आशा पारेख का परिचय | Asha Parekh
आज हम जिनके बारे मे बात कर रहे हैं उनका खूबसूरत चेहरा, होठों पर मुस्कान और हिरनी की तरह नशीली आंखों से लोगों को घायल कर देती थी। जब इन्होंने फिल्मों में एंट्री मारी तो इनकी सुंदरता को देख लोग इनके दीवाने हो गए। इन का चुलबुललापन और ग्लैमर इतना दमदार था कि इनके बिना फिल्म इंडस्ट्री अधूरी सी लगती थी। आज हम बात कर रहे हैं खूबसूरत और दमदार एक्ट्रेस आशा पारेख (AshaParekh) की जिनकी हर अदा के लोग दीवाने हुआ करते थे। आशा पारेख उन अभिनेत्रियों में शामिल हैं। जिनका योगदान बॉलीवुड में बहुत ज्यादा है जिसके कारण आज फिल्म इंडस्ट्री यहां तक पहुंच सकी है। आशा पारेख ने वह सब कुछ हासिल किया जो हर एक इंसान करना चाहता है। बेशुमार दौलत, कमाई, खूब नाम कमाया लेकिन इस सब के बावजूद उन्हें उनका प्यार नहीं नसीब हुआ। वह आजीवन अपने प्यार को तरसती रही। प्यार के दर्द में जीती रही और आज तक वह कुंवारी है। उन्होंने शादी नहीं की जबकि हर कोई उनसे शादी करना चाहता था।
आशा पारेख का बचपन
आशा पारेख का जन्म 2 अक्टूबर 1942 को गुजरात मे महुआ नाम के एक गांव के साधारण से मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था। इनके पिता गुजराती बनिया थे तथा इनकी मां मुस्लिम थी। आशा पारेख का पूरा परिवार बहुत धार्मिक था वे सभी साईं बाबा के बहुत बड़े भक्त थे आशा पारेख ने तो कभी फिल्मों के बारे में सोचा ही नहीं था। आशा तो डॉक्टर या आईएएस बनना चाहती थी, आशा की मां को इंडियन क्लासिकल डांस में काफी रूचि थी। जिस कारण से आशा की मां ने अपनी बेटी को शास्त्री नृत्य सिखाना चाहती थी। जब आशा बहुत छोटी थी तभी से उनकी मां ने उन्हें नृत्य की शिक्षा दिलानी शुरू कर दी और आशा ने बहुत जल्दी ही नृत्य में महारत हासिल कर ली थी। आशा पारेख ने बहुत छोटी उम्र में ही अभिनय करना शुरू कर दिया था। जब आशा 10 साल की थी तभी उन्होंने बाल कलाकार के रूप में फिल्म आसमान में अभिनय किया था।
आशा पारेख का फिल्मों मे आना
हुआ कुछ ऐसा था कि नृत्य सिखाने के बाद आशा पारेख स्टेज में परफ़ार्म किया करती थी। उसी दौरान उन्हें मशहूर निर्देशक विमल राय ने देखा, आशा का डांस देखकर विमल राय काफी प्रभावित हुए। आशा जी का जब स्टेज कार्यक्रम खत्म हुआ और वह बाहर आई तो विमल उनके पास जाकर उनसे बात करते हुए पूछा- “क्या आप हमारे फिल्म में काम करेंगी?”
पहले कुछ देर तक तो आशा को कुछ समझ नहीं आया फिर उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा क्यों नहीं जरूर करूंगी। फिर क्या था आशा जी का फिल्मी सफर शुरू हो गया। विमल राय की फिल्म बाप बेटी में आशा जी ने काम किया, यह फिल्म 1954 में रिलीज हुई थी। लेकिन फिल्म ने कोई कमाल नहीं दिखाया और फ्लॉप हो गई। आशा पारेख ने बाल कलाकार के रूप में कई फिल्मे की, आशा जी को लीड रोल में फिल्म गूंज उठी शहनाई में एक्टिंग करने का मौका मिला। इस फिल्म की कुछ शूटिंग आशा जीने की लेकिन निर्देशक विजय भट्ट ने उनसे कहा कि आशा के अंदर टैलेंट की कमी है, उनके अंदर कोई भी ऐसी योग्यता नहीं है, जिसके दम पर वह हीरोइन बन सके। यह बात आशा को बहुत बुरी लगी और आशा स्टूडियो से दुखी हो कर चली गई। विजय भट्ट के साथ नासिर हुसैन भी काम कर रहे थे, विजय भट्ट की यह बात नासिर हुसैन को भी अच्छी नहीं लगी। नासिर हुसैन ने सोचा कि इस लड़की को मैं काम जरूर दूंगा और ऐसा ही हुआ। एक हफ्ते के अंदर नासिर हुसैन ने आशा पारेख को अपनी फिल्म दिल दे कर देखो मे काम करने का मौका दिया। इस फिल्म में आशा जी के हीरो शम्मी कपूर थे, आशा और शम्मी की जोड़ी खूब पसंद की गई और यह फिल्म हिट हो गई। जब यह फिल्में रिलीज हुई थी। उस समय आशा पारेख की उम्र 17 साल थी और इसी के साथ फिल्म इंडस्ट्री में लोग उन्हें पहचानने लगे।
नासिर हुसैन ने आशा पारेख को लेकर लगातार छह फिल्में की आशा की यह छह की छह फिल्में सुपर डुपर हिट रही। और आशा पारेख को हिट-गर्ल का खिताब मिल गया। इसी के साथ आशा की पर्सनल लाइफ ही बदल गई। आशा पारेख ने बड़े मजे से नासिर हुसैन की फिल्मों में काम करती रही। आशा जी को दूसरे बैनर की फिल्मों के ऑफर भी अब आने लगे और आशा पारेख ने सभी बैनर की फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। जिससे आशा की इमेज भी बदल गई जो कि एक ही निर्देशक की फिल्में करने की बनी थी। आशा चुलबुले स्वभाव की थी और अब तक जो फिल्में की थी उनमें उनका रोल भी चुलबुला था। लेकिन आशा जी ने निर्देशक राज खोसला की फिल्म मैं तुलसी तेरे आंगन की मे गंभीर रोल करने का मौका मिला। इसके साथ कई फिल्मों में आशा ने गंभीर रोल निभाए। आशा पारेख ने कई दिग्गज अभिनेताओं के साथ फिल्मों में काम किया। शम्मी कपूर के साथ आशा की जोड़ी सबसे ज्यादा पसंद की गई।
आशा पारेख और अमर प्रेम
आशा पारेख को उस समय के मशहूर निर्देशक नासिर हुसैन से प्यार हो गया। नासिर हुसैन शादीशुदा थे, इसके बावजूद आशा को उनसे प्यार हो गया। आशा पारेख ने अपने दिए गए इंटरव्यू में कहा था कि मैं ने अपनी जिंदगी में केवल एक ही इंसान से प्यार किया था। परंतु मैं उसका घर नहीं तोड़ना चाहती थी। यही वजह थी कि मैं नहीं चाहती थी कि वह मुझसे शादी करें और अपने परिवार को छोड़े। आशा ने यह भी कहा कि मैं किसी और से शादी नहीं कर सकती थी। क्योंकि मैं जिसे प्यार करती थी, उसके अलावा किसी और से नहीं कर पाती और फिर यह उस इंसान के साथ नाइंसाफी होती जो कि मैं नहीं करना चाहती थी। जब आशा की मां को पता चला कि आशा नासिर हुसैन से प्यार करती है। तो उन्होंने आशा को कहा अगर तुम नासिर हुसैन से शादी करना चाहती हो तो कर सकती हो, पर नासिर के परिवार वालों को यह रिश्ता बिल्कुल भी मंजूर नहीं था।
आशा जी ने कहा मैंने फैसला किया कि मैं कभी किसी से शादी नहीं करूंगी और आजीवन कुमारी रहूंगी। आशा जी की बायोग्राफी दा हिट गर्ल में उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी सारी बातें लिखी हैं, आशा की बायोग्राफी 2017 में रिलीज की गई थी। आशा जी ने बताया नासिर साहब मेरे लिए दोस्त से बढ़कर थे, जब नासिर की पत्नी का निधन हो गया था, तब नासिर हुसैन बिल्कुल अकेले पड़ गए थे। आशा उनसे मिलना चाहती थी, उनसे बात करना चाहती थी पर कुदरत को कुछ और ही मंजूर था। 2002 में नासिर हुसैन ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
आशा पारेख से जुड़े रोचक बाते
- आशा पारेख ने कभी भी दिलीप कुमार के साथ काम नहीं किया और ना ही उनके साथ काम करने की इच्छा प्रकट की।
- आशा पारेख के फेवरेट हीरो शम्मी कपूर थे। आशा शम्मी कपूर को चाचा कहती थी।
- आशा जी ने 90 से ज्यादा फिल्मों में काम किया है, आशा पारेख ने कई सीरियल भी बनाए हैं, उनके पहला सीरियल पलाश के फूल दूसरा दाल में काला तीसरा बाजे पायल और चौथा कोरा कागज था।
- आशा पारेख ने गुजराती पंजाबी और कन्नड फिल्म में भी काम किया है। आशा जी आज भी काम कर रही हैं, उनकी एक डांस एकेडमी है जिसका नाम कारा भवन हैं।
- आशा जी बहुत ही खुश मिजाज किस्म की इंसान हैं। वह हमेशा लोगों को खुश रखती हैं और जरूरतमंदों की मदद भी करती हैं।
- आशा हमेशा सामाजिक कार्यों से जुड़ी रहती हैं। आशा जी भारती सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
- उन्होंने 1994 से 2000 तक भारतीय फिल्म सेंटर बोर्ड महिला अध्यक्ष के पद पर रही हैं, आशा जी पहली महिला है, जिसने यह पद संभाला था।
- उनसे पहले किसी महिला को यह पद प्राप्त नहीं हुआ था, अभी हाल ही में यह घोषणा की गई है कि आशा जी को दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। हम कामना करते हैं कि आशा जी अपने जीवन में ऐसे ही कार्य करती रहें और दीर्घायु हो।
- आशा पारेख का जन्म दिन उसी दिन हुआ हैं जब महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती मनाई जाती हैं।
आशा पारेख को अवार्ड
- हाल ही मे भारत सरकार ने आशा पारेख को दादा साहब फाल्के अवार्ड देने की घोषणा की हैं।
- फिल्म चिराग के लिए 1969 मे फिल्मफेयर की तरफ से उन्हे बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड दिया गया था।
- फिल्म कति पतंग के लिए 1971 मे फिल्मफेयर के द्वारा उन्हे सर्वश्रेष्ठ अदाकारा का अवार्ड दिया गया था।
- 1992 मे उनको कला के क्षेत्र मे पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
- 2006 मे IIFA ने उन्हे आउटस्टेंडिंग अचिवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया था।
- आशा पारेख को 2002 मे फिल्मफेयर लाइफटाइम अचिवमेंट अवार्ड दिया गया था।
आशा पारेख की फिल्मों की सूची
Year | Title |
1952 | Maa |
Aasmaan | |
1954 | Dhobi Doctor |
Shri Chaitanya Mahaprabhu | |
Baap Beti | |
1956 | Ayodhyapati |
1957 | Ustad |
Aasha | |
1959 | Dil Deke Dekho |
1960 | Hum Hindustani |
Ghunghat | |
Jab Pyar Kisi Se Hota Hai | |
1961 | Gharana |
Chhaya | |
1962 | Apna Banake Dekho |
1963 | Phir Wohi Dil Laya Hoon |
Meri Surat Teri Ankhen | |
Bin Badal Barsaat | |
Bharosa | |
Akhand Saubhagyavati | |
1964 | Ziddi |
1965 | Mere Sanam |
1966 | Teesri Manzil |
Love in Tokyo | |
Do Badan | |
Aaye Din Bahar Ke | |
1967 | Upkar |
Baharon Ke Sapne | |
1968 | Shikar |
Kahin Aur Chal | |
Kanyadaan | |
1969 | Sajan |
Pyar Ka Mausam | |
Mahal | |
Chirag | |
Aya Sawan Jhoom Ke | |
1970 | Pagla Kahin Ka |
Naya Raasta | |
Kankan De Ohle | |
Bhai-Bhai | |
Aan Milo Sajna | |
1971 | Kati Patang |
Mera Gaon Mera Desh | |
Jwala | |
Jawan Mohabbat | |
Caravan | |
Nadaan | |
1972 | Samadhi |
Rakhi Aur Hathkadi | |
1973 | Heera |
1974 | Anjaan Raahen |
1975 | Rani Aur Lalpari |
Zakhmee | |
1976 | Udhar Ka Sindur |
1977 | Kulvadhu |
Adha Din Aadhi Raat | |
1978 | Main Tulsi Tere Aangan Ki |
1979 | Prem Vivah |
Bin Phere Hum Tere | |
1980 | Sau Din Saas Ke |
Bulundi | |
1981 | Aakhri Mujra |
Khel Muqaddar Ka | |
Kaalia | |
1984 | Pakhandi |
Dharm Aur Qanoon | |
Manzil Manzil | |
1985 | Lava |
1986 | Preeti |
Car Thief | |
1988 | Sagar Sangam |
Main Tere Liye | |
Hamara Khandaan | |
Hum To Chale Pardes | |
1989 | Hathyar |
Batwara | |
Sharavegada Saradara | |
1993 | Insaaf Ka Khoon |
Professor Ki Padosan | |
Bhagyawan | |
1994 | Ghar Ki Izzat |
1995 | Andolan |
1999 | Sar Aankhon Par |