चमेली का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं, चमेली के तेल का दीपक जलाने के फायदे, चमेली का तेल और सिंदूर, शिवलिंग पर चमेली का तेल चढ़ाने से क्या होता है, हनुमान जी को चमेली का तेल क्यों चढ़ाया जाता है, चमेली का पेड़ कितना बड़ा होता है, चमेली के फूल को इंग्लिश में क्या कहते हैं,

चमेली का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं

चमेली का पौधा घर में लगाना चाहिए या नहीं

चमेली का पौधा घर में लगाना चाहिए क्योंकि इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है तथा घर में सुख शांति बहती है तथा घर के लोगों की पढ़ाई एवं रोजगार में तरक्की होती रहती है। जिस घर में चमेली का पौधा लगा होता है उस घर के लोगों के बीच में कभी भी मनमुटाव नहीं होता है।

घर मे चमेली का पौधा लगाने से क्या फायदा होता हैं-

  1. घर मे चमेली का पौधा लगाने से घर मे लोगो के बीच संबंधो मे मिठास आती हैं।
  2. रिश्तो मे आई दूरियाँ मिटती हैं।
  3. जिन घर मे चमेली का पौधा लगा होता हैं उन घरो मे माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती हैं।
  4. चमेली का फूल भगवान शंकर, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को बहुत पसंद हैं।
  5. जिस घर मे चमेली का पौधा फूल देता हैं, उन घरो मे हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता हैं।
  6. चमेली को ही मोगरा कहा जाता हैं, जो महिलाए, चमेली का गजरा पहनती हैं वो हमेशा भाग्यवान रहती हैं।
  7. चमेली का फूल भगवान शिव को चढ़ाने से संतान की प्राप्ति होती हैं।

चमेली के फूल से कई प्रकार की दवाइयाँ बनाई जाती हैं जो की जुकाम और सिरदर्द से राहत दिलाती हैं। पूरी दुनिया मे इसके 200 प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिसमे से 100 प्रजातियाँ तो सिर्फ भारत भर मे आसानी से मिल जाती हैं। यह हर मौसम मे जीवित रह सकने वाला फूल हैं। यह झाड और बेल परिवार का पौधा होता हैं।

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चमेली के तेल का दीपक जलाने के फायदे

चमेली के तेल का दीपक हनुमान जी की पूजा में जलाया जाता हैं। ऐसा मान्यता हैं की अगर कोई व्यक्ति बजरंगबली से कुछ मागना चाहता हैं तो हनुमान जी की पूजा करते समय चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए। लेकिन ध्यान रहे दिया तिकोनी होनी चाहिए। तिकोनी दिया मे ही चमेली के तेल का दिया जलाना चाहिए और वो भी सिर्फ रामभक्त हनुमान जी की पूजा के लिए। इसके अलावा माना जाता हैं की चमेली के तेल मे सिंदूर मिला कर मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी पर लेप करने से हनुमान जी बहुत प्रसन्न होते हैं।

“चमेली का तेल और सिंदूर” की कथा

किसी गाँव मे एक गरीब किसान रहता था, लेकिन वह हमेशा गरीब नहीं था, पहले उसके पास खूब संपत्ति थी, उसके पिता राज्य के राज्य वैद्य थे। लेकिन कुछ गलतियों की वजह से उस किसान के ऊपर शनि की वक्र दृष्टि पड़ गई, देखते ही देखते वह अमीर और धनवान से गरीव हो गया, अब उसके पास खेत का एक छोटा सा टुकड़ा ही मात्र बचा था। जिसमे खेती करके उस किसान की जीविका किसी तरह से चल रही थी। एक बार उसके घर एक सिद्ध महातमा का आना हुआ। किसान ने उस महातमा की खूब सेवा की, सेवा से प्रसन्न होकर महात्मा ने उसे उपाय बताया की तेरे परिवार के ऊपर शनिदेव की वक्र दृष्टि हैं, इसीलिए तेरे साथ यह सब बुरा हुआ। लेकिन अब तू चिंता मत कर, हर शनिवार और मंगलवार के दिन किसी हनुमान मंदिर मे जा कर हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर का लेप कर तेरे सब कष्ट दूर हो जाएंगे।

किसान महातमा की बताए अनुसार हर मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर का लेप करता। देखते ही देखते किसान के घर मे खुशियाँ आने लगी, उस किसान का बेटा  राजा के यहाँ मंत्री बन गया। किसान गाँव का प्रधान बन गया। अब किसान के पास फिर से धन दौलत के साथ साथ घर मे सुख-शांति थी। किसान के क़िसमत को बदलते देख गाँव के लोग भी मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान जी को चमेली का तेल और सिंदूर का लेप लगाने लगे। और इस उपाय के चमत्कार और लाभ को देख कर, हर कोई यह उपाय करता हैं।

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FAQ : गूगल आधारित प्रश्न उत्तर

  • शिवलिंग पर चमेली का तेल चढ़ाने से क्या होता है?

मान्यता ये हैं हनुमान जी को चमेली का तेल चढ़ाया जाता हैं।  लेकिन शिव जी की पूजा मे भी चमेली का तेल चढ़ाया जाता हैं, मनोकामना सिद्धि के लिए भगवान शिव को भी चमेली का तेल इस्तेमाल किया जाता हैं।

  • हनुमान जी को चमेली का तेल क्यों चढ़ाया जाता है

हनुमान जी जब सुग्रीव के साथ रिष्यमूक पर्वत पर रहा करते थे, तो वहाँ पर चमेली का एक बाग था, जो हनुमान जी को बहुत पसंद था। वहाँ हनुमान जी ध्यान किया करते थे। चमेली की सुगंध हनुमान जी को बहुत पसंद हैं। इसलिए लिए हनुमान जी को चमेली का फूल और तेल दोनों चढ़ाये जाते हैं।

  • चमेली का पेड़ कितना बड़ा होता है?

चमेली का पेड़ नहीं होता हैं बल्कि झाड होता हैं, चमेली का पौधे को बढ़ाने के लिए किसी न किसी तरह के सहारे की आवश्यकता होती हैं। इसकी लंबाई 15 फिट तक हो सकती हैं।

  • चमेली के फूल को इंग्लिश में क्या कहते हैं?

चमेली के फूल को अँग्रेजी मे जैस्मिन (jasmine) कहते हैं, इसके अलावा चमेली के फूल को हिन्दी मे मोगरा भी कहा जाता हैं। पूरे दुनिया भर में चमेली के फूल की लगभग 200 प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

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