दोस्तों क्या आपको पता है इस भारत में सबसे पहली फिल्म (Bharat ki sabse pahali film) कौन सी थी अगर आपको नहीं पता आज हम इस लेख के माध्यम से सही बात बताने जा रहे हैं। इंडिया में दो चीजों का क्रेज बहुत ही ज्यादा है एक तो यहां क्रिकेट बहुत देखा जाता है और हर घर में आपको एक क्रिकेट एक्सपर्ट जरूर मिलेगा दूसरा फिल्मों को लेकर भारतीय बहुत दीवाने हैं। फिल्म जैसे ही शुक्रवार को रिलीज होती है सभी लोग पहला शो देखने के लिए जरूर जाते हैं। यहां पर फिल्में घटिया से घटिया भी क्यों ना हो ₹50 करोड़ कमा लेते हैं। भारत में लोग फिल्मों के इतने शौकीन हैं के हैप्पी न्यू ईयर और टाइगर जिंदा है जैसी बकवास फिल्में भी हिट हो जाती है। आपको यहां पर एक सामान्य ज्ञान के बारे में भी बता दें कि फिल्म बनाने के आधार पर भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया का सबसे बड़ा फिल्म उद्योग में से एक है। भारत में हर भाषा में फिल्में बनाई जाती है और यहां पर कई सारे फिल्म इंडस्ट्री मौजूद है। उदाहरण के लिए तमिल फिल्म इंडस्ट्री मलयालम फिल्म इंडस्ट्री तेलुगू फिल्म इंडस्ट्री मराठी फिल्म इंडस्ट्री पंजाबी फिल्म इंडस्ट्री भोजपुरिया फिल्म इंडस्ट्री गुजराती फिल्म इंडस्ट्री और न जाने कितनी फिल्म इंडस्ट्री भारत में फिल्मों का निर्माण कर रही है
वर्तमान में भारत में 2 फिल्म इंडस्ट्री बहुत ही ज्यादा लोकप्रिय है और पैसे कमाने के मामले में भी आगे हैं। एक तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री बहुत बड़ी इंडस्ट्री है और हाल के कुछ दिनों में दक्षिणी फिल्म इंडस्ट्री भी बहुत तेजी से उभर कर आई है और दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री की बनाई फिल्में अब लगभग पूरे भारत में बड़े ही चाव के साथ देखी जाती है। अगर 2022 की बात करें तो इस समय दक्षिण फिल्म इंडस्ट्री के सामने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री बौनी साबित हो गई है लगभग पूरा भारत इस समय दक्षिण फिल्म उद्योग की बनाई हुई फिर वह को बहुत ही मजे से देख रहा है। इंटरनेट में बहुत से इंटरनेट यूजर है जो लगातार सर्च करते हैं यह भारत की सबसे पहली फिल्म कौन सी थी तो आज इस लेख के माध्यम से दोस्तों हम आपको बताने जा रहे हैं कि भारत की सबसे पहली फिल्म कौन सी थी तो दोस्तों लेख को आगे भी पढ़ना जारी रखें
भारत की सबसे पहली फिल्म कौन सी थी? (Bharat ki sabse pahali film)
दोस्तो इंटरनेट लिए एक बार-बार खोजा जाने वाला प्रश्न है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री का इतिहास लगभग 100 वर्ष पुराना है। इस दौरान भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने बहुत प्रकार के उतार-चढ़ाव देखे हैं तथा लगातार फिल्म विकास के क्रम में नए आयाम जुड़ते गए हैं। किसी समय भारत में फिल्में बनाई जाती थी तो उनमें आवाज नहीं हुआ करती थी। और फिल्में बिना आवाज के बनाई जाती थी इसके अलावा फिल्मों के जो चलचित्र होते थे वह ब्लैक एंड वाइट हुआ करते थे यानी कि उन फिल्मों में जो चलचित्र दिखते थे उनमें रंग नहीं होता था भारत की सबसे पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र थी जिसका निर्माण 1913 में किया गया था। भारत की सबसे पहली फिल्म बनाने का श्री दादा साहब फाल्के जी को जाता है। भारत की सबसे पहली फिल्म ब्लैक एंड वाइट थी और इसमें कोई भी आवाज नहीं थी यदि हम कह सकते हैं कि भारत की सबसे पहली फिल्म एक साइलेंट मूवी थी।
भारत की सबसे पहली फिल्म का निर्देशन दादा साहब फाल्के जी ने किया था। भारत की सबसे पहली फिल्म 3 मई 1913 को थियेटर में रिलीज हुई थी।
भारत की सबसे पहली फिल्म बना ली के लिए क्या जतन की गए थे?
फिल्में बनाना भारत में 1911 के पहले तक मात्र एक सपना था। लेकिन दादा साहब फाल्के में इस सपने को पूरा करने के लिए बहुत ही मेहनत की थी उन्होंने लंदन की यात्रा की और वहां पर उन्होंने फिल्म बनाने के तरीकों को सीखा इसके बाद में भारत आए और उन्होंने 1912 में फाल्के फिल्म कंपनी की स्थापना की।
भारत की सबसे पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र को भारत की सरकार ने भारत का पहला फुल लेंथ फीचर फिल्म माना है। लेकिन इस फिल्म की जो रील नष्ट हो गई है और केवल शुरुआती और अंतिम रीम ही बचाई जा सकी है। इस फिल्म से संबंधित संरक्षित किए गए रील को नेशनल फिल्म आर्काइव आफ इंडिया में सुरक्षित रखा गया है।
भारत की सबसे पहली फिल्म बनाने वाले दादा साहब फाल्के कौन है?
दादासाहेब फालके का पूरा नाम धुंडीराज गोविंद पाल की है। इन्हें भारतीय सिनेमा का जनक भी कहा जाता है। दादा साहब फाल्के ने पंचानवे फिल्मों का निर्माण किया था तथा 27 लघु फिल्मों का निर्माण किया था। उनके द्वारा बनाई लोकप्रिय फिल्में राजा हरिश्चंद्र सत्यवान सावित्री श्री कृष्ण जन्म कालिया मर्दन और लंका दहन जैसी फिल्में हैं।
भारत की सबसे पहली फिल्म बनाने वाले दादा साहब फाल्के का जन्म कब हुआ था?
दादा साहब फाल्के का जन्म 30 अप्रैल 1870 में हुआ था उनका जन्म मराठी परिवार में मुंबई के पास त्रियंबक नाम के स्थान पर हुआ था। दादा साहब फाल्के चितपावन ब्राह्मण परिवार से संबंध रखते हैं। दादा साहब फाल्के के पिता गोविंद सदाशिव फाल्के एक संस्कृत शिक्षा और मंदिर के पुजारी थे। दादा साहब फाल्के के छह भाई बहन और थे। दादा साहब फाल्के की मृत्यु 16 फरवरी 1944 में नासिक में हुई थी।
दादा साहब फाल्के जी की अंतिम फिल्म कौन सी थी?
दादा साहब फाल्के ने भारत की सबसे पहली फिल्म को बनाया था उन्होंने अपने कैरियर की अंतिम फिल्म 1937 में गंगा अवतरण के “नाम से बनाई थी।
भारत की पहली बोलती फिल्म कौन सी थी?
जैसा कि हमने ऊपर पड़ा है कि भारत की सबसे पहली फिल्म राजा हरिश्चंद्र की जोकि साइलेंट फिल्म थी यानी इस दिल में कोई भी आवाज नहीं थी। भारत की सबसे पहली बोलती फिल्म आलम आरा थी। यह फिल्म 14 मार्च 1931 को रिलीज हुई थी तथा इस फिल्म के निर्देशक आर्देशिर ईरानी ने किया था। आलम आरा भारत की पहली बोलती हुई फिल्म है। आलम आरा फिल्म को बनाने में ₹40000 का खर्चा आया था अगर हम इसे आज के समय के अनुसार तुलना करें तो लगभग एक करोड़ में यह फिल्म बनी थी। आलम आरा फिल्म को 14 मार्च 1921 में रिलीज किया गया था। इस फिल्म में पृथ्वीराज कपूर और जुबेदा कलाकार के रूप में काम किया था।
भारत की सबसे पहली कलर फिल्म कौन सी थी?
भारत में सबसे पहली कलर फिल्म किशन कन्हैया की यह फिल्म 1936 में रिलीज की गई थी। इस फिल्म का निर्देशन मोती गिद्वानी ने किया था और इस फिल्म के निर्माता आर्देशिर ईरानी थे। आर्देशिर ईरानी ने ही भारत की पहली बोलती हुई फिल्म आलम आरा भी बनवाई थी।
भारत की सबसे पहली फिल्म जिसमे गाने नहीं थे?
भारत मे बिना गानो की फिल्म बनाना अब असंभव बात सी लगती हैं, लेकिन 1937 मे नौजवान नामकी फिल्म भारत की सबसे पहली फिल्म हैं जिसमे एक भी गाने नहीं हैं। हालांकि इस फिल्म से संबन्धित ज्यादा जानकारी अब मौजूद नहीं हैं।
भारत की सबसे लंबी फिल्म कौन सी है
भारत की सबसे लंबी फिल्म 494 मिनट यानि की 8 घंटा 14 मिनट की फिल्म है। इस फिल्म का नाम द दून स्कूल क्विंटेट है। यासीन 5 पार्ट में बनी थी।