is din tel se malish na kare

भूल कर भी इस दिन तेल से मलिस न करे, वरना होगा बुरा एवं घातक परिणाम

शरीर पर तेल मालिश करने से थकावट और कमजोरी से मुक्ति मिलती है। सिर में तेल मालिश तथा पैरों के तलवों में तेल मालिश करने से बेहद आराम मिलता है इसके अलावा शरीर में तेल मलने से त्वचा कोमल होती है त्वचा का रूखापन खत्म होता है और त्वचा में रहने वाले बहुत से कीटाणुओं का नाश होता है।

तेल से ही मालिश क्यों करनी चाहिए? क्या घी से मालिश नहीं कर सकते?

तेल से शरीर में मालिश करने से शक्ति प्राप्त होती है और तेल हर मौसम में तरल होता है जबकि जी ठंडी और बारिश के मौसम में जम जाता है इसलिए घी का इस्तेमाल मालिश के लिए नहीं करते। मालिश के लिए सबसे उपयुक्त पदार्थ सरसों का तेल है। इसमें हींग और लहसुन डालकर इसे अच्छी तरह पका लें और ठंड होने में शरीर पर मालिश करने से शरीर की मांसपेशियों को राहत मिलती है इसके अलावा त्वचा में मौजूद कई कीटाणुओं का नाश होता है।

हिंदू धर्म के अनुसार किस दिन मालिश नहीं करना चाहिए?

रविवार को तेल की मालिश नहीं करना चाहिए क्योंकि रविवार और तेल दोनों की तासीर गर्म होती है इसलिए रविवार के दिन तेल मालिश नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार –

  1. रविवार के दिन तेल मालिश करने से शरीर में गर्मी बढ़ती है,
  2. सोमवार के दिन शरीर में मालिश करने से शरीर का सौंदर्य बढ़ता है
  3. मंगलवार को तेल से मालिश करने में मृत्यु का भय हो सकता है
  4. बुधवार को तेल से मालिश करने से धन की प्राप्ति का योग बन सकता है
  5. गुरुवार के दिन तेल मालिश करने से हानि का डर होता है
  6. शुक्रवार को तेल मालिश करने से दुख का सामना करना पड़ सकता है
  7. शनिवार के दिन तेल मालिश करने से सुख की प्राप्ति होती है।
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हफ्ते में कितनी बार तेल लगाना चाहिए?

  1. अगर गर्मी का महीना है तो हफ्ते में 3 दिन तेल से शरीर में मालिश जरूर करनी चाहिए यह दिन है – सोमवार, बुधवार और शनिवार
  2. अगर ठंड के मौसम चल रहे हैं तो आप हफ्ते में 4 दिन तेल से मालिश कर सकते हैं यह दिन है – रविवार, सोमवार, बुधवार और शनिवार

रविवार को तेल लगाने से क्या होता है?

रविवार को शरीर में तेल से मालिश नहीं करनी चाहिए क्योंकि रविवार का दिन सूर्य भगवान का दिन होता है जो कि गर्मी से संबंधित है इसके साथ ही तेल का संबंध भी ताप से होता है इसलिए रविवार के दिन तेल से मालिश करने पर गर्मी या फिर ताप से संबंधित रोग होने का डर रहता है इसलिए रविवार के दिन शरीर में तेल से मालिश ना करें.

मालिश के लिए सबसे उपयुक्त तेल कौन सा है?

मालिश के लिए सबसे उपयुक्त तेल सरसों का तेल है क्योंकि इसकी तासीर गर्म होती है जबकि दूसरे कई ऐसे तेल हैं जिनकी तासीर ठंड होती है इसलिए जब भी मालिश करना चाहे तो हमेशा सरसों के तेल का ही इस्तेमाल करें।

तेल मालिश का वैज्ञानिक आधार क्या है?

तेल से मालिश करने से त्वचा में मौजूद रोम छिद्र खुल जाते हैं जो कि स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी हैं। सिर में नियमित तेल लगाने से बालों के झड़ने और गिरने की समस्या से आदमी को छुटकारा मिल जाता है इसके अलावा जिन लोगों का मस्तिक दुर्बल या सिर में दर्द की शिकायत रहती है उनके लिए भी मालिस लाभकारी उपाय हो सकता है।

मालिश करते वक्त कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए

अगर ठंड का मौसम तो धूप मे बैठ कर गुनगुने तेल से शरीर मे मालिश करना चाहिए। इससे शरीर को कई प्रकार के लाभ मिलते हैं। ठंडी या फिर हवा दार जगह पर बैठ कर मालिश बिलकुल भी ना करे। इससे ठंड लग सकती हैं और सर्दी तथा छींक आने का डर होता हैं। मालिश करने के बाद तुरंत नहीं नहाना चाहिए। इसके अलावा एकदम से नहाकर धूप मे नहीं बैठना चाहिए वरना ठंड गरम हो सकता हैं।

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कुछ और सावधानी

बाजार मे मालिश के लिए कई तेल आते हैं जैसे – महानारायण तेल, नारायणी तेल आदि। इन तेलो के इस्तेमाल से पहले जरूरी हैं की किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श जरूर कर ले।

मालिश के लिए कौन सा तेल अच्छा है?

जैतून का तेल – जैतून के तेल से हल्की मालिश करना काफी अच्छा होता है। यह त्वचा में धीरे-धीरे सूखता है और मांसपेशियों को आराम देने का काम करता है। जैतून के तेल से मालिश करने पर मांसपेशियों के एथन या किसी भी प्रकार के सूजन में राहत मिलती है।

तिल का तेल – तिल के तेल से मालिश करने पर हड्डियों को मजबूती मिलती है। तिल के तेल में कॉपर, मैग्नीशियम, कैल्शियम और प्रोटीन जैसे तत्व होते हैं। तिल के तेल से मालिश करने पर हड्डियां मजबूत होती हैं और दिमाग शांत होता है।

नारियल का तेल – नारियल के तेल से मालिश करने पर शरीर को हाइड्रेट होने में मदद मिलती है। पुराने समय से ही लोग इस तेल का इस्तेमाल सर के बालों में लगाने के लिए करते थे। नारियल के तेल में एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, इसके अलावा नारियल के तेल से मालिश करने पर त्वचा की सफाई भी होती है कई लोग इसे होठों के लिए भी इस्तेमाल करते हैं।

बदाम का तेल – बदाम का तेल मालिश करने के लिए एक लोकप्रिय तेल है यह हल्के पीले रंग का होता है और दूसरे देशों की तुलना में कम चिपचिपा होता है। इसके अलावा यह खुशबूदार भी होता है। इस तेल में विटामिन ई भरपूर मात्रा में होता है, जोकि शरीर की त्वचा को सूरज की यूवी किरणों से बचाता है तथा एंटी फंगल गुण होने की वजह से दाद जैसे रोगों से लड़ने में सहायक होता है

सरसों का तेल – सरसों का तेल थोड़ा चिपचिपा होता है लेकिन मालिश करने के लिए इस तेल को सबसे उत्तम माना गया है। शरीर में दर्द या सूजन को कम करने के लिए अक्सर लोग सरसों के तेल का इस्तेमाल करते हैं। सरसों के तेल से मालिश करने के लिए बहुत से लोग सरसों में लहसुन की फलियां और हींग डालकर इसको अच्छे से पका लेते हैं और ठंडे होने पर या हल्का गर्म होने पर इसे शरीर पर अच्छे से मिलकर लगाते हैं। सरसों का तेल सर के बालों और त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है लेकिन सरसों के तेल को आंखों के आसपास लगाने से बचना चाहिए क्योंकि यह तीव्र होता है जिसकी वजह से आंखों में जलन हो सकती है।

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किस दिशा में सिर करके सोना चाहिए?

हिंदू धर्म के अनुसार जब भी सोने जाएं तो दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोना चाहिए दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोने से दीर्घायु प्राप्त होती है शरीर के रोग दोष का नाश होता है जबकि पूर्व दिशा में सिर करके सोने से ज्ञान में वृद्धि होती है कार्य एवं व्यवसाय में मन लगता है

उत्तर दिशा की ओर सिर करके क्यों नहीं सोना चाहिए?

हिंदू धर्म के अनुसार जब भी कोई व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो उसका शेर हमेशा उत्तर दिशा की ओर रहता है और उसके तहत दक्षिण दिशा की ओर होते हैं। दक्षिण दिशा में मृत्यु के देवता यमदेव का वासु होता है। अगर कोई व्यक्ति उत्तर की ओर सिर करके सो रहा है तो इसका मतलब है कि उसके पैर दक्षिण दिशा की ओर हैं यानी वह दक्षिण दिशा की ओर जाने के लिए अग्रसर है जो कि मृत्यु का द्वार है इसीलिए कभी भी उत्तर की ओर सिर करके नहीं सोना चाहिए।

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