट्रेस श्रद्धा कपूर की मौसी हैं पद्मिनी कोल्हापुरी
- पद्मिनी कोल्हापुरीके जीजा शक्ति कपूर हैं।
- लता मंगेशकर पद्मिनी कोल्हापूरे की चचेरी बुआ हैं।
पद्मिनी कोहपुरी को मिले अवार्ड्स
- फिल्म प्रेम रोग के लिए 1983 मे पद्मिनी कोल्हापुरी को फिल्मफेयर बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड दिया गया था।
- फिल्म इंसाफ का तराजू मे 1981 के समय उन्हे फिल्मफेयर का बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड दिया गया था।
- फिल्म आहिस्ता-आहिस्ता के लिए उन्हे 1982 मे फिल्मफेयर का स्पेसल पर्फार्मेंस अवार्ड दिया गया था।
- फिल्म प्यार झुकता नहीं 1986 के लिए उन्हे फिल्मफेयर मे नोमिनेटेड किया गया था।
- 2006 मे उन्हे मराठी फिल्म चिमनी पखरे 2006 के लिए स्क्रीन बेस्ट एक्ट्रेस अवार्ड से सम्मानित किया गया था।
पद्मिनी कोल्हापुरी के फिल्मों की सूची
- एक खिलाड़ी वामन पत्ते 1974
- इश्क इश्क इश्क 1975
- जिंदगी 1976
- ड्रीम गर्ल 1977
- साजन बिना सुहागन 1978
- सत्यम शिवम सुंदरम 1978
- हमारा संसार 1978
- थोड़ी सी बेवफ़ाई 1980
- गहराई 1980
- इंसाफ का तराजू 1980
- दुश्मन दोस्त 1981
- अहिशता-अहिशता 1981
- जमाने को दिखाना हैं 1981
- प्रेम रोग 1982
- विधाता 1982
- स्टार 1982
- खुश नसीब 1982
- तेरी मांग सितारो से भर दूंगा 1982
- स्वामी दादा 1982
- लवर 1983
- मजदूर 1983
- सौतन 1983
- वह सात दिन 1983
- बेकरार 1983
- यह इश्क नहीं आसान 1984
- नया कदम 1984
- एक नई पहेली 1984
- शीशे का घर 1984
- हम हैं लाजवाब 1984
- प्यार झुकता नहीं 1985
- आज का दौर 1985
- रही बादल गए 1985
- प्यारी बहना 1985
- इंसाफ मैं करूंगा 1985
- बेवफ़ाई 1985
- पत्थर दिल 1985
- वफादार 1985
- दो दिलो की दास्तान 1985
- अनुभव 1986
- स्वर्ग से सुंदर 1986
- ऐसा प्यार कहाँ 1986
- मुद्दत 1986
- किरयादार 1986
- प्यार किया हैं प्यार करेंगे 1986
- प्रीति 1986
- सुहागन 1986
- झांझर 1987
- प्यार के काबिल 1987
- दादागिरी 1987
- सड़कछाप 1987
- हवालात 1987
- हम इंतेजार करेंगे 1989
- सागर संगम 1989
- दाना पानी 1989
- तौहीन 1989
- दाता 1989
- आग का दरिया 1990
- कुर्बानी रंग लाएगी 1991
- प्रोफेसर की पड़ोसन 1994
- रॉकफ़ोर्ड 1999
- मंथन- एक अमृत प्याला 2005
- बोलो राम 2009
- कर्मयोगी 2012
- माई 2012
- फटा पोस्टर निकला हीरो 2013
- धुआँ 2013
- बचपन एक धोखा 2015
- पानीपत 2019
- प्रवास 2020