bhoot ki kahani, daravani raat, chaar dost aur bhoot ki kahani, raat ko bhoot dikha, चुड़ैल की कहानी, भूत की कहानी,

Bhoot ki Kahani – एक खूबसूरत लड़की और चार दोस्त

Bhoot ki Kahani – दोस्तो यह कहानी एक सच्ची घटना पर आधारित हैं। इसलिए कहानी को बड़े ही ध्यान से पढे। यह कहानी ऐसी हैं की एक बार मैं अपने खास 4 दोस्तों के साथ मनाली नाम की जगह से पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ को जा रहा था। ऑनलाइन का इस्तेमाल करके एक अच्छा से होटल हमने अपने लिए रिजर्व कर लिया था। हम सभी लोगो ने यह फैसला किया था की हम रात के शांत महोल मे ही गाड़ी चला कर वहाँ जाएंगे।  जिससे सुबह-सुबह ही हम होटल मे चेक इन कर ले।

लगभग रात को करीब 3 बजे हम लोग चंडीगढ़ के सीमा के पास आ चुके थे। जिस रास्ते से हम गुजर रहे थे, उस रास्ते मे एक छोटी से पहाड़ी पड़ती हैं। अब हम इसी पहाड़ी पर गाड़ी को चलते हुये जा रहे थे। इस पहाड़ी मे रास्ता ढलान के साथ साथ घटक रूप से मुड़ावदार हैं, एकाएक हम सब ने देखा की सफ़ेद कोरोला एल्टिस सड़क के किनारे पर खड़ी हुई है और उस गाड़ी के पार्किंग लाइट और ब्लिंकर चालू थे। उस गाड़ी के बाजू मे एक सुंदर सी लड़की खड़ी हुई हैं। उसने एक खूबसूरत सा गुलाबी टॉप और जींस का कपड़ा पहना हुआ था। और वो हमारी गाड़ी देख कर हमे लिफ्ट के लिए इशारा करने लगी। 

यह देख कर हम सभी दोस्तो के बीच चर्चा होने लगी की हमे उस लड़की को लिफ्ट देना चाहिए या नहीं। क्या हमे उस लड़की की मदद करना चाहिए? हम चार मे तीन लोग उस लड़की की मदद करने के पक्ष मे थे, और एक जन नहीं चाहता था की उस लड़की को इतनी रात मे मदद की जाये, यह एक धोखा या फिर चालबाजी भी हो सकती थी। जो लड़की की मदद के विरोध मे था वह कह रहा था की जरूर कुछ गड़बड़ हैं, और हम सबको इस झमेले ने नहीं फसाना चाहिए। मेरे दोस्त ने उस लड़की के पास गाड़ी को धीमा कर लिया और गाड़ी की खिड़की को नीचे कर लिए उसी समय दूसरे दोस्त ने तेज आवाज मे कहा की भाई गाड़ी क्यो रोक रहे हो, कुछ गलत हो सकता हैं, इस लिए बिलकुल भी लड़की देख कर मदद के लिए मत पिघलो। उसकी आवाज सुन कर ड्राइव कर रहे दोस्त ने गाड़ी की स्पीड को फिर से बढ़ाने लगा और लड़की की मदद का मन ना करने का कर लिया। लेकिन जैसे ही हम उस लड़की के सामने से गाड़ी को निकाल रहे थे, तभी गाड़ी मे एक कडकदार खुशबू फ़ेल गई। शायद यह खुशबू उस लड़की के सेंट या डीओ की रही होगी जो उसने अपने ऊपर छिड़का होगा।

See also  Bhoot ki Kahani- समोसे वाला भूत | Hindi Story- Samose Wala Bhoot

जब हम लोग उस लड़की को पीछे छोड़ कर 3 से 4 किलोमीटर आंगे आ गए, तो कर मे हम चरो दोस्तो के बीच उस लड़की को लेकर फिर से बातचीत शुरू हो गई, की हम सब को हिम्मत करके उस लड़की की मदद करनी चाहिए थी, क्या पता सच मे वह किसी परेशानी मे घिर गई होगी, इस लिए हमे उसे वहाँ इतनी रात को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए थे।

तभी कार ड्राइव कर रहे दोस्त का मन बदलने लगा और वह कार को यू-टर्न लेने की बात करने लगा। तभी हमने देखा की सामने कुछ दूर मे एक कार खड़ी हुई हैं और यह कार वही कार है जो कुछ देर पहले हमे पीछे दिखी थी, उस कर के बगल मे वही लड़की खड़ी थी, जिसने वही गुलाबी टॉप और जींस का कपड़ा पहना हुआ आता, और वह हाथो से इशारा करके लिफ्ट मांग रही थी। यह देख कर हम सब डर गए, हम सबके चेहरे एक दम सफ़ेद हो गए थे। मेरा दिल तो जोरों से धड़कने लगा था।

हमने गाड़ी की रफ्तार बधाई और जल्दी से उस लड़की को पार किया। कार मे फिर से वही महक फैल गई थी, जो पीछे भी एक बार कार के अंदर फैल चुकी थी। इस बार हम सब शांत थे। और बहुत दूर आने के बाद भी एक दूसरे से कुछ नहीं बोल रहे थे। हमने उस लड़की को आने वाले 20 किलोमीटर मे 7 बार क्रास किया था। अंत में हमने चंडीगढ़ में प्रवेश किया और सबसे पहले मिलने वाले ढाबे के गाड़ी को रोका।

See also  डरावनी कहानी - आवाजों का रहस्य

हम सब डरे हुये थे। हम सब उस ढाबे के अंदर गए और चाय का मँगवाई। सभी ने ठंडे पानी से अपना चेहरा धोया। तभी उस ढाबे मे रुके हुये एक ट्रक ड्राइवर ने हमसे हमारे परेशानी और हैरानी का कारण पूछा तो हमने बिना संकोच किए हुये उस ट्रक ड्राईवर को सारी बात बता दी।

तब उस ट्रक ड्राईवर ने हमे एक अखबार का टुकड़ा दिखाया जिसमें एक खबर छपी थी कि एक दिल्ली की 21 साल की महिला का उसी पहाड़ी मे एक्सीडेंट हो गया और उस लड़की की  कार चट्टान से नीचे खाई मे जा गिरी थी। और अखबार मे जिस गाड़ी का जिक्र था, वह गाड़ी वही थी जो हम पूरे रात 8 बार देख चुके थे। और लड़की का पहनावा भी पेपर मे वही छप था, जो हमे पूरी रात देखने को मिला था। हम सब डर गए थे, जब हम वापस चंडीगढ़ से मनाली जा रहे थे तो इस बार हमने दिन का सफर चुना, और अब कभी भी हम लोग रात को सफर नहीं करते हैं।

बोलो बजरंग बाली की जय

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *