ग्राम पंचायत क्या होता हैं?
ग्राम पंचायत में वार्डों की संख्या कम से कम 10 और अधिकतम 20 होती है। जिस पंचायत में 1000 तक की आबादी होती है, वहां कम से कम 10 वार्ड होते हैं और सभी वार्डों में जनसंख्या समान होती है। ग्राम पंचायत का प्रमुख सरपंच होता है और इसका निर्वाचन प्रत्यक्ष रूप से किया जाता है। प्रत्येक वार्ड का निर्वाचित प्रतिनिधि पंच कहलाता है। सरपंच के सहायक के रूप में उपसरपंच होता है, जो पंचों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से चुना जाता है। पंच बनने के लिए गांव में कम से कम 6 माह निवास करना जरूरी होता है। 21 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद कोई भी व्यक्ति पंच बन सकता है। अगर कोई व्यक्ति पागल, दिवालिया और अपराधी है तो वह पंच नहीं बन सकता। ग्राम पंचायत की 1 वर्ष में चार बैठके होना अनिवार्य है। सरकार या ग्राम पंचायत के द्वारा एक संवैधानिक कर्मचारी की नियुक्ति की जाती है जिसे पंचायत सचिव कहते हैं। वह कार्यों का लेखा-जोखा रखता है तथा पंचायत के निर्णय को क्रियान्वित करता है।
ग्राम पंचायत के कार्य क्या होते हैं?
पंचायत क्षेत्र के सामाजिक आर्थिक विकास के लिए ग्राम पंचायतों के कार्य का उल्लेख अधिनियम के अनुच्छेद 49 में किया गया है जो कि निम्न प्रकार से है
- पंचायत क्षेत्र के आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए वार्षिक योजना तैयार करना और जनपद पंचायत की योजना में सम्मिलित करने के लिए प्रस्तुत करना
- ग्राम सभा के अनुमोदन से विभिन्न कार्यक्रमों के लिए हितग्राहियों को का चयन करना
- गांव की सफाई, स्वास्थ्य और शिक्षा सेवाओं को संचालित करना
- सार्वजनिक कुओं, तालाबों और पुलिया का निर्माण करना
- जन्म और मृत्यु पंजीयन, बाजार एवं मेलो का प्रबंध, वृक्षारोपण तथा वनों का संरक्षण, कृषि एवं बागवानी विकास एवं ग्राम पंचायत के भीतर सभी विकास कार्यक्रमों को क्रियान्वित करना एवं उनका पर्यवेक्षण करना।
- जनसाधारण में सामान्य चेतना की अभिवृद्धि करना विभिन्न प्रकार के कर लगाना और वसूल करना
जनपद पंचायत क्या होता हैं?
जनपद पंचायतों में वार्डों की संख्या कम से कम 10 और अधिक से अधिक 25 होती है। 5000 की आबादी पर एक वर्ड होता है। सदस्यों का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से और अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है। सरकार द्वारा नियुक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत के निर्णयों को क्रियान्वित करता है तथा कार्यों का लेखा-जोखा रखता है। यह अधिकारी राज्य प्रशासनिक सेवा (PSC) का सदस्य होता है।
जनपद पंचायत के कार्य क्या होते हैं?
पंचायत अधिनियम के अनुच्छेद 50 के अनुसार जनपद पंचायत के कार्य निम्नलिखित हैं
- एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम व अन्य ग्रामीण रोजगार कार्यक्रमों का संचालन करना
- कृषि, सामाजिक, वानिकी, पशुपालन और मत्स्य पालन
- बाढ़, सूखा, महामारी, टिड्डी दल का प्रकोप जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता कार्यक्रम संचालित करना
- महिलाओं, बच्चों, निराश्रित और पिछड़े वर्ग आदि का कल्याण कार्यक्रम तैयार करना
- शिक्षा और शालाओं का प्रबंधन एवं निरीक्षण करना
- केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा दिए गए कार्यों को संपादित करना
जिला पंचायत क्या होता हैं?
जिले की समस्त जनपद पंचायतों को मिलाकर जिला पंचायत बनती है। इसमें न्यूनतम 10 वर्ड और अधिकतम 35 वर्ड होते हैं। प्रत्येक वार्ड में 50000 की जनसंख्या होती है। जिला पंचायत के सदस्यों द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव किया जाता है। जिला पंचायत की कार्यकारी शक्तियां सरकार द्वारा नियुक्त जिला पंचायत सचिव में निहित होती हैं। यह अधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) का सदस्य होता है। यह जिला पंचायत के निर्णय को क्रियान्वित कर लेखा जोखा रखता है।
जिला पंचायत के कार्य क्या होते हैं?
जिला पंचायत मेन निम्न लिखित कार्यों को संपादित किया जाता है-
- जिला ग्रामीण विकास अभिकरण द्वारा संचालित किए जा रहे कार्यक्रमों का नियंत्रण एवं निर्देशन करना
- जिले के आर्थिक विकास व सामाजिक न्याय के लिए वार्षिक योजनाएं बनाना और उनका क्रियान्वयन करना
- केंद्र व राज्य सरकार द्वारा आयोजित किए गए कार्यों का संपादन करना
- परियोजनाओं के संबंध में केंद्र व राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराई गई निधियों को जनपद और ग्राम पंचायतों को आवंटित करना