रंजिता कौर का परिचय
Ranjeeta Kaur : आज हम बात करेंगे 70 और 80 के दशक की मानी जानी अभिनेत्री रही रंजीता के बारे में। रंजीता बहुत ही मासूम और शांत दिखाई देती थी। लेकिन अभिनय बहुत ही शानदार किया करती थी। इनकी फिल्में आते ही तहलका मचा दिया करती थी। उस दौर का हर अभिनेता रंजीता के साथ काम करने की इच्छा रखता था। लेकिन एक अफेयर ने इनकी जिंदगी ही बदल दी, जो रंजीता अर्श में थी उन्हें फर्श में लाकर पटक दिया। र्ंजिता के इस अफेयर्स की वजह से उन्हे फिल्मों से संन्यास लेना पड़ा ।
इनका जन्म 22 सितंबर 1956 को पंजाब में हुआ था। इनका पूरा नाम रंजीता रावी कौर है। इन्होंने अपने बचपन में वैजयंती माला की फिल्म देखी और बहुत ज्यादा प्रभावित हुई। तभी से इन्होंने फिल्मों में आने का मन बना लिया, अपने सपने को पंख देने के लिए इन्होंने एक एक्टिंग स्कूल एंड टीवी इंस्टीट्यूट में एडमिशन लिया। इनकी पहली फिल्म थी- लैला-मजनू। इस फिल्म के रिलीज होते ही लोग रंजीता के दीवाने हो गए थे। इस फिल्म के गानों ने धूम मचा दी थी। इनकी एक और फिल्म अंखियों के झरोखों से आई जो जबरदस्त हिट रही और इस फिल्म के गाने भी खूब चले।
इस फिल्म के गाने आज भी लोगों को नए जमाने के लगते हैं। रंजीता ने उस समय के सभी बड़े अभिनेताओं के साथ काम किया था। रंजीता ने मिथुन चक्रवर्ती के साथ बहुत सी फिल्में की थी। तभी से मिथुन और रंजीता के अफेयर के चर्चे सामने आने लगे, उस वक्त रंजिता रावी कौर अपने करियर के टॉप पर थी। लेकिन अब उनको सक्सेस का घमंड हो गया था। सक्सेज उनके सर चढ़कर बोल रही थी। रंजिता अब लोगों से पहले की तरह बात नहीं करती थी। वह काफी चिड़चिड़ी स्वभाव की हो चुकी थी। जिस वजह से वह बाकी अभिनेत्रियों से पीछे होती जा रही थी।
इसकी एक वजह यह भी बताई जाती है कि उन्हें बोल्ड सीन देना बिल्कुल पसंद नहीं था। लेकिन जब उन्हें बोल्ड सीन करने को कहा गया तो उन्होंने साफ मना कर दिया। रंजीता अब पहले की तरह फिल्मों का चुनाव भी सही से नहीं कर पा रही थी। वह कोई भी फिल्में साइन कर लिया करती थी। जिस वजह से उनका कैरियर धीरे-धीरे खत्म होने लगा था। मिथुन के साथ उनका अफेयर भी उनके कैरियर में प्रभाव डाल रहा था। वह पहले जैसा ध्यान अपने कैरियर पर नहीं दे पा रही थी।
रंजीता का फिल्मी कैरियर केवल 15 साल का रहा और फिर उन्होंने फिल्मों से संन्यास लेना ही ठीक समझा। उनकी आखिरी फिल्म थी – गुनाहों का देवता। इसके बाद वह मुंबई छोड़ पुणे आ गई। पुणे में एक स्कूल में काम करने लगी, तभी उनकी मुलाकात एक बिजनेसमैन राज मसन्द से हुई और रंजीता ने उनसे शादी कर ली। 15 साल बाद वह फिल्म अनजाने से एक बार फिर फिल्मों में वापसी की पर इस बार उनका जादू नहीं चल पाया।
टीवी मे आजमाया अपना भाग्य
उन्होंने टीवी में भी हाथ आजमाने की कोशिश की पर इसमें भी वह कामयाब नहीं हो सकी। रंजीता ने अपने कैरियर में 47 फिल्म की थी। रंजीता को कभी कोई अवार्ड नहीं मिला। वह अवार्ड के लिए कई बार नॉमिनेट तो हुई पर उन्हें अवार्ड नहीं मिला।
रंजिता ने पति को मारने की कोशिश की
रंजीता एक बार तब सुर्खियों में आई जब उनके पति ने उनके ऊपर आरोप लगाया था कि उन्होंने उनके साथ मार-पीट की और रंजिता ने उन्हे चौथे माले से धक्का देने की कोशिश की थी। लेकिन यह मामला काफी दिनों तक नहीं चल पाया। परिवार वालों ने सुलह करवा दी थी। अब रंजीता उनका बेटा और उनके पति अब पुणे के एक गांव में साथ में ही रह रहे हैं।
रंजिता रोबी कौर की फिल्मों की सूची
फिल्म का वर्ष | फिल्म का नाम |
1976 | लैला मजनू |
1978 | अँखियो के झरोखो से |
1978 | दामाद |
1978 | पति पत्नी और वो |
1979 | मेरी बीबी की शादी |
1979 | भयानक |
1979 | सुरक्षा |
1979 | तराना |
1980 | आप तो ऐसे ना थे |
1980 | उन्नीस बीस |
1981 | अरमान |
1981 | धुआँ |
1981 | दर्द |
1981 | हमसे से बढ़कर कौन |
1981 | क्रोधी |
1982 | राजपूत |
1982 | उस्तादी उस्ताद से |
1982 | सत्ते पे सत्ता |
1982 | सुन सजना |
1982 | तेरी कसम |
1982 | हथकड़ी |
1983 | हादसा |
1983 | कौन? कैसे? |
1983 | मेहंदी |
1983 | मुझे इंसाफ चाहिए |
1983 | वो जो हसीना |
1984 | बाजी |
1984 | राज तिलक |
1986 | किसमतवाला |
1986 | कातिल |
1989 | दो कैदी |
1989 | गवाही |
1990 | दीवाना मुझ सा नहीं |
1990 | गुनाहो का देवता |
2005 | अंजाने: द अननोन |
2011 | जाना पहचाना |
2012 | जिंदगी तेरे नाम |
FAQ about Ranjeeta Kaur
प्रश्न – रंजीता कौर के पति का नाम क्या हैं?
रंजीता कौर के पति का नाम राज मसन्द हैं, जो की एक बिजनेसमैन हैं। उनके एक संतान भी हैं।
प्रश्न – रंजीता कौर के बेटे का नाम क्या हैं?
रंजीता कौर की शादी राज मसन्द से हुई हैं, रंजीता कौर के बेटे का नाम स्काइ मसन्द हैं, जो की अमेरिका मे बिजनेस करता हैं।
प्रश्न – रंजीता की सुपरहिट फिल्मे कौनसी हैं?
रणजीत की सुपरहिट फिल्मों मे लैला-मजनू हैं, इस फिल्म मे उमके साथ ऋषि कपूर थे, जबकि उनकी दूसरी सुपर हिट फिल्म अँखियो के झरोखो से हैं, इस फिल्म मे उनके साथ सचिन ने काम किया था।