Hanuman Jyanti

Hanuman Jyanti : हनुमान जी की जयंती साल मे दो बार क्यो मनाई जाती हैं

हनुमान जी कौन हैं?

Hanuman Jyanti : हनुमान जी को पवन पुत्र कहा जाता हैं तथा उन्हे शंकर सुमन भी कहा जाता हैं, शंकर सुमन का अर्थ हैं की भगवान शंकर के पुत्र, हनुमान जी के वास्तविक माता का नाम अंजाना हैं उनके पिता का नाम केशरी हैं। हनुमान जी राम भगवान के अनन्या भक्त है, और भगवान शंकर के 11वे रुद्र अवतार हैं। हनुमान जी बल के साथ साथ एक बुद्धिमान व्यक्तित्व हैं।

हनुमान जी को ना तो कोई अस्त्र ना ही कोई शस्त्र घायल कर सकता हैं, तथा वो किसी से पराजित भी नहीं हो सकते हैं। हिन्दू धर्म मे हनुमान जी को बड़ी श्रद्धा के साथ पूजा जाता हैं। उन्हे कलयुग का भगवान कहा जाये तो गलत नहीं होगा।

हनुमान जी की जयंती कब है? (Hanuman Jyanti)

हनुमान जी का जन्म चैत्र महीने की पूर्णमासी के दिन हुआ था। इस लिए प्रतिवर्ष सनातन समाज चैत्र के महीने मे पूर्णमासी के दिन हनुमान जी की जयति को धूम-धाम से मानता हैं। बहुत से मंदिरो मे भंडारे का आयोजन होता हैं। मानस का पाठ किया जाता हैं। शहरो को सजाया जाता हैं। घरो की सफाई की जाती हैं।

हनुमान जयंती साल में कितनी बार आती है?

हनुमान जयंती (hanuman jyanti) पूरे साल मे दो बार बड़े उल्लास के साथ मनाई जाती है। पहला हनुमान जयंती हिन्‍दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र शुक्‍ल पूर्णिमा को अर्थात ईसाई कैलेंडर के अनुसार मार्च या अप्रैल के बीच मनाई जाती हैं जबकि दूसरा हनुमान जयंती कार्तिक नरक चतुर्दशी को अर्थात सितंबर-अक्टूबर के बीच मे मनाई जाती हैं।

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बड़ा मंगलवार 2022 कब है?

हिन्दी कलेंडर के जेष्ठ महीने का पहला मंगलवार बड़ा मंगलवार के नाम से जाना जाता हैं। 2022 मे इस बार बड़ा मंगलवार 17 मई 2022 को मनाया जाएगा। जेष्ठ महीने के सभी मंगवार को बुढ़वा मंगलवार कहते हैं।

बड़ा मंगल क्यों मनाते हैं?

हिन्दू धर्म के अनुसार बड़ा मंगलवार के दिन ही हनुमान जी अपने प्रभु श्री राम से पहली बार मिले थे। भगवान हनुमान जी प्रभु श्री राम के सबसे बड़े भक्त हैं। और हनुमान जी हर समय भगवान राम का ध्यान करते रहते हैं। इस लिए जब हनुमान जी जेष्ठ के महीने के पहले मंगलवार के दिन राम भगवान जी से मिले तब से यह दिन बड़ा मंगलवार के रूप मे मनाया जाने लगा।

हनुमान जी के गुरु कौन हैं?

हनुमान जी के गुरु सूर्य देव हैं। हनुमान जी बचपन मे सूर्य भगवान को निगल गए थे। जिसके इंद्रा नाराज हो गए और उन्होने अपने वज्र से बजरंगबली के जबड़े मे प्रहार कर दिया था। जबड़े को संस्कृत मे हनु भी कहते हैं, इसीलिए हनुमान जी को हनुमान कहा जाने लगा। हनुमान जी ने सूर्य भगवान को अपना गुरु चुना। तथा अपने गुरु के कहने पर लंका मे कैद शनि भगवान को हनुमान जी ने रावण की कैद से मुक्त कराया था।

हनुमान जयंती पर क्या उपाय करना चाहिए?

हनुमान जयंती के दिन सुबह स्त्नान करने के बाद हनुमान जी के मंदिर मे जाकर उन्हे सिंदूर और तेल जरूर चढ़ाये। इसके अलावा गरीब लोगो को पूरी तथा गुड़ बांटे। सुंदरकाण्ड का पाठ करना विशेष लाभकारी रहेगा। भगवान राम और माता सीता जी का ध्यान करे और गाय को सीधा खिलाये।

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पृथ्वी पर अमर कौन कौन है?

हिन्दू ग्रंथो के अनुसार पृथ्वी मे इस समय हनुमान जी मौजूद हैं, उनके साथ ही और कई धर्म आत्मा हैं जिनहे पृथ्वी मे कलयुग के अंत तक रहने का आशीर्वाद मिला हुआ हैं। परशुराम, विभीषण, अश्वस्थामा, वेद व्यास, राजा बलि, भगवान परशुराम, कृपाचार्य और मार्कन्डेय ऋषि ये सभी इस समय पृथ्वी पर ही हैं, और प्रकाश की गति से हवा मे उड़ कर यात्रा कर सकते हैं।

मकरध्वज के पिता कौन थे?

Hanuman Jyanti पर विशेष : मकरध्वज के पिता भगवान राम के अनन्या भक्त श्री हनुमान जी हैं। हनुमान जी पहली बार मकरध्वज से पाताल मे मिले थे। पाताल मे जब हनुमान जी भगवान राम और लक्ष्मण जी को खोजते हुये पाहुचे तब उनकी भेट मकरध्वज से हुई थी। हनुमान जी जब लंका मे आग लगाने के बाद समुद्र मे अपनी पुंछ मे लगी आग बुझा रहे थे तभी उनका पसीना एक बड़ी मछली के संपर्क मे आगया। उसी मछली ने मकरध्वज को जन्म दिया था। मकरध्वज पाताल नगरी के द्वारपाल हैं।

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