मुगल बादशाह अकबर का मकबरा उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के सिकंदरा में स्थित है, जो राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के पास स्थित है। यह मकबरा वास्तुकला और इतिहास प्रेमियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र है। हर साल, देश-विदेश से पर्यटक इस ऐतिहासिक स्थल की भव्यता और सांस्कृतिक महत्व को देखने आते हैं।
मकबरे का निर्माण
अकबर के निधन के बाद उनके पुत्र जहांगीर ने इस मकबरे का निर्माण 1605 में शुरू करवाया था, और यह 1613 में बनकर तैयार हुआ। मकबरे के निर्माण में उस समय करीब 15 लाख रुपये खर्च हुए थे, जो उस दौर के हिसाब से एक बहुत बड़ी राशि मानी जाती थी। यह मकबरा लाल बलुआ पत्थरों से बना है, और इसमें मुगल वास्तुकला की झलक साफ दिखाई देती है।
मकबरे की वास्तुकला मुगलों की कला और संस्कृति का प्रतीक है। इसमें चार विशाल प्रवेश द्वार, चारों ओर से सुंदर बगीचे, और मकबरे की इमारत का केंद्रबिंदु अकबर की कब्र है। मकबरे की दीवारों पर नक्काशी और उत्कृष्ट कारीगरी देखने लायक है, जो मुगल कला की श्रेष्ठता को दर्शाती है।
अकबर की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी जोधा बाई ने इस मकबरे के पास एक सुंदर बगीचे का निर्माण करवाया था। जोधा बाई की मृत्यु के बाद, जहांगीर ने उनकी कब्र को भी अकबर के पास ही बनवाया। इतिहास में यह उल्लेखनीय है कि अकबर की अन्य पत्नियों की तुलना में, केवल जोधा बाई को उनके मकबरे के पास दफनाया गया, जो उनके प्रति विशेष सम्मान को दर्शाता है।
आगरा के अन्य मुगलकालीन स्मारक
अकबर के मकबरे के अलावा, आगरा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में मुगलों द्वारा बनवाई गईं कई अन्य महत्वपूर्ण इमारतें हैं, जो आज भी भारतीय इतिहास और संस्कृति की अमूल्य धरोहर मानी जाती हैं। इनमें से कुछ प्रमुख इमारतें हैं:
- आगरा का किला: यह मुगल वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है और इसे अकबर ने बनवाया था। इसे लाल किला भी कहा जाता है।
- फतेहपुर सीकरी: अकबर द्वारा बनवाया गया यह शहर अपनी अनूठी वास्तुकला और धार्मिक सहिष्णुता के लिए प्रसिद्ध है। यहां का बुलंद दरवाजा मुगलों की महानता का प्रतीक है।
- इलाहाबाद का किला: अकबर द्वारा बनवाया गया यह किला गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित है, जो उसकी रणनीतिक दृष्टि को दर्शाता है।
अकबर का प्रभाव
अकबर न केवल एक महान शासक थे, बल्कि वे कला, संस्कृति, और धर्म के प्रति सहिष्णुता के भी प्रतीक माने जाते थे। उन्होंने भारत की विविधता को अपनाया और उसे सशक्त बनाया। उनकी धार्मिक सहिष्णुता और सांस्कृतिक एकता की नीति को उनके मकबरे की वास्तुकला में भी देखा जा सकता है, जहां हिंदू, मुस्लिम और फारसी शैलियों का सम्मिश्रण देखने को मिलता है।
पर्यटन का केंद्र
अकबर का मकबरा आज के दौर में एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण यह आगरा आने वाले पर्यटकों की पहली पसंद में से एक है। यहां पर मकबरे के अलावा आसपास के सुंदर बगीचे भी हैं, जो इसे एक शांत और आकर्षक स्थल बनाते हैं। इतिहास प्रेमियों के लिए यह जगह किसी खजाने से कम नहीं है, क्योंकि यहां आकर वे मुगलकाल की महानता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को महसूस कर सकते हैं।
अकबर का मकबरा न केवल एक ऐतिहासिक स्मारक है, बल्कि यह भारत के समृद्ध अतीत और विविधता का प्रतीक भी है। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित यह मकबरा मुगल कला, वास्तुकला और संस्कृति की अद्भुत मिसाल है। अकबर की महानता और उनकी दूरदर्शिता को यह मकबरा सजीव रूप में प्रस्तुत करता है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बना रहेगा।
लेख से संबन्धित महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर:
अकबर का मकबरा उत्तर प्रदेश के किस जिले में स्थित है?
उत्तर: आगरा जिले के सिकंदरा में।
अकबर के मकबरे का निर्माण किसने करवाया था?
उत्तर: उनके बेटे जहांगीर ने।
अकबर के मकबरे का निर्माण कब पूरा हुआ?
उत्तर: 1613 में।
अकबर के मकबरे का निर्माण किस सामग्री से किया गया है?
उत्तर: लाल बलुआ पत्थर से।
अकबर की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी जोधा बाई ने मकबरे के पास क्या बनवाया?
उत्तर: एक बगीचा।
अकबर के मकबरे के निर्माण में कितनी लागत आई थी?
उत्तर: करीब 15 लाख रुपये।
अकबर के अलावा किसकी कब्र भी मकबरे के पास स्थित है?
उत्तर: जोधा बाई की।
आगरा में अकबर द्वारा बनवाई गई एक अन्य प्रसिद्ध इमारत कौन सी है?
उत्तर: आगरा का किला।
फतेहपुर सीकरी का बुलंद दरवाजा किस मुगल बादशाह द्वारा बनवाया गया था?
उत्तर: अकबर द्वारा।
अकबर के मकबरे में किस प्रकार की वास्तुकला का सम्मिश्रण है?
उत्तर: हिंदू और फारसी शैलियों का।