तनुजा का परिचय
60 और 70 के दशक कि वह बिंदास अदाकारा जिनके मुस्कुराहट और चुलबुले पन के दीवाने लाखों लोग हुआ करते थे। उनके पोस्टर उस जमाने में खूब ज्यादा बिका करते थे। एक से एक महंगे पोस्टर खरीद कर लोग अपने कमरों में सजाया करते थे। हम बात कर रहे हैं एक्ट्रेस तनुजा की, इन्होंने अपने समय की बड़ी बड़ी अभिनेत्रियों के बीच में अपने दमदार अभिनय और बिंदास अदाकारी के कारण इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने में सफल रही। तनुजा का जन्म 23 सितंबर 1946 को मुंबई में हुआ था। इनकी मां अपने जमाने की फायर ब्रांड एक्ट्रेस शोभना समर्थ थी। इनके पिता कुमारसेन समर्थ प्रोड्यूसर थे। तनुजा चार भाई बहन में दूसरे नंबर की थी, तनुजा की बड़ी बहन नूतन फिल्म इंडस्ट्री की बहुत बड़ी अभिनेत्री थी। तनुजा ने अपनी पढ़ाई स्विट्जरलैंड से पूरी की थी। तनुजा को एक्टिंग उनकी मां और बहन से विरासत में मिली थी। जब तनुजा पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत वापस आई तो उस समय उनकी बड़ी बहन नूतन बड़ी अभिनेत्री बन चुकी थी।
तनुजा का फिल्मों मे आना
तनुजा ने भी एक्टिंग को ही अपना कैरियर चुना, तनुजा को लगा कि उन्हें फिल्में आसानी से मिल जाएंगी क्योंकि उनकी बहन और उनकी मां बड़ी अभिनेत्रियां थी। लेकिन हुआ तनुजा की सोच के कुछ उलट। उस समय अभिनेत्रियों को पारंपरिक रोल निभाने होते थे जो कि दर्शक पसंद करते थे। लेकिन तनुजा बिंदास एक्टर बनकर फिल्मों में एंट्री करना चाहती थी। तनुजा की छवि बिंदास और टॉमबॉय की बन गई थी। जिस कारण से तनुजा को किसी भी प्रोड्यूसर ने काम नहीं दिया। तब इनकी मां शोभना समर्थ 1960 में फिल्म चमेली से तनुजा को लांच किया था। हालांकि तनुजा 1950 में नूतन की फिल्म में बाल कलाकार के रूप में काम कर चुकी थी।
डायरेक्टर ने तनुजा को मारा चाटा
फिल्म चमेली मे तनुजा ने खूब नखरे दिखाए, जिस कारण से फिल्म की पूरी टीम परेशान हो जाया करती थी। जब सीन शूट करना होता था तो तनुजा सही तरीके से सूट नहीं करती थी। वह हर समय मजाक करती और हंसती रहती थी। एक सीन में तनुजा को रोना था लेकिन उन्हें बार-बार हंसी आ जाने के कारण सीन सही तरीके सूट नहीं हो रहा था। तनुजा को जब बार-बार डायरेक्टर समझा रहे थे तो वह मान ही नहीं रही थी। फिर तनुजा ने कहा आज मेरा रोने का मन नहीं है यह सीन मैं कल सूट करूंगी आज यह सीन नहीं कर पाऊँगी। डायरेक्टर को तनुजा कि इस बात पर बहुत गुस्सा आया और फिर उन्होंने तनुजा के गाल पर जोरदार तमाचा जड़ दिया। तनुजा को बहुत बुरा लगा और तनुजा शूटिंग छोड़कर रोते हुए मां के पास पहुंच गई और मां से डायरेक्टर केदार शर्मा की शिकायत करने लगी, तब तनुजा की मां ने तनुजा को पूरी बात बताने को कहा जब तनुजा ने सारी बात बताई तो शोभना समर्थ ने तनुजा को उल्टे हाथ एक और चांटा जड़ दिया। फिर अपने साथ में तनुजा को लेकर सेट पर गई और शूटिंग शुरू हुई, मां के चाटा से तनुजा को एक बात जरूर समझ आ गई कि शूटिंग के समय टीम के साथ कैसे व्यवहार करना है।
तनुजा का फिल्मी सफर आसान नहीं था
तनुजा का स्वभाव तो चुलबुलआहट भरा था। जिस वजह से उन्हें वह कामयाबी हासिल नहीं हो पा रही थी जो कि उनकी बड़ी बहन नूतन को हो रही थी। जहां नूतन को बड़े बैनर की फिल्में मिल रही थी वहीं तनुजा को नहीं मिल रही थी। इसके बावजूद भी तनुजा ने हिम्मत नहीं हारी कुछ बेहतरीन फिल्मों में उन्हें अभिनय दिखाने का मौका जरूर मिला। तनुजा ने फिल्म ज्वेल थीफ मे देवानंद और वैजयंती माला के साथ अभिनय किया था। लेकिन तनुजा पर फिल्माया गया गाना रात अकेली है बुझ गए दिए को उन्होंने काफी मेहनत करके लोकप्रिय बनाया था। राजेश खन्ना के साथ फिल्म हाथी मेरे साथी में भी तनुजा ने अच्छा काम किया था। तनुजा के साथ हमेशा कुछ ना कुछ घटना घटी जाया करती थी। जब उन्हें अच्छे रोल का ऑफर आता था।
गुरुदत्त की फिल्म बहारें फिर भी आएंगी तनुजा ने जब साइन कि और फिल्म की कुछ ही शूटिंग हुई थी कि गुरुदत्त साहब इस दुनिया को छोड़ कर हमेशा के लिए चले गए। किसी तरीके से फिल्म बन कर रिलीज तो हो गई। लेकिन पर्दे पर कोई कमाल ना दिखा सकी और फ्लॉप हो गई। तनुजा का कैरियर ठीक नहीं चल रहा था फिर भी वह अपनी जिंदगी को बिंदास तरीके से ही जी रही थी। उन्हें इस बात की कोई चिंता नहीं हो रही थी कि उनकी फिल्में पिट रही है। फिल्म बहारें फिर भी आएंगी की शूटिंग के दौरान गुरुदत्त से तनुजा ने कहा की “ए गुरु जब तू मर जाएगा तो अपनी लाइब्रेरी मेरे नाम लिख जाना”। तनुजा की बात भी सच हो गई इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान गुरुदत्त ने दुनिया को अलविदा कह दिया। यह किस्सा तनुजा की फिल्म चांद और सूरज के दौरान का है।
तनुजा से जुड़े रोचक किस्से
तनुजा ने फिल्म फेयर को दिए गए इंटरव्यू में बताया था कि उस समय धर्मेंद्र शादीशुदा थे और 5 साल के बेटे सनी देओल के पिता थे। एक दिन धर्मेंद्र जी ने मेरे साथ फ्लर्ट करने की कोशिश की थी तो मैंने उन्हें एक जोरदार थप्पड़ जड़ दिया था और कहा बेशर्म तुम्हारी इतनी हिम्मत कि तुम मेरे साथ फ्लर्ट करो। फिर धर्मेंद्र काफी शर्मिंदा हो गए और मुझसे कहने लगे तुम मुझे अपना भाई बना लो फिर मैंने एक धागा उनकी कलाई में बांध दिया था और धर्मेंद्र को अपना भाई बना लिया।
1973 में तनुजा ने प्रसिद्ध निर्देशक ससाधर मुखर्जी के छोटे बेटे शोमू मुखर्जी से शादी कर ली। शादी के बाद तनुजा ने दो बेटियों को जन्म दिया छोटी बेटी के जन्म के बाद तनुजा और सोमू के रिश्ते खराब हो गए और तनुजा अलग रहने लगी, हालांकि उन्होंने कभी तलाक नहीं लिया।
जब तनुजा लीड रोल में फिट नहीं बैठ रही थी और उनकी फिल्में पिट रही थी। तब उन्होंने सेकंड लीड रोल करना शुरू कर दिया। तनुजा फिल्मों में मां भाभी और मौसी के रोल करने लगी। तनुजा ने कुछ टीवी सीरियल में भी अभिनय किया, तनुजा कभी भी पहली पंक्ति में शामिल नहीं हुई । जहां उनकी बहन नूतन हुआ करती थी।
1967 में आई फिल्म पैसा या प्यार के लिए तनुजा को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया।
तनुजा आज उम्र के इस पड़ाव में भी काफी बिंदास है अभी कुछ समय पहले तनुजा की एक फोटो काफी वायरल हुई थी जिसमें तनुजा नीली कलर की मोनोकिनी (बिकनी का एक प्रकार) पहनी थी। तनुजा कि दोनों बेटियां काजोल और तनीषा भी अभिनेत्रियां हैं। तनुजा की बड़ी बेटी काजोल फिल्म इंडस्ट्री की बहुत बड़ी अभिनेत्री हैं और उनकी छोटी बेटी तनीषा भी कुछ फिल्मों का हिस्सा रही है, लेकिन अपनी बड़ी बहन काजोल की तरह इंडस्ट्री में अपनी जगह नहीं बना पाई। तनुजा आज अपनी छोटी बेटी तनीषा के साथ रहकर अपनी खुशहाल जिंदगी जी रही हैं।
तनुजा को मिले अवार्ड
- 1964 मे बंगाली एशोसिएशन से बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था फिल्म बेनजीर के लिए।
- 1968 मे बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए उन्हे फिल्मफेयर मे नोमिनेट किया गया था फिल्म जेवेल थीफ के लिए।
- 1970 मे पैसा या प्यार फिल्म के लिए उन्हे फिल्मफेयर अवार्ड दिया गया था बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के लिए।
- 2014 मे उन्हे अप्सरा फिल्म के द्वारा लाइफटाइम अचिवमेंट सम्मान दिया गया था।
- 2014 फिल्मफेयर ने भी उन्हे लाइफटाइम अचिवमेंट सम्मान दिया गया था।
तनुजा के फिल्मों की सूची
- हमारी बेटी 1950
- अंबर 1952
- छबीली 1960
- हमारी याद आएगी 1961
- मेम-दीदी 1961
- आज और कल 1963
- बेनजीर 1964
- चंद और सूरज 1965
- नई उमर की नई फसल 1965
- भूत बंगला 1965
- दादी माँ 1966
- बहारें फिर भी आएँगी 1966
- ज्वेल थीफ 1967
- अंथोनि फिरंगी 1967
- सपनों का सौदागर 1968
- जुआरी 1968
- इज्जत 1968
- दो दूनी चार 1968
- उस रात के बाद 1969
- पैसा या प्यार 1969
- जीने की राह 1969
- गुस्ताखी माफ 1969
- राजकुमारी 1970
- प्रिया 1970
- प्रथम कदम फूल 1970
- बचपन 1970
- प्यार की कहानी 1971
- प्रीत की डोरी 1971
- हाथी मेरे साथी 1971
- एक पहेली 1971
- दूर का राही 1971
- अनुभव 1971
- मोम की गुड़िया 1971
- मेरे जीवन साथी 1972
- एक बार मुस्कुरा दो 1972
- दो चोर 1972
- अपर्णा 1972
- इंसाफ 1973
- इम्तिहान 1974
- हमशक्ल 1974
- अमीर गरीब 1974
- हमराही 1974
- स्वर्ग नर्क 1978
- लाल कोठी 1978
- बंदिश 1980
- याराना 1981
- कमांडर 1981
- प्रेम रोग 1982
- मासूम 1983
- खुद्दार 1982
- कामचोर 1982
- एक जान हैं हम 1983
- यादगार 1984
- पेट प्यार और पाप 1984
- माती मांगे खून 1984
- बॉक्सर 1984
- जबर्दस्त 1985
- सोनी महीवार 1985
- होशियार 1985
- घर द्वार 1985
- सुहागन 1986
- नसीहत 1986
- मोहब्बत की कसम 1986
- माँ बेटी 1986
- लव 86 1986
- जाल 1986
- एक मैं और एक तू 1986
- अनोखा रिश्ता 1986
- अधिकार 1986
- एक और सिकंदर 1986
- मर्द की जुबान 1987
- दिलजला 1987
- पाप को जला कर राख़ कर दूंगा 1988
- मेरा मुकद्दर 1988
- मधुवन 1988
- अग्नि 1988
- ताकतवर 1989
- रखवाला 1989
- पराया घर 1989
- मेरी जबान 1889
- घराना 1989
- शानदार 1990
- दुश्मन 1990
- अंधाविचार 1990
- गज़ब तमाशा 1992
- अभी अभी 1992
- दीदार 1992
- बेखुदी 1992
- इज्जत की रोटी 1993
- अंतिम न्याय 1993
- विवेकानंद 1994
- मुकदमा 1996
- सफारी 1999
- तुम जियो हजारो साल 2002
- साथिया 2002
- रुल्स : प्यार का सुपरहिट फॉर्मूला 2003
- भूत 2003
- खाकी 2004
- दीवार 2004
- टूनपुर का सुपरहीरो 2010
- सन ऑफ सरदार 2010
- मॉडर्न लव मुंबई 2022