अगर कोई आपकी फोटो बिना पर्मिशन के खिचे तो क्या यह अपराध है?
हां, अगर कोई आपकी फोटो आपके बिना पर्मिशन के खिचे तो यह अपराध है. यह एक प्रकार का निजता का उल्लंघन है. भारत में, निजता का अधिकार भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 में संरक्षित है. इस अनुच्छेद के तहत, हर व्यक्ति को अपनी निजता का अधिकार है और कोई भी व्यक्ति इस अधिकार का उल्लंघन नहीं कर सकता है.
अगर कोई आपकी फोटो आपके बिना पर्मिशन के खिचे तो आप उस व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं या आप एक सिविल मुकदमा भी दायर कर सकते हैं. अगर कोर्ट आपके पक्ष में फैसला देती है तो आप उस व्यक्ति को नुकसान भरपाई के लिए भी ज़िम्मेदार ठहरा सकते हैं.
हालांकि, कुछ ऐसे मामले भी हैं जिनमें किसी व्यक्ति की फोटो बिना पर्मिशन के खिंचाई जा सकती है. जैसे, अगर आप किसी सार्वजनिक स्थान पर हैं तो आपकी फोटो बिना पर्मिशन के खिंचाई जा सकती है. इसके अलावा, अगर आप किसी समाचार या किसी अन्य पत्रकारिता उद्देश्य के लिए हैं तो आपकी फोटो बिना पर्मिशन के खिंचाई जा सकती है.
अगर आप नहीं चाहते हैं कि आपकी फोटो बिना पर्मिशन के खिंचाई जाए तो आप कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं. जैसे, आप ऐसे कपड़े पहन सकते हैं जिनसे आपका चेहरा ढंक जाए. आप ऐसे स्थानों पर जा सकते हैं जो सार्वजनिक नहीं हैं. और आप किसी व्यक्ति को यह बता सकते हैं कि आप नहीं चाहते हैं कि वह आपकी फोटो खींचे.
किस कानून के तहत बिना पर्मिशन फोटो खिचना और शेयर करना अपराध माना जाएगा
भारत में, किसी व्यक्ति की तस्वीर बिना उसकी सहमति के लेना निजता के अधिकार का उल्लंघन है. यह भारतीय दंड संहिता की धारा 447 के तहत अपराध है. इस धारा के तहत, कोई भी व्यक्ति जो किसी व्यक्ति की तस्वीर बिना उसकी सहमति के लेता है, उसे तीन महीने की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है.
इसके अलावा, भारत में, किसी व्यक्ति की तस्वीर बिना उसकी सहमति के लेना सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत भी अपराध है. इस अधिनियम की धारा 43(a) के तहत, कोई भी व्यक्ति जो किसी व्यक्ति की तस्वीर बिना उसकी सहमति के लेता है और उसे किसी भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से संचारित करता है, उसे तीन साल की कैद या जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है.
यदि आप किसी व्यक्ति की तस्वीर बिना उसकी सहमति के लेते हैं, तो आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप कानून के उल्लंघन में नहीं हैं. यदि आप इस कानून का उल्लंघन करते हैं, तो आपको गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं.
अगर कोई आपकी फोटो बिना पर्मिशन के लेता हैं तो इसकी शिकायत कहा करनी चाहिए
अगर कोई आपकी फोटो बिना आपके अनुमति के लेता है, तो आप इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं. आप पुलिस में शिकायत दर्ज कर सकते हैं या आप एक सिविल मुकदमा भी दायर कर सकते हैं. अगर कोर्ट आपके पक्ष में फैसला देती है तो आप उस व्यक्ति को नुकसान भरपाई के लिए भी ज़िम्मेदार ठहरा सकते हैं. पुलिस में शिकायत दर्ज करने के लिए आपको अपने क्षेत्र के पुलिस स्टेशन में जाना होगा. आपको वहां एक शिकायत पत्र लिखना होगा और उसमें सभी विवरणों को शामिल करना होगा, जैसे कि कब और कहां आपकी फोटो ली गई थी, कौन व्यक्ति ने फोटो ली थी, और फोटो का उपयोग किस उद्देश्य के लिए किया गया था. आपको अपनी फोटो की एक कॉपी भी पुलिस को देनी होगी.
एक सिविल मुकदमा दायर करने के लिए आपको एक वकील को नियुक्त करना होगा. आपका वकील आपके लिए एक मुकदमा दायर करेगा और आपके अधिकारों की रक्षा करेगा. यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जो आपको इस तरह के मामलों में मदद कर सकते हैं:
- अगर कोई आपकी फोटो बिना आपके अनुमति के ले रहा है, तो उसे तुरंत रोकने के लिए कहें.
- अगर वह व्यक्ति आपकी बात नहीं सुनता है, तो उसकी फोटो लें और उसकी पहचान के लिए वीडियो रिकॉर्ड करें.
- पुलिस में शिकायत दर्ज करें.
- एक सिविल मुकदमा दायर करें.
- एक वकील से सलाह लें.
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि आपका निजता का अधिकार एक संवैधानिक अधिकार है. आपका अधिकार है कि आप अपनी फोटो बिना आपके अनुमति के ली न जाए. अगर कोई आपकी फोटो बिना आपके अनुमति के लेता है, तो आप इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं.
निजता को लेकर आईटी एक्ट 2000 के प्रावधान
सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (आईटी अधिनियम) एक भारतीय संघीय कानून है जो सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक लेनदेन को विनियमित करता है. यह अधिनियम 17 अक्टूबर, 2000 को लागू हुआ था.
आईटी अधिनियम में निजता के अधिकार को संरक्षित करने के लिए कई प्रावधान हैं. उदाहरण के लिए, धारा 43 के तहत, किसी व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत जानकारी को साझा करने या नहीं करने का अधिकार है. धारा 44 के तहत, किसी व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत जानकारी को संरक्षित करने का अधिकार है. धारा 45 के तहत, किसी व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत जानकारी को एक्सेस करने और संशोधित करने का अधिकार है.
आईटी अधिनियम में निजता के अधिकार को संरक्षित करने के लिए कई प्रावधान हैं